Tuesday, October 8, 2024
Home Blog Page 4681

नौकरी छोड़ने के एक साल बाद भी ग्रैच्युटी!

0

नई दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर और सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों के लिए सरकार ग्रैच्युटी के लिए समय-सीमा कम करने पर विचार कर रही है। प्रस्ताव पर सहमति बन गई तो एक साल बाद नौकरी छोड़ने वाला या निकाला जाने वाला कर्मचारी भी ग्रैच्युटी का हकदार होगा।

अभी 5 साल की नौकरी पूरी करने पर ही कर्मचारी ग्रैच्युटी के योग्य होता है। श्रम मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इससे संबंधित प्रस्ताव दूसरे मंत्रालयों को भेजा जा चुका है।

मंत्रालयों से जल्द ही हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी ऐक्ट में भी संशोधन जल्द ही होगा। भारतीय मजदूर संघ के महासचिव वीरेश उपाध्याय का कहना है कि हम कर्मचारियों के हित के हर प्रस्ताव का समर्थन करेंगे।

 इससे पहले सरकार ने सिफारिश की थी कि प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों को भी केंद्रीय कर्मचारियों की तरह ही अधिकतम 20 लाख रुपये तक ग्रैच्युटी मिले। कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद अब इसे संसद में विधेयक के रूप में पेश किया जाना बाकी है।

श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में फैसला लिया गया था कि प्राइवेट सेक्टर में भी ग्रैच्युटी की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया जाए।

 सातवें वेतन आयोग ने ग्रैच्युटी की सीमा को दस लाख से बढ़ाकर बीस लाख करने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकारें भी इसे लागू कर चुकी हैं।

केन्द्र ने यह फैसला किया है कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की ग्रैच्युटी की राशि को दोगुना करते हुए सरकारी कर्मचारियों के बराबर किया जाए।

सलमान समेत 156 बॉलीवुड हस्तियों ने की सर्विस टैक्स चोरी

नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने बॉलीवुड के कई दिग्गजों पर सर्विस टैक्स में हेराफेरी का खुलासा किया है। कैग को ऐसे 156 केसों का पता चला है जिनमें कई बॉलीवुड हस्तियों ने सर्विस टैक्स में हेराफेरी की है। 

शुक्रवार को संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट में सलमान खान, रणबीर कपूर, अजय देवगन, रितेश देशमुख और अर्जुन रामपाल जैसी हस्तियों पर टैक्स चोरी करने के आरोप हैं।

कैग को दस्तावेजों की जांच के दौरान पता चला है कि खान, रामपाल, देशमुख और देवगन ने प्रोडक्शन हाउस के जरिए जो फिल्में बनाई हैं, उसमें मेकअप आर्टिस्ट हेयर स्टाइलिस्ट और स्पॉटबॉय के रहने और खाने-पीने के खर्च को उठाने की बात कही थी।

इसी आधार पर उन्होंने सहयोगियों को कम पैसा दिया और इस तरह से इन्होंने सर्विस कर बचाया। वहीं रणबीर कपूर के दस्तावेजों की जांच करने पर पता चला कि अपनी फिल्म के लिए उन्होंने देश-विदेश की कई लोकेशन पर शूटिंग की। इस दौरान उन्हें मिली रकम पर उन्होंने टैक्स नहीं दिया। उन्होंने टैक्स से इनकार की वजह सेवा के निर्यात को बताया।

रेल टिकट बुकिंग के लिए आधार जरूरी नहीं

0

नई दिल्ली। सरकार ने रेल यात्रियों को टिकट खरीदने के लिए आधार नंबर की अनिवार्यता से इनकार किया है। रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि रेल टिकट की बुकिंग के लिए 12 अंकों के आधार नंबर को अनिवार्य बनाने की मंत्रालय की फिलहाल कोई योजना नहीं है। मंत्रालय के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव विचार के लिए नहीं आया है।

हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इस साल एक जनवरी से स्वैच्छिक आधार पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायती रेलवे टिकट प्राप्त करने के लिए आधार सत्यापन की आवश्यकता शुरू की गई है।

रेलवे को उत्सर्जन मानकों के दायरे में लाने संबंधी एक अन्य सवाल के जवाब में गोहेन ने कहा कि भारतीय रेल प्रदूषण नियंत्रण उपायों को प्रमुखता से लागू कर साल 2030 तक उत्सर्जन की तीव्रता में 32 प्रतिशत तक कमी लाएगा।

