Wednesday, October 9, 2024
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फेरारी जीटीसी4लूसो टी लॉन्च, कीमत 4.2 करोड़

नई दिल्ली। फेरारी ने जीटीसी4लूसो टी को लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत 4.2 करोड़ रुपये (एक्स-शोरूम) रखी गई है। फेरारी कारों की रेंज में यह एफएफ की जगह लेगी। इसके अलावा कंपनी ने पावरफुल वेरिएंट जीटीसी4लूसो को भी लॉन्च किया है, इसकी कीमत 5.2 करोड़ रूपए (एक्स-शोरूम) है।

जीटीसी4लूसो का डिजायन एफएफ सुपरकार से मिलता-जुलता है, हालांकि पावर के मोर्चे पर यह एफएफ से काफी आगे है। इस में 6.3 लीटर का पेट्रोल इंजन लगा है, जो 689 पीएस की पावर और 697 एनएम का टॉर्क देता है।

एफएफ की तुलना में इस में 29 पीएस की ज्यादा पावर और 14 एनएम का ज्यादा टॉर्क मिलता है। यह इंजन 7-स्पीड ड्यूल-क्लच ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से जुड़ा है, जो सभी पहियों पर पावर सप्लाई करता है।

जीटीसी4लूसो की टॉप स्पीड 335 किलोमीटर प्रति घंटा है। 0 से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पाने में इसे 3.4 सेकंड का समय लगता है, इस मामले में यह एफएफ से 0.4 सेकंड तेज है। जीटीसी4लूसो टी की बात करें तो इस में 3.9 लीटर का वी8 इंजन लगा है, जो 610 पीएस की पावर और 760 एनएम का टॉर्क देता है।

यह इंजन 7-स्पीड ड्यूल-क्लच ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से जुड़ा है। इसकी टॉप स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा है। 100 की रफ्तार पाने में इसे 3.5 सेकंड का समय लगता है।

इमामी का पहली तिमाही में मुनाफा 98 % गिरा

नई दिल्ली। दैनिक उपभोग के उत्पाद बनाने वाली कंपनी इमामी लिमिटेड का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 98.16 फीसदी गिरकर 1.04 करोड़ रुपये रह गया है।

पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसका शुद्ध मुनाफा 56.65 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने बताया कि आलोच्य तिमाही में उसकी कुल बिक्री भी 16.16 प्रतिशत कम होकर पिछले वित्त वर्ष के 645.43 करोड़ रुपये की तुलना में 541.10 करोड़ रुपये रह गई।

बजाज ऑटो की बिक्री जुलाई में घटी
दोपहिया एवं तिपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी बजाज ऑटो लिमिटेड की बिक्री इस साल जुलाई महीने में सात प्रतिशत गिरकर तीन लाख सात हजार 727 इकाई पर हो गई है। पिछले साल के इसी महीने में उसने तीन लाख 29 हजार 833 वाहन बेचे थे।

कंपनी ने बताया कि उसकी आलोच्य महीने के दौरान मोटरसाइकिलों की बिक्री पिछले साल के दो लाख 85 हजार 527 इकाइयों की तुलना में सात प्रतिशत गिरकर दो लाख 65 हजार 182 इकाई रह गई है। इस दौरान उसका निर्यात भी आठ फीसदी कम होकर एक लाख 31 हजार 811 वाहनों से घट कर एक लाख 21 हजार 230 इकाई पर आ गया है।

एडेलवेस फाइनैशियल सविर्सेज का पहली तिमाही का मुनाफा बढ़ा
वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी एडेलवेस फाइनैंशियल सविर्सेज को इस वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही में एकीकृत आधार पर 196.3 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 139.68 करोड़ रुपये से 40.5 फीसदी अधिक है।

कंपनी ने बताया कि उसको आलोच्य अवधि में उसकी कुल आय बढ़कर 1,887.87 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसकी कुल आय 1,465.40 करोड़ रुपये रही थी।  

गोदरेज प्रॉपर्टीज का मुनाफा 46 फीसदी गिरा
रियल्टी क्षेत्र की कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज का शुद्ध मुनाफा इस वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही में 46 फीसदी गिरकर 23.37 करोड़ रुपये पर आ गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसका शुद्ध मुनाफा 43.47 करोड़ रुपये रहा था।

तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय पिछले वित्त वर्ष के 333 करोड़ रुपये की तुलना में तीन प्रतिशत बढ़कर 345 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।

पीएनबी का पहली तिमाही शुद्ध लाभ बढ़ा
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही का शुद्ध लाभ 12.09 प्रतिशत बढ़कर 343.40 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। डूबे कर्ज के एवज में प्रावधान कम होने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में बैंक ने 306.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।

