Tuesday, October 8, 2024
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जियो की डाउनलोड स्पीड जुलाई में भी तेज

नयी दिल्ली। देश में 4जी दूरसंचार सेवाएं देने वाली प्रमुख चार कंपनियों में नयी कंपनी रिलायंस जियो की औसत डाउनलोड स्पीड जुलाई में 18.65 एमबीपीएस के साथ सबसे अधिक दर्ज की गई है। वहीं देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवाप्रदाता एयरटेल इस मामले में चौथे स्थान पर रही है।

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ट्राई के माईस्पीड पोर्टल के अनुसार जुलाई में जियो की औसत डाउनलोड स्पीड 18.65 मेगाबाइट प्रति सेकेंड एमबीपीएस दर्ज की गई है।

जबकि एयरटेल की औसत डाउनलोड स्पीड इस अवधि में सबसे कम 8.91 एमबीपीएस दर्ज की गई। इस मामले में 11.07 एमबीपीएस स्पीड के साथ वोडाफोन दूसरे और 9.46 एमबीपीएस स्पीड के साथ आइडिया तीसरे स्थान पर रही है। इससे पहले जून में जियो की औसत डाउनलोड स्पीड 18.80 एमबीपीएस और मई में 19.12 एमबीपीएस दर्ज की गई थी।

जून में एयरटेल की औसत डाउनलोड स्पीड 8.22 एमबीपीएस और मई में 10.15 एमबीपीएस थी। इसी प्रकार वोडाफोन की औसत डाउनलोड स्पीड जून में 12.29 एमबीपीएस और मई में 13.38 एमबीपीएस दर्ज की गई थी।आइडिया की जून में औसत डाउनलोड स्पीड 11.68 एमबीपीएस और मई में 13.70 एमबीपीएस थी।

 

हड़ताल के समर्थन में बैंक कर्मियों का प्रदर्शन

कोटा। बैंकों की 22अगस्त की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन मे गुरुवार को बैंक कर्मियों एवं अधिकारियों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की झालावाड़ रोड स्थित गोवर्धनपुरा कोटा शाखा के समक्ष प्रदर्शन किया। 

जन विरोधी बैंकिंग सुधार, कॉर्पोरेट एनपीए को बट्टे खाते में डालने, बैंक प्रभार बढ़ाने के विरोध , एनपीए वसूली हेतु संसदीय समिति की सिफारिश लागू करने,  बैंक बोर्ड ब्यूरो भंग करने एनपीए की वसूली हेतु कारगर कदम उठाने, सभी वर्गों में भर्ती करने तथा बैंक कर्मियों से संबंधित मुद्दे तुरंत हल करने की मांग को लेकर 22अगस्त को बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल रहेगी। 

बैंक कर्मियों एवं अधिकारियों ने गुरुवार को हड़ताल के समर्थन मे प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी बैंक कर्मियों को संबोधित करते हुए बैंक कर्मी अधिकारी नेताओं अशोक ढल, ललित गुप्ता,सुरेश खंडेलवाल, सुशील मेहता, गजानंद मीणा,मोहम्मद अकरम,पदम पाटोदी,संजीव झा,अनिल ऐरन, डीएस साहू, हेमराज सिंह गौड़, आर बी मालव,मिर्जा नफीस बेग आदि ने 22अगस्त की बैंक हड़ताल को सफल बनाने का आव्हान किया।

BSE सेंसेक्स 238 अंक फिसला, 32237 पर बंद

मुंबई। दिनभर के उतार चढ़ाव के बाद शेयर बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 238 अंक गिरकर 32237 के स्तर पर और निफ्टी 67.85 अंक की कमजोरी के साथ 10013 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप 1.08 फीसद और स्मॉलकैप 1.04 फीसद की कमजोरी देखने को मिली है।

बैंकिंग शेयर्स में बिकवाली
सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा मुनाफावसूली बैंकिंग शेयर्स में देखने को मिली है। ऑटो (0.68 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (1.30 फीसद), एफएमसीजी (0.19 फीसद), आईटी (0.42 फीसद), मेटल (1.91 फीसद), फार्मा (1.24 फीसद) और रियल्टी (0.85 फीसद) की कमजोरी देखने को मिली है।