उन्होंने बताया कि पैरिस समझौते के तहत भारत द्वारा प्रदूषण संबंधी उत्सर्जन में कमी लाने के लिए तय किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रेलवे को भी उत्सर्जन मानकों के दायरे में लाया जाएगा।

इसके लिए रेल मंत्रालय डीजल रेल इंजनों से निकलने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए अंतरिम उत्सर्जन मानकों का प्रारूप मार्च 2019 तक तैयार किया जाना प्रस्तावित है।

बेंटले ने किया स्पर वी8 का ब्लैक एडिशन लॉन्च

नई दिल्ली। लग्ज़री कारों के लिए दुनियाभर में मशहूर बेंटले ने फ्लाइंग स्पर वी8 एस ब्लैक एडिशन से पर्दा उठाया है। ब्लैक एडिशन को फ्लाइंग स्पर वी8 एस पर तैयार किया गया है। इसके डिजाइन और केबिन में कई कॉस्मेटिक बदलाव हुए हैं। इसकी कीमत रेग्यूलर मॉडल से ज्यादा होगी।

ब्लैक एडिशन के हैडलैंप्स और टेललैंप्स पर ब्लैक बेज़ल और डार्क ट्रीटमेंट दिया गया है। विंडो, रेडिएटर, डोर हैंडल और हैडलाइट वाशर कैप पर ग्लोसी ब्लैक फिनिशिंग दी गई है। ब्लैक थीम को बरकरार रखने के लिए इस में 21 इंच के 7-स्पॉक ब्लैक अलॉय व्हील दिए गए हैं।

ग्राहक अपनी पसंद के अनुसार इस में ब्लैक और रेड ब्रेक क्लिपर्स का विकल्प चुन सकते हैं। इसके अलावा 21 इंच के 5-स्पॉक अलॉय व्हील का विकल्प भी रखा गया है।

केबिन में पियानो ब्लैक फिनिशिंग और थ्री-स्पॉक स्पोर्ट प्लस स्टीयरिंग व्हील दिया गया है। केबिन में स्पोर्टी फील लाने के लिए इसकी सीटों पर रेड स्ट्रिप्स दी गई है। कंपनी के अनुसार केबिन में दूसरे कलर का विकल्प भी रखा गया है।

 इसके इंजन की, ब्लैक एडिशन में रेग्यूलर मॉडल वाला 4.0 लीटर का ट्विन-टर्बो वी8 इंजन लगा है, जो 528 पीएस की पावर और 680 एनएम का टॉर्क देता है। यह इंजन 8-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से जुड़ा है जो सभी पहियों पर पावर सप्लाई करता है। इसकी टॉप स्पीड 306 किलोमीटर प्रति घंटा है, 100 की रफ्तार पाने में इसे 4.9 सेकंड का समय लगता है।

20 उद्योगपति के पास जीडीपी के 10 % हिस्से के बराबर संपत्ति

नई दिल्ली । देश के शीर्ष 20 उद्योगपतियों ने वर्ष 2017 के पहले सात महीनों के दौरान अपनी संपत्ति में 50 बिलियन डॉलर और जोड़े हैं। अब इसकी कुल वैल्यू 200 बिलियन डॉलर हो गई है। यह आंकड़ा दो ट्रिलियन डॉलर वाली जीडीपी के 10 फीसद हिस्से के बराबर है।

यह डेटा ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स ने जुटाया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स ने बताया है कि देश के टॉप 18 टॉप भारतीय बिलिनेयर की संपत्ति एक बिलियन डॉलर की या इससे ऊपर की दर से बढ़ी है, जो कि कैलैंडर ईयर 2017 के सात महीनों के दौरान कुल 6400 करोड़ रुपये के बराबर है।

सनफार्मा के दिलिप सांघवी तो छोड़कर सभी अरबपतियों ने अच्छी कमाई की है। ब्लूमबर्ग डेटा के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की पूंजी में इस साल 13 बिलियन डॉलर की बढ़त दर्ज की गई है।

जबकि अडाणी समूह से गौतम अडाणी, विप्रो के अजीम प्रेमजी और आर के दमानी (हाल ही में लिस्टेड एवेन्यू सुपरमार्ट्स के मालिक) की संपत्तियों में तीन से चार बिलियन डॉलर की बढ़त देखने को मिली है।

हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर्स ने नौ वर्ष का उच्चतम स्तर छुआ है। इसके बाद कंपनी की मार्केट कैपिटेलाइजेशन 5,25,000 करोड़ की हो गई।

अजीम प्रेमजी: विप्रो प्रमुख अजीम प्रेमजी के पास आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस में चार फीसद, अजीम प्रेमजी ट्रस्ट के पास एनसीसी में 2.47 फीसद, जुबिलिएंट फूडवर्क में 2.32 फीसद, शिनाइज़र इलेक्ट्रिक में 2.01 फीसद, क्रॉमटम ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स में 1.53 फीसद और जेएम फाइनेंशियल में 2.40 फीसद की हिस्सेदारी है। इनकी इस साल पूंजी 3.8 बिलियन डॉलर से बढ़कर 16 बिलियन डॉलर हो गई है।

गौतम अडानी: इस साल जून महीने में गौतम अडानी ने कहा था कि उनकी कंपनी 16.5 बिलियन डॉलर के ऑस्ट्रेलिया के कारमाइकल कोल प्रोजक्ट पर काम शुरू करेगी। स्थानीय लोगों की ओर से पर्यावरण को नुकसान होने की शिकायत एवं विरोध के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम जो कि यह विशेष रूप से ग्रेट बैरियर रीफ में होना था उसे रोक दिया गया था।

राधाकृष्णन दामानी: राधाकृष्णन दामानी की कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स के शेयर्स इस साल मार्च में लिस्ट होने के बाद 205 फीसद चढ़ गए हैं। इस वर्ष उनकी पूंजी 3.46 बिलियन डॉलर से बढ़कर 5.36 बिलियन डॉलर हो गई है।

उदय कोटक: उदय कोटक जो कोटक महिंद्रा बैंक को प्रमोट करते हैं उनकी संपत्ति में 3.22 बिलियन डॉलर से बढ़कर 10.3 बिलियन डॉलर हो गई है। इस साल के शुरुआत में ऐसी अफवाहें थी कि कंपनी एक्सिस बैंक के साथ विलय कर सकती है। लेकिन कुछ समय के बाद दोनों कंपनियों ने इस तरह की रिपोर्ट्स को नकार दिया था।

आदित्य बिड़ला: आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला की संपत्ति 3.13 बिलियन डॉलर से बढ़कर 9.16 बिलियन डॉलर हो गई है। आइडिया सेल्यूअर ने इस वर्ष वोडाफोन इंडिया के साथ मर्जर का एलान किया था जो कि वर्ष 2018 के अंत तक पूरा होने की संभावना है।

अन्य लोग: जायडस कैडिला के पंकज पटेल, आईशर मोटर्स के विक्रम लाल, आर्सेलर मित्तल के लक्ष्मी मित्तल, जीएलएफ के के पी सिंह, पिरामल ग्रुप के अजय पिरामल और शापूर्जी पलोनजी ग्रुप के पलॉनजी मिस्त्री ऐसे अन्य बिलिनयर्स हैं जिन्होंने कम से कम दो बिलियन प्रत्येक अपनी पूंजी में जोड़े हैं।

एक स्टडी के मुताबिक वर्ष 2017 की शुरुआत में देश के एक फीसद लोगों के पास देश की कुल पूंजी के बराबर संपत्ति थी, जो कि वैश्विक औसत से करीब 50 फीसद ज्यादा था।

मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड जरूरी

0

नई दिल्ली। मृत्यु का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए भी अब आधार कार्ड अनिवार्य होगा। डेथ सर्टिफिकेट के आवेदन में बाकी जानकारियों के साथ मृतक की पहचान के तौर पर आधार नंबर या आधार एनरोलमेंट नंबर देना पड़ेगा। साथ ही आवेदक को अपना और मृतक की पत्नी/पति या अभिभावक का भी आधार नंबर देना पड़ेगा।

नई व्यवस्था दो माह बाद यानी 1 अक्टूबर से लागू होगी। मृत्यु के वक्त अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तो ऐसे मामलों में थोड़ी राहत दी गई है। आवेदक को इस बाबत सर्टिफिकेट देना होगा। लेकिन सर्टिफिकेट झूठा हुआ तो कार्रवाई होगी। सरकार का दावा है कि मृत्यु रजिस्ट्रेशन को आधार से जोड़ने के बाद पहचान संबंधी धोखाधड़ी रुकेगी।

नई व्यवस्था के बाबत गृह मंत्रालय के तहत आते रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी किया। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि 1 सितंबर तक अपने तहत सभी रजिस्ट्रेशन अथॉरिटीज में नई व्यवस्था के लिए इंतजाम कर लें।

आदमी मरते वक्त भी आधार की चिंता करे। ऐसा क्यों?

