Wednesday, October 9, 2024
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आईआईएफटी और कैट इस बार एक ही दिन होगा

लखनऊ। कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (कैट) और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (आईआईएफटी) की प्रवेश परीक्षा इस बार एक ही दिन होने वाली है। जारी कार्यक्रम के मुताबिक इस बार कैट 26 नवंबर को होगा। जबकि इससे पहले ही आईआईएफटी भी 26 नवंबर को ही प्रवेश परीक्षा कराने की घोषणा कर चुका है।

ऐसे में देश भर के छात्रों को इस बार कैट और आईआईएफटी में एक का चुनाव करना होगा। ऐसा पहली बार हो रहा है जब मैनेजमेंट की दो राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं एक ही दिन हो रही हैं। ऐसे में इन परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों में खलबली मच गई है कि वह किस परीक्षा की तैयारी करें।

कैट में देशभर से लगभग 2 लाख अभ्यर्थी शामिल होते हैं। इन्हीं 2 लाख में लगभग 60 हजार अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो आईआईएफटी की भी परीक्षा देते हैं। पिछले कई सालों से आईआईएफटी अपनी परीक्षा पहले कराता है। उसके एक सप्ताह बाद कैट होता है।

पिछली बार कैट दिसंबर में हुआ था। इसी को ध्यान में रखते हुए आईआईएफटी ने 26 नवंबर को परीक्षा की तिथि घोषित की थी। हालांकि कैट की आयोजन समिति ने इस तिथि को ध्यान में न रखते हुए उसी दिन अपनी भी परीक्षा रख दी।

आईआईएफटी को होगा नुकसान
दोनो परीक्षाएं साथ होने से सबसे ज्यादा नुकसान आईआईएफटी को हो सकता है। क्योंकि आईआईएफटी अपने दिल्ली और कोलकाता कैंपस में ऐडमिशन के लिए यह एंट्रेंस एग्जाम कराता है। जबकि कैट के अंतर्गत सभी आईआईएम के अलावा कई बड़े बिजनस स्कूलों में ऐडमिशन का मौका मिलता है।

कैट के जरिए 150 से भी अधिक मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिला मिलता है। आईआईएफटी के स्कोर पर भी कुछ कॉलेज ऐडमिशन देते लेकिन वह बहुत अच्छे नहीं माने जाते। ऐसे में कैट का एग्जाम देकर अभ्यर्थियों को आईआईएम समेत ज्यादा कॉलेजों में विकल्प मिल सकेंगे।

तारीख बदलने के लिए किया ई-मेल
मैनेजमेंट एक्सपर्ट अनुभव सिंह ने बताया कि मैनेजमेंट के छात्रों के लिए दोनों ही परीक्षा महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों ने आईआईएफटी और कैट प्रशासन को ई-मेल किया है। इसमें अभ्यर्थियों ने परीक्षा की तिथि में फेरबदल की मांग की है।

उम्मीद है आईआईएफटी प्रशासन परीक्षा में फेरबदल कर सकता है। क्योंकि आईआईएफटी के परीक्षा केंद्र कम होते हैं। जबकि कैट के परीक्षा केंद्र अपेक्षाकृत सबसे ज्यादा होते हैं।

GST : ई-वे बिल की लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव

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नई दिल्ली। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) की व्यवस्था के तहत 50 हजार रुपये से ज्यादा का माल राज्यों के बीच लाने-ले जाने के लिए ई-वे बिल बनवाने का जो प्रस्ताव किया गया है, उसकी लिमिट बढ़ाई जा सकती है।

ऐसा व्यापारियों को परेशान करने की गुंजाइश घटाने और कथित इंस्पेक्टर राज की वापसी न होने देने के लिए किया जा सकता है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि जीएसटी काउंसिल कारोबारी सहूलियत बढ़ाने के लिए कई प्रक्रियाओं को सरल भी बना सकती है।

एक अधिकारी ने बताया, ‘लिमिट बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।’ इस संबंध में एक प्रस्ताव पर जीएसटी काउंसिल 5 अगस्त की बैठक में विचार कर सकती है। जीएसटी से जुड़े मामलों में फैसला करने के लिए यह काउंसिल शीर्ष संस्था है।

ई-वे बिल पर आम सहमति बनाना इस लिहाज से अहम है कि जीएसटी का पूरा लक्ष्य हासिल करने के लिए यह मसला हल करना जरूरी है। इससे राज्यों के बीच माल के ट्रांसपोर्ट में आसानी होगी।

