मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड जरूरी

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    नई दिल्ली। मृत्यु का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए भी अब आधार कार्ड अनिवार्य होगा। डेथ सर्टिफिकेट के आवेदन में बाकी जानकारियों के साथ मृतक की पहचान के तौर पर आधार नंबर या आधार एनरोलमेंट नंबर देना पड़ेगा। साथ ही आवेदक को अपना और मृतक की पत्नी/पति या अभिभावक का भी आधार नंबर देना पड़ेगा।

    नई व्यवस्था दो माह बाद यानी 1 अक्टूबर से लागू होगी। मृत्यु के वक्त अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तो ऐसे मामलों में थोड़ी राहत दी गई है। आवेदक को इस बाबत सर्टिफिकेट देना होगा। लेकिन सर्टिफिकेट झूठा हुआ तो कार्रवाई होगी। सरकार का दावा है कि मृत्यु रजिस्ट्रेशन को आधार से जोड़ने के बाद पहचान संबंधी धोखाधड़ी रुकेगी।

    नई व्यवस्था के बाबत गृह मंत्रालय के तहत आते रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी किया। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि 1 सितंबर तक अपने तहत सभी रजिस्ट्रेशन अथॉरिटीज में नई व्यवस्था के लिए इंतजाम कर लें।

    आदमी मरते वक्त भी आधार की चिंता करे। ऐसा क्यों?

    • सरकार का दावा है कि इस फैसले से मृतक के रिश्तेदारों, आश्रितों और परिचितों द्वारा दिए ब्योरे की सचाई सुनिश्चित होगी। मृतक की पहचान से जुड़ी धोखाधड़ी रोकने का यह प्रभावी तरीका हाेगा। ढेर सारे डॉक्यूमेंट्स नहीं देने पड़ेंगे।

    कोई बीमार आदमी चल-फिर नहीं सकता। तो मरने से पहले क्या उसका आधार बनवाना पड़ेगा?

    • कोई बाध्यता नहीं है। मृत्यु के वक्त अगर किसी के पास आधार नहीं है तो राहत दी गई है। डेथ सर्टिफिकेट का आवेदन करने वाले को सर्टिफिकेट देना होगा। वह बताएगा, ‘मेरी जानकारी के अनुसार मृतक के पास आधार नहीं था।’ दावा सच होना चाहिए। झूठा सर्टिफिकेट देना आधार एक्ट, 2016 जन्म-मृत्यु पंजीकरण कानून, 1969 के तहत अपराध होगा।

    सिर्फ मृतक का आधार देने से काम चल जाएगा?

    • नहीं। जो व्यक्ति डेथ सर्टिफिकेट बनवाने जाएगा, उसे खुद का आधार नंबर भी देना पड़ेगा।