  • सरकार का दावा है कि इस फैसले से मृतक के रिश्तेदारों, आश्रितों और परिचितों द्वारा दिए ब्योरे की सचाई सुनिश्चित होगी। मृतक की पहचान से जुड़ी धोखाधड़ी रोकने का यह प्रभावी तरीका हाेगा। ढेर सारे डॉक्यूमेंट्स नहीं देने पड़ेंगे।

कोई बीमार आदमी चल-फिर नहीं सकता। तो मरने से पहले क्या उसका आधार बनवाना पड़ेगा?

  • कोई बाध्यता नहीं है। मृत्यु के वक्त अगर किसी के पास आधार नहीं है तो राहत दी गई है। डेथ सर्टिफिकेट का आवेदन करने वाले को सर्टिफिकेट देना होगा। वह बताएगा, ‘मेरी जानकारी के अनुसार मृतक के पास आधार नहीं था।’ दावा सच होना चाहिए। झूठा सर्टिफिकेट देना आधार एक्ट, 2016 जन्म-मृत्यु पंजीकरण कानून, 1969 के तहत अपराध होगा।

सिर्फ मृतक का आधार देने से काम चल जाएगा?

  • नहीं। जो व्यक्ति डेथ सर्टिफिकेट बनवाने जाएगा, उसे खुद का आधार नंबर भी देना पड़ेगा। 

कोटा कचौरी की ऑनलाइन बिक्री, देखिए वीडियो

-दिनेश माहेश्वरी
कोटा। देश -विदेश में अपने स्वाद की पहचान बना चुकी कोटा की मशहूर कचौरी अब ऑनलाइन भी बिकने लगी है। शहर के जाने-माने स्वीट्स एवं मिठाई विक्रेता जय जिनेन्द्र ने बेंगलुरु में नई शॉप शुरू करने के साथ ही कोटा कचौरी की ऑनलाइन बिक्री शुरू की है।

कम्पनी के डाइरेक्टर राजेंद्र जैन ने हमारे चैनल LEN-DEN NEWS के साथ एक भेंट में बताया कि कोटा शहर न केवल कचौरी के लिए बल्कि कोटा साड़ी, कोटा स्टोन एवं कोटा कोचिंग के लिए भी देश – विदेश में अपनी पहचान कायम कर चुका है। यहाँ की कचौरी का स्वाद एवं उसकी महक खाने वाले लोगों को दीवाना बना देती है।

उन्होंने बताया कि नोटबंदी के दौरान भी कचौरी की मांग में कमी नहीं आई। बल्कि हमेशा की तरह कचौरी की बिक्री हुई। हाल ही में सरकार ने इस पर 12 फीसदी जीएसटी लगा दिया। इससे उपभोक्ता को 100 रुपए पर 12 रुपये ज्यादा देने पड़ेंगे। उन्होंने हमारे चैनल LEN-DEN NEWS के माध्यम से सरकार से मांग की है कि यह नाश्ते का आइटम है। इस पर टैक्स कम किया जाना चाहिए।

देखिए हमारे चैनल के साथ बातचीत का यह वीडियो –

रेलवे ने टिकट कैंसलेशन से 1,400 करोड़ कमाए

0

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे को 2016-17 में टिकट कैंसलेशन से 1,400 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। सरकार के मुताबिक यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 25 फीसदी अधिक है।

आय में वृद्धि के पीछे बड़ी वजह नवंबर 2015 में कैंसलेशन चार्ज को दोगुना किया जाना है। रेलवे राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया, ‘पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2016-17 में टिकट कैंसलेशन से होने वाली आय में 25 फीसदी वृद्धि हुई है।’

टिकट कैंसल कराने पर रेलवे पैसेंजर्स (कैंसलेशन ऑफ टिकट ऐंड फेयर रिफंड) रूल्स 2015 के तहत शुल्क वसूल किया जाता है। नवंबर 2015 से लागू नए नियम के मुताबिक, एसी-3 कोच के कन्फर्म टिकट को ट्रेन छूटने के समय से 48 घंटे पहले कैंसल कराने पर 180 रुपये चार्ज किया जाता है जोकि पहले 90 रुपये था।