काउंसिल कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स रेट्स को बदलने पर भी चर्चा कर सकती है। पहली जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद दिए गए प्रतिवेदनों और मिले फीडबैक के आधार पर यह चर्चा की जा सकती है।

काउंसिल जीएसटी के टेक इंफ्रास्ट्रक्चर और रिटर्न फाइलिंग के सिस्टम का जायजा भी ले सकती है। देश के भीतर 50000 रुपये से ज्यादा के किसी आइटम के ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वे बिल की जरूरत होगी।

इसे इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में एक तरह के परमिट के रूप में प्रस्तावित किया गया है, जिस पर ले जाए जाने वाले माल की डिटेल्स दर्ज होंगी। इस बात का डर जताया जा रहा है कि ई-वे बिल कारोबारियों को परेशान करने और करप्शन का जरिया बन सकता है और ऐसा होने पर जीएसटी का मकसद पूरा करने में बाधा पड़ेगी।

जीएसटी काउंसिल ने अभी ई-वे बिल के नियमों को मंजूरी नहीं दी है। राज्यों के बीच इस बात पर सहमति नहीं बन पाई है कि इस फ्रेमवर्क की जरूरत है या नहीं और अगर है तो इसकी प्रक्रिया क्या होगी।

काउंसिल ने राज्यों को छूट दी है कि जब तक नियमों को अंतिम रूप नहीं दे दिया जाता, तब तक वे मौजूदा फ्रेमवर्क लागू किए रहें। शुरुआत में केंद्र ने भी ई-वे बिल का विरोध किया था, लेकिन कुछ राज्यों की मांग के बाद उसने रुख बदल लिया।

जीएसटी नेटवर्क ई-वे बिल जेनरेट करेगा। ये बिल इस बात के आधार पर एक से 15 दिनों तक वैलिड रहेंगे कि माल कितनी दूरी तक ले जाना है। ड्राफ्ट रूल्स के अनुसार, एक दिन का परमिट 100 किलोमीटर तक के लिए होगा, जबकि 15 दिनों का परमिट 1000 किलोमीटर से ज्यादा के लिए होगा। अधिकारियों ने कहा कि इन नियमों में ढील देने की संभावना है।

टैक्स अफसरों को यह अधिकार है कि वे ई-वे बिल या ले जाए जा रहे सामान को वेरिफाई करने के लिए किसी भी गाड़ी की जांच कर सकते हैं। वे राज्य के भीतर ढोए जाने वाले या राज्य के बाहर ले जाए जाने वाले माल, दोनों सूरतों में ऐसी जांच कर सकेंगे।

जीएसटी ने राज्य और केंद्र स्तर के 17 करों और 23 उपकरों की जगह ली है। इसका मकसद बाजार के लिहाज से पूरे देश को एक इकाई में बदलना है। स्टेट कमर्शियल टैक्स चेक पोस्ट को जीएसटी लागू होने के बाद खत्म कर दिया गया है। इससे देशभर में माल की आवाजाही में सहूलियत बढ़ी है।

आरएफआईडी चिप्स और क्यूआर कोड्स के जरिए ट्रांसपोर्टेशन में सहूलियत बढ़ाने के प्रयास भी हो रहे हैं। लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री, खासतौर से कूरियर सर्विसेज ने प्रस्तावित ई-वे बिल सिस्टम को लेकर चिंता जताई है।

रोल्स रॉयस की नई 8th जनरेशन की फैंटम पेश

नई दिल्ली। लग्ज़री कारों की बादशाह मानी जाने वाली रोल्स रॉयस ने आठवीं जनरेशन की फैंटम से पर्दा उठाया है।नई फैंटम को कंपनी ने लंदन में आयोजित ‘दी ग्रेट एट फैंटम्स’ इवेंट के दौरान पेश किया है। नई फैंटम को मजबूत पर कम वज़नी नए एल्यूमिनियम स्पेसफ्रेम प्लेटफार्म पर तैयार किया गया है, कम वज़नी होने की वजह से इसका माइलेज बढ़ा है।

कंपनी का कहना है कि नई जनरेशन की घोस्ट और डॉन को भी इस नए प्लेटफार्म पर बनाया जाएगा। नई फैंटम में कंपनी का आइकॉनिक 6.75 लीटर वी12 इंजन लगा है, जो 571 पीएस की पावर और 900 एनएम का टॉर्क देता है।