 

LPG पर नहीं केरोसिन पर खत्म होगी सब्सिडी

नई दिल्ली। एलपीजी पर सब्सिडी खत्म करने पर विरोध का सामना करने के बाद केंद्र सरकार अब केरोसिन पर सब्सिडी मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर रही है।  सरकार ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि केरोसिन की खपत ग्रामीण इलाकों में काफी कम हो गई है। 

 केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों को प्रत्येक पखवाड़े में 25 पैसे सब्सिडी खत्म करने के लिए कहा है। ऐसा केरोसीन की खपत में कमी को देखकर किया जा रहा है। वहीं एक अन्य खबर के मुताबिक मोदी सरकार एलपीजी पर सब्सिडी खत्म करने के अपने फैसले पर बैकफुट पर आ गई है। 

गौरतलब है कि केरोसिन तेल की डिमांड में कमी देखी जा रही है। गांवों में सरकार ने बीते तीन वर्षों में गैस कनेक्शन की सप्लाई में बढ़ोत्तरी की है। वहीं दिल्ली और चंडीगढ़ को पहले ही केरोसिन फ्री राज्य घोषित किया जा चुका है।  साल 2016-17 में केरोसिन की मांग 21 प्रतिशत घटी है।

केंद्र सरकार ने सरकारी तेल कंपनियों से सब्सिडी पर मिलने वाली रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतें हर महीने प्रति सिलेंडर 4 रुपये बढ़ाने का फैसला किया है। इसका मकसद अगले साल मार्च तक पूरी सब्सिडी को खत्म करना है। 

इससे पहले, सरकार ने इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से सब्सिडी पर मिलने वाली एलपीजी के दाम में हर महीने 2 रुपये तक की बढ़ोतरी करने को कहा था। प्रधान ने लोकसभा को दिए लिखित जवाब में बताया कि अब कीमत बढ़ोतरी को दोगुना कर दिया गया है, जिससे सब्सिडी को खत्म किया जा सके। 

165 अंक फिसल कर खुला शेयर बाजार

मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को शुरू हुआ गिरावट का दौर गुरुवार को भी जारी रहा। अंतरराष्ट्रीय बाजार से कमजोरी के संकेतों के बीच बाजार गिरावट के साथ खुले हैं।

प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 165 अंक की कमजोरी के साथ 32308 के स्तर पर और निफ्टी 51 अंक की कमजोरी के साथ 10029 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, मिडकैप में 0.21 फीसद और स्मॉलकैप में 0.10 फीसद की कमजोरी देखने को मिल रही है।

वैश्विक बाजार में कमजोरी
अंतरराष्ट्रीय बाजार से कमजोरी के संकेतों के बीच तमाम एशियाई बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है। जापान का निक्केई 0.31 फीसद की कमजोरी के साथ 20017 के स्तर पर, चीन का शांघाई 0.24 फीसद की कमजोरी के साथ 3277 के स्तर पर, हैंगसैंग 0.11 फीसद की कमजोरी के साथ 27580 के स्तर पर और कोरिया का कोस्पी 1.50 फीसद की कमजोरी के साथ 2391 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

वहीं, बुधवार को अमेरिकी बाजार के प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 0.24 फीसद की बढ़त के साथ 22016 के स्तर पर, एसएंडपी500 0.05 फीसद की बढ़त के साथ 2477 के स्तर पर और नैस्डैक सापट होकर 6362 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है।

बैंकिंग शेयर्स में मुनाफावसूली
सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो ऑटो और फार्मा को छोड़ सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। बैंक (0.59 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.37 फीसद), एफएमसीजी (0.57 फीसद), आईटी (0.22 फीसद), मेटल (0.50 फीसद) और रियल्टी (0.41 फीसद) की गिरावट देखने को मिल रही है।

बैंको में राष्ट्रव्यापी हड़ताल 22 को , बैंक कर्मी आज करेंगे प्रदर्शन

कोटा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने 22 अगस्त को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का आव्हान किया है। हड़ताल से संबंधित कार्यक्रमों के अंतर्गत गुरुवार को बैंक कर्मी एवं अधिकारी सायं 5.15 बजे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया गोवर्धनपुरा कोटा शाखा के समक्ष प्रदर्शन करेंगे।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस कोटा के संयोजक पदम पाटोदी ने बताया कि  जनविरोधी बैंकिंग सुधार,कॉर्पोरेट एनपीए को बट्टे खाते में डालने तथा बैंक प्रभार बढ़ाने के विरोध में तथा संसदीय समिति की एनपीए वसूली हेतु दी गई रिपोर्ट लागू करने की मांग है।