कोल इंडिया टॉप लूजर
दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 20 हरे निशान में और 31 गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। आईओसी, एसीसी, भारती एयरटेल, अंबूजा सीमेंट और रिलायंस के शेयर्स में हुई है। वहीं, गिरावट ल्यूपिन, कोल इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, हिंडाल्को और टाटा मोटर डीवीआर के शेयर्स में हुई है।

 

 

आधार से पैन को लिंक ऐसे करें ऑनलाइन

नई दिल्ली। अब सबको अपना पैन कार्ड आधार से लिंक करना जरूरी है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका पैन आधार से लिंक नहीं हो पा रहा। ऐसे में संभव है कि आपके पैन में कुछ ऐसी सूचनाएं हों जो आधार में दी गई सूचनाओं से मैच न करती हों।

आपको अपने पैन कार्ड की सूचनाएं सुधार लेनी चाहिए। जन्म तिथि, नाम आदि की जो सूचनाएं आधार में दी गई हैं वही सूचनाएं पैन में भी होनी चाहिए। आधार में दी गई सूचनाएं बिल्कुल दुरुस्त हैं तो आपके पास विकल्प है कि अपने पैन की सूचनाएं ऑनलाइन ठीक कर लें। 

यहां हम को बता रहे इसका एक आसान तरीका-

NSDL की वेबसाइट (https://www.onlineservices.nsdl.com/paam/endUserRegisterContact.html) पर जाएं। यहां पर पैन करेक्शन का ऑप्शन चुनें।

पैन करेक्शन पेज पर कुछ डिटेल्ट देकर सब्मिट करेंगे तो आपको एक नया पेज मिलेगा। यहां आवेदक को एक टोकन नंबर मिलेगा। टोकन नंबर आपकी ईमेल पर भी आ जाएगा।

पेज के टॉप पर ई-साइन के जरिए स्कैन्ड इमेज सबमिट करने और आप जिस पैन नंबर में करेक्शन कराना चाहते हैं, उसका नंबर होगा।

इस पेज पर अपनी निजी सूचनाएं सावधनी के साथ भरें। सुनिश्चित करें कि आधार और पैन की सूचनाएं एक जैसी हों। इसके बाद आप अपने पैन के जिस भाग जैसे-फोटो, साइन, पैरेंट्स की सूचना आदि सुधारना चाहते हैं उस बॉक्स में टिक लगाएं।

GST : सरकार का नया टैक्स स्लैब लाने पर विचार

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नई दिल्ली। 1 जुलाई से देशभर में लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर के अंतर्गत टैक्स की चार दरें 5,12,18 और 28 तय की गई थीं, लेकिन अब कुछ क्षेत्रों की चिंताओं को देखते हुए सरकार 12 और 18 फीसद वाले टैक्स स्लैब को खत्म कर एक नया टैक्स स्लैब लाने पर विचार कर रही है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जैसे जैसे जीएसटी आगे बढ़ेगा उसी तरह इसके टैक्स दरों पर पुनर्विचार चलता रहेगा। 12 फीसद और 18 फीसद टैक्स स्लैब को मिलाकर एक स्लैब बनाने की संभावना है।

सरकार का 12 और 18 फीसद वाले टैक्स स्लैब को खत्म कर एक नया टैक्स स्लैब लाने पर विचार 

 रोज के इस्तेमाल में आने वाली कुछ जरूरी चीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि जेटली ने जीएसटी के अलग-अलग टैक्स स्लैब का बचाव भी किया।

उन्होंने कहा कि देश में एक समान टैक्स का प्रावधान नहीं हो सकता। जैसे हवाई चप्पल और BMW कार पर एक समान टैक्स नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि GST का उद्देश्य घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना भी है।

सरकार नहीं चाहती की सस्ते विदेशी उत्पाद देश में आते रहें।अरुण जेटली ने स्पष्ट किया है कि कि दोनों टैक्स दरों को खत्म करने से पहले सरकार इसके अन्य विकल्प के बारे में भी सोचेगी ताकि महंगाई न बढ़े। इसके साथ ही संसद में जम्मू-कश्मीर के लिए भी सीजीएसटी और एसजीएसटी बिल को पारित कर दिया गया है।