इंजन के शोर-शराबे को रोकने के लिए कंपनी ने इस में दो टर्बोचार्जर लगाए गए हैं। यह इंजन 8-स्पीड ऑटो गियरबॉक्स से जुड़ा है। दिलचस्प बात ये है कि 2.5 टन वज़नी होने के बाद भी नई फैंटम 5.3 सेकंड में 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पा लेगी।

कंपनी का कहना है कि इस मामले में नई फैंटम पुराने मॉडल से करीब 10 फीसदी तेज है ।रोल्स रॉयस फैंटम दुनियाभर में लग्ज़री और कंफर्ट के लिए मशहूर है, नई फैंटम में कुछ नए फीचर जोड़े गए हैं जो इसे और बेहतर बनाएंगे। कंपनी के अनुसार इसकी लंबाई को करीब 20 फिट और चौड़ाई को 6.5 फिट बढ़ाया गया है।

 ये हैं फीचर्स

  • अर्ल्टनेस असिस्टेंस
  • 4-कैमरा सिस्टम के साथ पैनारोमिक व्यू
  • ऑल-राउंड विजिबिलिटी के साथ हेलिकॉप्टर व्यू
  • नाइट विज़न और विज़न असिस्ट
  • एक्टिव क्रूज़ कंट्रोल
  • कोलिजन और पैडरेशन वार्निंग
  • क्रॉस-ट्रैफिक वार्निंग
  • लेन डिपार्चर और लेन चेंज वार्निंग
  • 7×3 हाई-रेज्यूलेशन हैड्स-अप डिस्प्ले
  • वाई-फाई हॉटस्पॉट

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति तय करेगी शेयर बाजार की चाल

नई दिल्ली। इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा, आर्थिक आंकड़ों और इंडिया इंक के तिमाही नतीजों से तय होगी।  पिछले सप्ताह के दौरान बीएसई का सेंसेक्स 280.99 अंक यानी 0.87 फीसद बढ़ा था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी में 99.25 अंक या एक प्रतिशत की तेजी आई थी।

ट्रेड स्मार्ट ऑनलाइन के संस्थापक विजय सिंहानिया ने कहा कि रिजर्व बैंक की आगामी दोमाही मौद्रिक नीति समीक्षा और कंपनियों के जून तिमाही के परिणाम बाजार धारणा को प्रभावित करेंगे। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक दो अगस्त को होने वाली है।

इस हफ्ते पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, ल्यूपिन, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी प्रमुख कंपनियां अपने तिमाही वित्तीय नतीजों का एलान करेंगी।

सैम्को सिक्योरिटीज के सीईओ जिमीत मोदी ने कहा कि इस हफ्ते मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों को लेकर केंद्रीय बैंक के रुख का बेसब्री से इंतजार है। विशेषज्ञों ने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग और सेवाओं के पीएमआइ आंकड़े भी सप्ताह के दौरान कारोबारी धारणा को प्रभावित करेंगे।

आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स के अवनीश कुमार सुधांशु ने कहा कि मौद्रिक समीक्षा के अलावा पीएमआइ आंकड़ों से भी अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी

बीते हफ्ते सेंसेक्स की दस सबसे मूल्यवान कंपनियों में से आठ के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 62,997.73 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखने को मिली। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक को बाजार की तेजी के सबसे ज्यादा लाभ मिला।

एचडीएफसी का बाजार पूंजीकरण (सभी शेयरों का बाजार मूल्य) 22,651 करोड़ रुपये बढ़कर 2,84,140 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एचडीएफसी बैंक की बाजार हैसियत 19,579.63 करोड़ रुपये की बढ़त के साथ 4,58,002.04 करोड़ रुपये हो गई।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) का बाजार मूल्य 7,639.37 करोड़ बढ़कर 2,58,270.95 करोड़ रुपये रहा। इंफोसिस को 4,123.01 करोड़ की बाजार पूंजीकरण वृद्धि का फायदा मिला।

आइटीसी की हैसियत 3,344.5 करोड़ रुपये बढ़ गई। मार्केट कैप की बढ़ोतरी वाली कंपनियों में मारुति सुजुकी, ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज भी शामिल रहीं। इसके उलट टीसीएस और हिंदुस्तान यूनिलीवर के बाजार पूंजीकरण में क्रमश: 1,560 करोड़ व 963 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज हुई। 

