नई दिल्ली । बाजार में 21 जुलाई तक प्रचलित कुल करेंसी नोटबंदी के पहले प्रचलन से बाहर की गई करेंसी का 86 फीसद हिस्सा है। आरबीआई ने विभिन्न मूल्य वर्ग के नोटों की आपूर्ति के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। यह जानकारी आज लोकसभा में दी गई है।
वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के जरिए जानकारी दी है कि जितनी भी करेंसी वापस आई थी उनकी मशीनों के जरिए जांच की जा रही है और न्यूमैरिकल एक्योरेसी पर काम चल रहा है, ताकि सही आंकड़े सामने आ पाएं।
मेघवाल ने बताया कि पुनर्मुद्रीकरण की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है आरबाआई ने यह व्यवस्था की है कि विभिन्न मूल्यवर्ग के नोटों की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि 21 जुलाई तक बाजार में मौदूज कुल करेंसी नोटबंदी के पहले (4 नवंबर 2016) बाजार में मौजूद कुल करेंसी का 86 फीसद हिस्सा है।
केंद्र सरकार ने बीते साल 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लिया था जिसके मुताबिक 9 नवंबर से ही 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट अमान्य कर दिए गए थे।
आकंड़ों के मुताबिक यह उस वक्त बाजार में प्रचलित कुल करेंसी का 86 फीसद हिस्सा थे। हालांकि नोटबंदी के कुछ दिन बाद आरबीआई की ओर से 500 रुपए का नया नोट और 2000 रुपए का नोट जारी किया गया था।