सोने की वायदा कीमत 0.51 फीसदी गिरी

नई दिल्‍ली। वैश्विक स्तर पर नरमी के रुख से बोलियों में कटौती किए जाने से सोने की वायदा कीमतें 0.51 फीसदी टूटकर 28,444 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गईं।

मल्टी कमॉडिटी एक्सचेंज में अक्टूबर में आपूर्ति किए जाने वाले सोने का भाव 145 रुपये यानी 0.51 फीसद घट गया और 28,444 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया।

इसमें 1,293 लॉट के लिए कारोबार किया गया। इसी तरह अगस्त में आपूर्ति वाला सोना 54 रुपये यानी 0.19 प्रतिशत टूटकर 28,383 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया।

विश्लेषकों के अनुसार वायदा कारोबार में सोने के कमजोर होने का मुख्य कारण कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से बोलियां कम होना रहा है। वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में सोना 0.31 प्रतिशत गिरकर 1,262.30 डॉलर प्रति औंस रह गया।

डॉलर के मुकाबले रुपया दो साल की ऊंचाई पर

मुंबई। बैंकों और निर्यातकों की ताजा डॉलर बिकवाली से आज कारोबार की शुरुआत में रुपया पांच पैसे और मजबूत होकर डॉलर के मुकाबले दो साल की नई ऊंचाई 63.65 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। बाजार में विदेशों से पूंजी प्रवाह और बढऩे की उम्मीद है।

दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम पडऩे से भी रुपये की मजबूती को समर्थन मिला। अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में कल डॉलर के मुकाबले रुपये में सबसे अधिक 37 पैसे की मजबूती दर्ज की गई और उसने 64 रुपये के मनौवैज्ञानिक स्तर को भी तोड़ दिया।

जिसके बाद यह घटकर 63.70 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। रिजर्व बैंक ने कल रीपो दर को 0.25 प्रतिशत कम कर दिया। इससे भी रुपये में मजबूती की धारणा रही। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज कारोबार की शुरुआत में 78.64 अंक गिरावट में रहा।

पतंजलि की जींस अप्रैल से मार्केट में बिकने लगेगी

नई दिल्ली। अप्रैल 2018 से बाबा रामदेव का पतंजलि ग्रुप पूरे देश में अपनी जींस को लॉन्च कर देगा। खाने पीने और रोजमर्रा के सामान बेचने के बाद अब बाबा रामदेव अपने कपड़े के स्टोर पूरे देश में खोलने की तैयारी कर ली है। 

रामदेव के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा कि वो अपने स्वदेशी कपड़े की दुकानें जल्द खोलने जा रही है। इन स्टोर में बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के लिए पूरी रेंज उपलब्ध होगी। कंपनी ने फिलहाल पहले साल में बिक्री के लिए 5 हजार करोड़ रुपये का टारगेट रखा है। 

तिजारावाला ने कहा कि कंपनी सबसे पहले हाथ से बुने कपड़ों के अलावा, मशीन से बने कपड़ों को भी बेचेगी, जिसमें डेनिम से बने कपड़े भी शामिल होगें। 

परिधान होगा नए स्टोर का नाम
तिजारावाला ने कहा कि उनके स्टोर का नाम परिधान होगा। शुरुआती चरण में 250 स्टोर खोले जाएंगे। इसके बाद इनका विस्तार किया जाएगा। पतंजलि के कपड़े बिग बाजार सहित देश के अन्य रिटेल आउटलेट्स जैसे कि खादी भवन से भी बेचे जाएंगे। 

फेसबुक, गूगल से भी किया करार  
पतंजलि के उत्पादों को खरीदने में अगर कोई दिक्कत आ रही है तो घर बैठे आप फेसबुक या फिर गूगल से इसके लिए ऑनलाइन ऑर्डर कर सकेंगे। इसके लिए बाबा रामदेव ने दोनों बड़ी ऑनलाइन टेक कंपनियों से करार किया है। 

टीवी और अखबार के बाद ऑनलाइन का किया रुख
बाबा रामदेव ने जब से पतंजलि को शुरू किया है, तब से उनका फोकस टीवी और अखबार में विज्ञापन देने का रहा है। लेकिन अब ऑनलाइन पर भी कंपनी ने अपना फोकस शुरू कर दिया है।