 

By Shubham Shankdhar 

 

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राजधानी, शताब्दी, दूरंतो का सफर मंगलवार से होगा सस्ता

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धनबाद। राजधानी, दूरंतो और शताब्दी का सफर एक अगस्त से सस्ता हो जाएगा। यदि आप ट्रेन का खाना और नाश्ता नहीं लेंगे तो राजधानी, दूरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस का किराया 90 रुपए से 260 तक किफायती हो जाएगा। रेलवे ने एक अगस्त से ट्रेनों में कैटरिंग शुल्क की बाध्यता समाप्त कर दी है।

रेलवे की खानपान व्यवस्था पर कैग रिपोर्ट में उठे सवालों के बाद रेलवे ने नई व्यवस्था लागू की है। अब यदि आप ट्रेन में खाना, पानी और नाश्ता नहीं लेना चाहते हैं तो रेलवे आपको बाध्य नहीं करेगा। अभी राजधानी, दूरंतो और शताब्दी में नहीं चाहते हुए यात्रियों से कैटरिंग शुल्क के रूप में चार्ज लिया जाता है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड का आदेश धनबाद पहुंच गया है। तीनों प्रीमियम ट्रेनों की खानपान की व्यवस्था आइआरसीटीसी को सौंप दी गई है।

टिकट लेते समय पूछा जाएगा विकल्प
राजधानी, दूरंतो और शताब्दी में बुकिंग काउंटर से रिजर्वेशन लेते समय ही यात्रियों से पूछा जाएगा कि उन्हें ट्रेन पर कैटरिंग की सुविधा लेनी है अथवा नहीं। अभी रिजर्वेशन कार्यालय से टिकट बुक करने पर ही यह सुविधा मिल रही है।

आइआरसीटीसी की साइट से ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर अभी भी कैटरिंग का शुल्क देना अनिवार्य है। माना जा रहा है कि एक-दो दिनों में ऑन लाइन टिकट बुकिंग में भी कैटरिंग की अनिवार्यता को समाप्त कर विकल्प दिए जाएंगे।

किस ट्रेन में कितना है कैटरिंग चार्ज
हावड़ा और सियालदह राजधानी में धनबाद से नई दिल्ली की टिकट बुकिंग पर 220 रुपए कैटरिंग चार्ज के रूप में लिया जाता है। इसके बदले में यात्रियों को रात का खाना और सुबह का नाश्ता दिया जाता है। हालांकि फर्स्ट क्लास में यह शुल्क 260 रुपए है।

इसी तरह सियालदह-दूरंतो में धनबाद से नई दिल्ली जाने वाले यात्रियों से सुबह के नाश्ते के लिए 90 रुपए लिए जाते हैं, जबकि हावड़ा दूरंतो में धनबाद से नई दिल्ली की टिकट पर स्लीपर में 110 व थर्ड व सेकेंड एसी में 185 रुपए वसूला जाता है। शताब्दी एक्सप्रेस से धनबाद से रांची जाने वालों को 145 रुपए और धनबाद से हावड़ा जाने वालों को 175 रुपए कैटरिंग चार्ज चुकाना पड़ता है।

 सीनियर डीसीएम धनबाद आशीष कुमार झा ने बताया कि कैटरिंग चार्ज को वैकल्पिक बनाने संबंधी आदेश धनबाद रेल मंडल को मिल गए हैं। रिजर्वेशन ऑफिस के सिस्टम को अपडेट कर दिया गया है। ट्रेनों में खानपान की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भी लगातार प्रयास चल रहे हैं।

GST : 40 तरह के उत्पादों पर एचएसएन कोड को लेकर असमंजस

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जयपुर। पहले टैक्स नहीं था, अब है लेकिन पता नहीं कितना लगेगा। इस वजह से एक महीने से हमारा व्यापार ठप है। तो सरकार और ना ही सीए बता रहे हैं कि हमारे प्रोडक्ट का एचएसएन कोड क्या है। यह कहना है कई छोटे व्यापारियों का।
जिन उत्पादों की टैक्स रेट एचएसएन कोड को लेकर असमंजस बना हुआ है। इनमें लाख की चूड़ियां, बांस की टोकरियां, मावा, एंब्रायडरी, मूंगा जैसे करीब 40 उत्पाद है।