उन्होंने बताया कि यह हड़ताल एनपीए की वसूली हेतु कारगर कदम उठाने, एफडीआई बिल वापस लेने, बैंक बोर्ड ब्यूरो समाप्त करने, सभी वर्गों में नई भर्ती करने, तथा बैंककर्मियों के मुद्दे तुरंत हल करने की मांग को लेकर की जाएगी।

 

GST : रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म बना कारोबार में बाधक, देखिए वीडियो

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कोटा। जीएसटी लागू हुए एक माह से अधिक समय हो गया है। फिर भी करदाता डीलर्स की परशानियाँ कम नहीं हो रही हैं। वह अपना काम -धंधा छोड़कर टैक्स कंसल्टेंट के पास चक्कर काट रहे हैं।

कहीं एचएसएन कोड, कहीं रेट्स को लेकर, तो कहीं रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म को लेकर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इस बारे में हमारे चैनल LEN-DEN NEWS ने जीएसटी कमेटी राजस्थान के सदस्य एवं ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ टैक्स प्रैक्टिशनर्स के पूर्व अध्य्क्ष  एमएल पाटोदी से बातचीत की, तो उन्होने भी यह स्वीकार किया। पूरी जानकारी के लिए देखिए हमारा यह वीडियो—

आठवीं तक फेल न करने की नीति खत्म होगी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार छात्रों को आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति को खत्म करने की तैयारी में है। कैबिनेट ने इससे जुड़े प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा देश भर में 20 विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोलने वाले प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई है।

20 विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोलने एवं छात्रों को आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति को कैबिनेट की मंजूरी 

सरकार नो डिटेंशन नीति को खत्म करने के लिए ‘बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा संशोधन विधेयक’ लाएगी। इसमें पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल होने का प्रावधान फिर से जोड़ा जाएगा।

हालांकि, असफल छात्रों को दूसरा मौका दिया जाएगा। उसमें भी फेल होने पर छात्रों को पांचवीं या आठवीं कक्षा में ही फिर से पढ़ाई करनी होगी।

इसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। 1 अप्रैल, 2010 को अमल में आए शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत आठवीं कक्षा तक छात्रों को फेल-पास के झंझट से मुक्ति दे दी गई थी। यह आरटीई का महत्वपूर्ण प्रावधान था।मंत्रिमंडल ने देश भर में 20 विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान खोलने वाले प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

सार्वजनिक क्षेत्र के हर संस्थान के लिए 500-500 करोड़ रुपये आवंटित करने की उम्मीद है। वित्त विभाग की व्यय समिति ने पांच हजार करोड़ रुपये आवंटित करने पर कदम उठाना शुरू भी कर दिया है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फरवरी में दस सार्वजनिक और इतने ही निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव पास किया था। आम बजट में इसका उल्लेख भी किया गया था।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके लिए अलग से नियम-कायदे भी तैयार किए हैं। सभी 20 विवि को विदेशी छात्रों से फीस लेने, दाखिला देने और शिक्षकों को वेतन देने में पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी। फिलहाल विश्वविद्यालय को यह छूट प्राप्त नहीं है।

 

सत्ता पक्ष के विधायक ने की जीएसटी वापस लेने की मांग

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कोटा| विधायक भवानी सिंह राजावत जीएसटी का विरोध कर एक बार फिर विवादों में घिर गए । वे हमेशा विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं।  इस बार उन्होने सत्ता पक्ष के होते हुए सरकार से जीएसटी वापस लेने की मांग कर डाली।

कोटा के विकास कार्य ठप होने पर सरकारी अधिकारियों पर भड़के विधायक

उन्होंने 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होने पर शहर के विकास कार्य ठप होने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे वापस ले या मध्यप्रदेश की तर्ज पर यहां पर विकास कार्य करवाए जाएं।

उन्होंने कहा कि इसके कारण यूआईटी, निगम पीडब्ल्यूडी में चल रहे सभी विकास कार्य ठप हो गए हैं।

ठेकेदारों ने काम को अधूरा छोड़ दिया है, जिससे सभी प्रोजेक्ट ठप हो गए हैं। वे बुधवार को यूआईटी के सभागार में विभाग के अधिकारियों की बैठक में अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर चर्चा कर रहे थे।

पारदर्शी हो कार्यशैली
राजावत ने कहा कि न्यास की कार्यशैली पारदर्शी होनी चाहिए, संतुलित विकास की होनी चाहिए, नगर निगम सीमा में आये गांवों में मुक्तिधामों का विस्तार करवाना आदि प्राथमिकता होनी चाहिए।