इसी तरह एसी-2 टियर के लिए यह शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया गया था। स्लीपर क्लास के कन्फर्म टिकट का कैंसलेशन चार्ज को भी दोगुना कर 120 रुपये कर दिया गया।

नई करेंसी 86 फीसद तक वापस बाजार में

नई दिल्ली ।  बाजार में 21 जुलाई तक प्रचलित कुल करेंसी नोटबंदी के पहले प्रचलन से बाहर की गई करेंसी का 86 फीसद हिस्सा है। आरबीआई ने विभिन्न मूल्य वर्ग के नोटों की आपूर्ति के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। यह जानकारी आज लोकसभा में दी गई है।

वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के जरिए जानकारी दी है कि जितनी भी करेंसी वापस आई थी उनकी मशीनों के जरिए जांच की जा रही है और न्यूमैरिकल एक्योरेसी पर काम चल रहा है, ताकि सही आंकड़े सामने आ पाएं।

मेघवाल ने बताया कि पुनर्मुद्रीकरण की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है आरबाआई ने यह व्यवस्था की है कि विभिन्न मूल्यवर्ग के नोटों की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि 21 जुलाई तक बाजार में मौदूज कुल करेंसी नोटबंदी के पहले (4 नवंबर 2016) बाजार में मौजूद कुल करेंसी का 86 फीसद हिस्सा है।

 केंद्र सरकार ने बीते साल 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लिया था जिसके मुताबिक 9 नवंबर से ही 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट अमान्य कर दिए गए थे।

आकंड़ों के मुताबिक यह उस वक्त बाजार में प्रचलित कुल करेंसी का 86 फीसद हिस्सा थे। हालांकि नोटबंदी के कुछ दिन बाद आरबीआई की ओर से 500 रुपए का नया नोट और 2000 रुपए का नोट जारी किया गया था।  

ई-वे बिल और विसंगतियों को किया जाएगा दूर

0

नई दिल्ली । जीएसटी काउंसिल की बैठक में शनिवार दो बड़े मुद्दों पर फैसले लिए जा सकते हैं। पहला यह कि वो वस्त्र निर्माण उद्योग से जुड़े कामों में टैक्स की दर को घटाकर 5 फीसद किया जा सकता है और दूसरा ट्रांसपोर्ट किए जाने से पहले एक मूल्य वर्ग से ऊपर के गुड्स के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए नया तंत्र विकसित किया जा सकता है।

वहीं केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की अध्यक्ष वनजा सरना ने कहा कि राज्यों के बीच माल की आवाजाही ने 29 राज्यों में से 25 राज्यों की जांच चौकियों को खत्म कर दिया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक आज

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल जिसमें अन्य राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं, 1 जुलाई से लागू किए गए वस्तु एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) के कार्यान्वयन की समीक्षा भी करेगी।

साथ ही काउंसिल उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए एंटी-प्रॉफिटियरिंग प्रावधान को लागू करने के लिए एक तंत्र को अंतिम रूप भी दे सकती है। एंटी प्रॉफिटियरिंग कानून कहता है कि कम कर दरों के कारण कंपनियों को जो फायदा मिलने वाला है उसे ग्राहकों तक पहुंचाया जाए।

जीएसटी एक्ट के क्लॉज 171 के मुताबिक टैक्स की दर में कमी या इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण मिलने वाले लाभ को उपभोक्ताओं तक पास करना अनिवार्य है।

कीमतों पर जीएसटी के प्रभाव के संबंध में सदस्यों द्वारा उठाए गए चिंताओं का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि निर्माताओं का उपभोक्ताओं को करों में कमी के से मिलने वाले लाभों को पास करना अनिवार्य होगा।

उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ के कारण ऑटोमोबाइल क्षेत्र की ओर से कीमतों में कटौती का निर्णय दूसरे निर्माताओं की ओर से भी लिया जाएगा।

गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल ने 18 बैठकों के जरिए वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण किया था। जीएसटी लागू होने के बाद भी काउंसिल एक बैठक कर चुकी है और यह काउंसिल की 20वीं बैठक होगी।