इनवायस जनरेट में करने में परेशानी
कई प्रोडक्ट का एचएसएन कोड नहीं होने तथा टैक्स रेट समेत दूसरी समस्याओं की वजह से इनवायस जनरेट में करने में परेशानी हो रही है। जीएसटी व्यवस्था में छोटे व्यापारियों के लिए कारोबार करना मुश्किल हो गया है। राज्य के साथ केंद्र सरकार के सामने भी इन समस्याओं को उठाया गया है, लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिला है।
-बाबूलालगुप्ता, अध्यक्ष, राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ 

एचएसएन कोड अलग-अलग
कई प्रोडक्ट्स के कई एचएसएन कोड अलग-अलग टैक्स रेट है। इससे इनवायस बनाना मुश्किल हो रहा है। व्यापारी तय नहीं कर पा रहे हैं कि कितना टैक्स लें। टैक्स कम लिया और सरकार ने रिकवरी निकाल दी तो भरपाई कैसे करेंगे। इस वजह से एंब्रायडरी, बांस की टोकरियां बेचने वालों समेत कई व्यापारियों ने अभी तक इनवायस जनरेट करना शुरू नहीं किया है।
-पंकज घीया, कर सलाहकार

वित्त सचिव (राजस्व) प्रवीण गुप्ता और वाणिज्यिक कर आयुक्त आलोक गुप्ता से वार्ता

  • क्या सौ फीसदी व्यापारियों का जीएसटी में माइग्रेशन हो गया है?
  • प्रदेश में अभी तक 89% व्यापारियों का जीएसटी में माइग्रेशन हुआ है। शेष वो लोग हैं, जो जीएसटी के दायरे से बाहर है। इनका टर्नओवर 20 लाख से कम है।
  • कंपोजीशन स्कीम में व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। विभाग क्या कर रहा है?
  • यह समस्या थी, लेकिन अब कंपोजीशन स्कीम में रजिस्ट्रेशन की तिथि 21 जुलाई से बढ़ाकर 16 अगस्त तक कर दी गई है। इससे व्यापारी रजिस्ट्रेशन करा लेंगे।
  • जीएसटी नेटवर्क पर इनवॉयस अपलोड प्रक्रिया में परेशानी है। विभाग की क्या तैयारी है?
  • बड़ी संख्या में इनवॉयस जनरेट करने वाले बी 2 बी व्यवसायियों के लिए जीएसटीएन पर इनवॉयस अपलोड करने की प्रक्रिया 24 जुलाई से शुरू कर दी गई है। कंपनियों को सितंबर में इनवॉयस आधारित रिटर्न दाखिल करनी है।
  • लेकिन आखिरी समय में नेटवर्क पर भारी दबाव से होने वाली परेशानी से बचने के लिए व्यापारी अभी से इनवॉयस अपलोड करना शुरू कर दें। इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने में भी आसानी होगी। किसी भी समस्या के समाधान के लिए वाणिज्यिक कर विभाग की हेल्प डेस्क नंबर 18001806102 पर संपर्क कर सकते हैं।
  • इसके अलावा कारोबारी केंद्रीकृत कॉल सेंटर नंबर 18001806127 तथा ईमेल gstquery@rajasthan.gov.in के जरिए भी अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं।

बेटियों को मिलेगी मुफ्त कोचिंग, आईआईटी में सलेक्शन पर पढ़ाई फ्री

कोटा। बेटियों को अब आईआईटी की तैयारी के लिए शहर के केंद्रीय स्कूल-2 में निशुल्क कोचिंग दी जाएगी। देशभर के करीब 65 स्कूलों में कोटा का चयन किया गया है। यहां करीब 30 बेटियों को मुफ्त में कोचिंग दी जाएगी। केंद्र सरकार की उड़ान योजना में सीबीएसई के माध्यम से यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।

किसी छात्रा का आईआईटी में सलेक्शन होता है तो उसकी पढ़ाई से लेकर हॉस्टल, बुक्स सहित अन्य खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

केंद्रीय स्कूल-2 प्रशासन के अनुसार इसके लिए कक्षा 10 में 8 सीजीपीए और कम से कम 76 प्रतिशत अंक के साथ कक्षा 11 में साइंस, मैथ्स अथवा बॉयोलॉजी के साथ मैथ्स सब्जेक्ट होना अनिवार्य है। साथ ही माता-पिता की कुल वार्षिक आय 6 लाख रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए।