बैठक में अध्यक्ष आरके मेहता, उपमहापौर सुनीता व्यास, भाजपा जिला उपाध्यक्ष राकेश मिश्रा, नगर विकास न्यास सचिव आनंदीलाल वैष्णव, उपसचिव कीर्ति राठौड़, दीप्ति मीणा, कृष्णा शुक्ला, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एस के सिंघल, अधिशाषी अभियंता पी दुबे भी उपस्थित थे।

रेलवे स्टेशनों पर 33% स्टॉल्स अब महिलाओं को

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कोटा| नई कैटरिंग पॉलिसी में सभी रेलवे स्टेशनों पर 33 फीसदी स्टॉल महिलाओं को दिए जाएंगे। साथ ही सभी बेस किचन रेलवे के अधीन होंगे। जिसके तहत सभी पेंट्रीकार सर्विस कॉन्ट्रेक्ट आईआरसीटीसी को दी जाएगी।

कैटरिंग सर्विसेज में स्वयं सहायता समूह को भी जोड़े जाने की योजना है। सभी रेलवे स्टेशनों पर दूध के स्टॉल्स भी लगाए जाएंगे। रेलवे नई कैटरिंग पॉलिसी से ट्रेनों के पेंट्रीकार में खाने की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास किया गया है। पॉलिसी के तहत ट्रेनों में खाना नहीं पकेगा।

आईआरसीटीसी अपने बेस किचन में खाना तैयार करवाएगी, फिर आउटसोसिंग प्रोफेशनल कंपनियों के जरिए यात्रियों को पहुंचाएगी। आईआरसीटीसी यात्रियों को पौष्टिक गुणवत्तापूर्ण खाना उपलब्ध करवाएगी। पेंट्रीकार पर आईआरसीटीसी की जिम्मेदारी होगी। आईआरसीटीसी ही ठेका देगी।

उसकी मॉनिटरिंग करेगी। रेलवे के वाणिज्य विभाग के कर्मचारी निरीक्षण तो कर सकेंगे, लेकिन रिपोर्ट तैयार कर संबंधित रेलवे आईआरसीटीसी को भेजेंगे। उन्हें ही जुर्माना तय करना होगा। जुर्माना रेलवे नहीं कर सकेगी।

 

 

RBI ने बैंकों से दरों में और कटौती करने को कहा

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नीतिगत दरों में कटौती का पूरा लाभ नहीं देने को लेकर बैंकों को दोष देते हुए बुधवार को कहा कि वह कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर प्रणाली (MCLR) से असंतुष्ट है।

उसने कहा कि वह बाजार आधारित नया मानक पर विचार कर रहा है ताकि ग्राहकों को दरों में कटौती का बेहतर तरीके से लाभ मिल सके। शीर्ष बैंक ने कहा कि बैंकों के लिए कुछ सेगमेंट्स में ब्याज दरों में कटौती की और गुंजाइश है।

केंद्रीय बैंक की 2017-18 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर विरल आचार्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘ग्राहको को नीतिगत दर में कटौती का लाभ बेहतर तरीके से देने को लेकर अप्रैल 2016 में पेश MCLR का अनुभव पूरी तरह संतोषजनक नहीं है।

आचार्य ने कहा कि रिजर्व बैंक ने MCLR सिस्टम के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन और बैंक ब्याज दर को सीधे बाजार को निर्धारित करने वाले मानकों से जोड़ने की संभावना तलाशने को लेकर आंतरिक अध्ययन समूह गठित किया है। उन्होंने कहा कि समूह इस साल 24 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट दे देगा।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि MCLR आधारित ब्याज दर के जरिये बढ़ा हुआ लाभ देने के मामले में अप्रैल 2016 में पुरानी व्यवस्था आधार दर की जगह लाई गई यह प्रणाली सकारात्मक रही।

उल्लेखनीय है कि MCLR पेश किये जाने और ब्याज दरों में कटौती के बाावजूद रिजर्व बैंक बार-बार बैंकों से यह शिकायत करता रहा है कि उसने नीतिगत दर में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देने व आर्थिक वृद्धि के लिए धीमे पड़े निजी निवेश को गति देने में मदद के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।

आचार्य ने यह भी कहा कि फंसे कर्ज NPA के मोर्चे पर जारी समाधान प्रक्रिया से ग्राहकों को दर में कटौती का बेहतर तरीके से लाभ दिया जा सकेगा क्योंकि बैंक की बैंलस शीट पर दबाव कम होगा।