दूसरी तिमाही में सोने के मांग 37 फीसद बढ़ी

नई दिल्ली । साल 2017 की दूसरी तिमाही के दौरान सोने की मांग में 37 फीसद का उछाल देखने को मिला है। इस उछाल के साथ यह 167.4 टन के स्तर पर पहुंच गया। त्यौहारी सीजन और ग्रामीण मांग के चलते यह तेजी देखने कोमिली है। यह जानकारी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने अपनी नवीनतम गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट में बताया कि अप्रैल से जून के दौरान मांग 122.1 टन रही थी। वहीं वैल्यू टर्म में बात करें तो मांग 32 फीसद चढ़कर 43,600 करोड़ हो गई, जबकि साल 2016 की दूसरी तिमाही के दौरान यह 33,090 करोड़ रुपए रही थी।

काउंसिल के प्रबंध निदेशक सोमासुंदरम पीआर ने बताया कि हालांकि, दूसरी तिमाही की मांग पांच साल के औसत से कम है और यह मुख्य रुप से वस्तु एवं सेवा कर से प्रेरित है जिसने तिमाही के अंत में खरीददारी को बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि साल 2016 की दूसरी तिमाही में 1 फीसद एक्साइज ड्यूटी के विरोध में ज्वैलर्स की हड़ताल ने सोने की मांग पर असर डाला था। दूसरी तिमाही के दौरान भारत में सोने की कुल मांग इस साल 41 फीसद उछलकर 126.7 टन पर पहुंच गई थी जबकि बीते वर्ष की समान अवधि के दौरान यह आंकड़ा 89.8 टन रहा था।

वहीं वैल्यू के टर्म में ज्वैलरी की डिमांड में 36 फीसद का उछाल (33,000 करोड़ रुपए) देखने को मिला जो कि साल 2016 की समान अवधि में 24,350 करोड़ रुपए की रही थी।

सेवा क्षेत्र की गतिविधियां 4 साल के निम्न स्तर पर

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नयी दिल्ली। माल एवं सेवाकर जीएसटी लागू होने का असर सेवा क्षेत्र पर भी दिखाई दिया। जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद सेवा क्षेत्र की गतिविधियां पिछले चार साल के निम्न स्तर पर पहुंच गई। एक मासिक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष सामने आया है।

मासिक आधार पर सेवा क्षेत्र की गतिविधियों का आकलन करने वाला दि निक्केई इंडिया सविर्सजि पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जुलाई माह में गिरकर 45.9 पर आ गया।

यह आंकड़ा सितंबर 2013 के बाद सबसे कम है। एक महीना पहले जून में यह आठ माह के उच्चस्तर 53.1 अंक पर था। जुलाई के सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े इस कैलेंडर वर्ष में आने वाली पहली गिरावट को भी दर्शाते हैं।

आईएचएस मार्केट की प्रधान अर्थशास्त्री पॉलीयाना डी लीमा ने रिपोर्ट में कहा है कि जुलाई के पीएमआई आंकड़े पूरे भारत में गतिविधियों में गिरावट को दर्शाते हैं, जून में गतिविधियों में तेजी आने के बाद जुलाई में अर्थव्यवस्था वापसी के रुख में आ गई।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि जीएसटी लागू होने के बाद सेवा क्षेत्र की कंपनियों का कहना है कि नये काम के आर्डर कम आये है जिससे गतिविधियां सुस्त पड़ गईं।

विनिर्माण क्षेत्र में आई गिरावट के बाद सेवा क्षेत्र में भी जुलाई में गिरावट का रुख रहा। जुलाई में नये आर्डर और उत्पादन घटने से विनिर्माण क्षेत्र में भी गिरावट रही।

इसके साथ ही निक्केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स जो विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों को मापता है– जुलाई माह में तेजी से गिरकर 46.0 अंक रह गया। एक माह पहले जून में यह 52.7 अंक पर था।

लीमा का कहना है कि नोटबंदी के झाटके के बाद निजी क्षेत्र की गतिविधियों में पहली बार इतनी गिरावट आई है। वर्ष 2009 के बाद यह पहली बड़ी गिरावट है।  इससे बाजार में बिक्री गतिविधियों का पता चलता है। बहरहाल, सेवा प्रदाता आगामी 12 माह के परिदृश्य को लेकर आशावादी हैं।