छात्राएं सीबीएसई की वेबसाइट पर 7 अगस्त तक ऑनलाइन फॉर्म सबमिट कर सकती हैं। यदि इसमें किसी छात्रा को समस्या हो रही है तो केंद्रीय स्कूल-2 से फॉर्म भरने की भी व्यवस्था निशुल्क रहेगी। संबंधित छात्राएं स्कूल के फोन नंबर 0744- 2466171 पर संपर्क कर सकती हैं।

यहां दो साल की पढ़ाई में यदि किसी छात्रा का आईआईटी में सलेक्शन होता है तो उसकी पढ़ाई से लेकर हॉस्टल, बुक्स सहित अन्य खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। यही नहीं सीबीएसई की ओर से इसमें आदेश जारी हुए तो संबंधित छात्रा के माता-पिता को एक बार दिल्ली ट्रेन से घुमाया भी जाएगा।

सप्ताह में दो दिन कक्षाएं, फ्री में टैबलेट और किताब
प्रिंसिपल जखोड़िया ने बताया कि इस योजना में सलेक्शन के बाद संबंधित छात्राओं को दो साल तक निशुल्क पढ़ने की सुविधा रहेगी। यहां एडमिशन के बाद करीब 15 हजार रुपए का टैबलेट फ्री में दिया जाएगा। उन्हें बैग, बुक्स सहित अन्य आयटम भी निशुल्क मिलेंगे।

 कोटा के केंद्रीय स्कूल-2 में लगेगी छात्राओं की कोचिंग क्लास
देश के 65 सेंटर में कोटा केंद्रीय स्कूल-2 का चयन हुआ है। उड़ान प्रोजेक्ट में छात्राओं को इंजीनियरिंग सेक्टर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। छात्राओं के लिए पूरी व्यवस्था निशुल्क रहेंगी।
-शेखर जखोड़िया , प्रिंसिपल, केंद्रीय स्कूल-2

सप्ताह में दो दिन शनिवार को दोपहर एक से 5 बजे और संडे को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक यहां पढ़ाई करवाई जाएगी। दिल्ली से समय-समय पर वर्ल्ड क्लास फैकल्टी से भी इनकी ऑनलाइन कक्षाएं लगेंगी।

7 अगस्त तक भरे जाएंगे फाॅर्म, 10 तक होगा वेरीिफकेशन
केंद्रीय स्कूल-2 प्रिंसिपल शेखर जखोड़िया ने बताया कि अंतिम तिथि के बाद 10 अगस्त तक छात्राओं के डॉक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन होंगे।

इसमें छात्राओं को फॉर्म की हार्ड कॉपी के साथ सभी ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन के समय साथ लाने होंगे। इसके बाद अधिक संख्या होने पर मेरिट लिस्ट के आधार पर सलेक्शन किया जाएगा। वेटिंग लिस्ट भी जारी होगी।

 

जाली नोट और काली कमाई के दोगुना मामले सामने आए, 562 करोड़ जब्त

नयी दिल्ली। पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश के बाजारों में संदिग्ध लेन-देन, जाली नोट, सीमा पार से धन के अंतरण के पकड़े गए मामले बढ़कर दोगुना हो गए तथा 560 करोड़ रुपये के कालेधन का खुलासा हुआ। एक सरकारी रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है।

वित्त मंत्रालय के प्रतिष्ठित तकनीकी जांच निकाय फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट (एफआईयू) की रिपोर्ट में कहा गया है कि विा वर्ष 2015-16 के दौरान बड़ी संख्या में ऐसी घटनाएं सामने आयीं।

सभी बैंक और वित्तीय  कंपनियां देश के धन-शोधन एवं आतंकवाद वित्त पोषण निरोधक उपायों के अनुपालन की बाध्यता के तहत ऐसे किसी भी प्रकार के लेन-देन की खबर इस यूनिट को देती हैं।

हाल की इस रिपोर्ट में कहा गया है, वित्तवर्ष 2015-16 में एफआईयू को ऐसी रिपोर्ट मिलने, उसके प्रोसेस और वितरण में खासी वृद्धि हुई।

उसके अनुसार नकद लेन-देन रिपोर्ट की संख्या 2014-15 के 80 लाख से बढ़कर 2015-16 में 1.6 हो गया जबकि संदिग्ध लेन रिपोर्ट 58,646 से बढ़कर 1,05,973 हो गयी।

रपट में कहा गया है, जाली नोट के चलन संबंधी दर्ज रपटों में 16 % और लाभ-निरपेक्ष संगठनों के लेनदेन की रपटों में 25 % हो गयी। इस दौरान सीमापार इलेक्ट्रानिकअंतरण के पकड़े गए संदिग्ध मामलों 850 करोड की वृद्धि हुई। 

इस केंद्रीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनयम की विभिन्न धाराओं के तहत नियमों का उल्लंघन करने वाले निकायों को रिकार्ड 21 पाबंदियां भी जारी की। इस एजेंसी पर भारतीय बैंकिंग एवं अन्य वित्तीय चैनलों में संदिग्ध लेन-देनों का विश्लेषण का जिम्मा है।

भारत का चीन को इंजीनियरिंग निर्यात बढ़कर 123 फीसद हुआ

नई दिल्ली। अप्रैल से जून तिमाही के दौरान चीन में भारत के इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात में 123 फीसद का इजाफा हुआ है। इस इजाफे के साथ यह 629 मिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। यह इजाफा नॉन-फेरस मैटल के शिपमेंट में हुई बढ़ोतरी के कारण दिखा है। यह जानकारी ट्रेड बॉडी ईईपीसी इंडिया के जरिए सामने आई है। 

पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में चीन को देश का निर्यात 282 मिलियन (28.2 करोड़) डॉलर रहा था। यह इजाफा इस मायने में महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का चीन के साथ व्यापारिक घाटा बड़े स्तर पर बढ़ा है, जो कि बीते साल 46.56 बिलियन डॉलर रहा है।

ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय निर्यात में गिरावट जारी है, जबकि द्विपक्षीय व्यापार में मामूली रूप से 2.1 फीसद की गिरावट आई और यह लगभग 71 अरब डॉलर रहा है।

कॉमर्स मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक जून में भारत का कुल निर्यात 4.39 फीसद बढ़कर 23.56 बिलियन डॉलर रहा है। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में शिपमेंट 10.57 फीसद बढ़कर 72.21 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि आयात 32.78 फीसद बढ़कर 112.2 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया (40 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा छोड़ने के बाद)।

वहीं भारत से चीन तक इंजीनियरिंग सामानों की शिपमेंट्स जून में कुल 234 मिलियन डॉलर की रही, जबकि बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 94 मिलियन डॉलर का रहा था। 

 

 

By Praveen Dwivedi  

मॉर्गन स्टेनली ने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को कम किया

नई दिल्ली। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने साल 2017 के लिए अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को घटाकर 3.1 फीसद कर दिया है। इससे पहले उसने जीएसटी और मानसून का हवाला देते हुए मुद्रास्फीति के 3.6 फीसद रहने का अनुमान लगाया था।

हालांकि इसने यह भी कहा कि जून के महीने के दौरान हैडलाइन इन्फ्लेशन बढ़ी है और इसमें क्रमिक वृद्धि अभी भी बरकरार है। मॉर्गन स्टेनली ने कैलेंडर इयर 2017 के लिए हैडलाइन सीपीआई को संशोधित करते हुए 3.6 फीसद से 3.1 फीसद कर दिया है। वहीं साल 2018 के लिए उसने अपने अनुमान को 4.6 फीसद से घटाकर 4.3 फीसद कर दिया है।

साथ ही उसने चालू वित्त वर्ष के लिए हैडलाइन सीपीआई के 3.2 फीसद रहने और वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 4.3 फीसद रहने की उम्मीद जताई है जो कि पहले 4.5 फीसद अनुमानित थी।

मॉर्गन स्टेनली ने अपने पूर्वानुमान को क्यों बदला
दो अहम कारकों के चलते मॉर्गन स्टेनली ने अपने पूर्वानुमान को बदला है। पहला, खाद्य मुद्रास्फीति की साल-दर-साल में गिरावट लगातार अधिक रही है और वहीं दूसरा जीएसटी, एचआरए में इजाफा होना और मानसून का बेहतर रहना भी प्रमुख रहा है।

सब्जियों, दालों और दूध उत्पादों जैसे खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आने के कारण जून में खुदरा मुद्रास्फीति 1.54% के ऐतिहासिक स्तर पर आ गई। आरबीआई के मौद्रिक नीतिगत रुख पर, रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति में हालिया गिरावट ने एक और दर कटौती की गुंजाइश को तेज किया है।