Monday, October 7, 2024
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यूजीसी -नेट 2017 के लिए आज से आवेदन की प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने नैशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) 2017 के लिए विस्तृत नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। छात्र ऑफिशल वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की प्रक्रिया इस साल 11 अगस्त से शुरू होकर 11 सितंबर, 2017 तक चलेगी। यूजीसी नेट 2017 एग्जाम 5 नवंबर, रविवार को होगा। जनरल कैटिगरी के कैंडिडेट्स के लिए एग्जाम फीस 1000 रुपये, ओबीसी के लिए 500 रुपये और रिजर्व्ड कैटिगरी के लिए 250 रुपये है।

यूजीसी 5 नवंबर को तीन सेशन में एग्जाम आयोजित करेगा। पेपर को क्लियर करने और अगले राउंड्स में जाने के लिए कैंडिडेट्स को कम से कम 40 फीसदी (रिजर्व्ड कैटिगरी के लिए 35 फीसदी) स्कोर करना होगा।

पहला दो सेशन 1.15-1.15 मिनट का होगा और इसमें 100 मार्क्स के 50 सवाल होंगे। ये सेशन 9.30 बजे सुबह में शुरू होकर 10.45 बजे तक चलेंगे। तीसरा सेशन ढाई घंटे का होगा जो 2 बजे से 4.30 बजे तक चलेगा। इस सेशन में 150 मार्क्स के 75 सवाल होंगे।

यूजीसी नेट 2017 के लिए आवेदन की प्रक्रिया

  • यूजीसी नेट की ऑफिशल वेबसाइट cbsenet.nic.in पर जाएं।
  • apply online के लिंक पर क्लिक करें।
  • प्रदत्त फील्ड्स में अपना विवरण भरें।
  • फॉर्म जमा कर दें और भविष्य में रेफरेंस के लिए एक कॉपी सेव कर लें।

रिफंड में गड़बड़ियां रोकने के लिए एक्ट बदला

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नई दिल्ली । आयकर रिफंड में धांधली को रोकने के लिए विभाग ने रिफंड की प्रक्रिया में बदलाव किया है। कई नौकरीपेशा करदाता गलत दस्तावेज या जानकारी देकर फार्म 16 या 16ए प्राप्त कर लेते हैं, जबकि नियमानुसार उन्हें आय में कटौती का लाभ देय नहीं होता है। इसे रोकने लिए अधिनियम की धारा 143(1) ए में संशोधन किया गया है।

आयकर विभाग के संज्ञान में आया कि अधिकतर करदाता कम कर योग्य आय घोषित करके फार्म 16 या 16ए के माध्यम से रिफंड प्राप्त करते रहे हैं।

नौकरीपेशा गलत दस्तावेज देकर फार्म 16 या 16ए प्राप्त कर लेते हैं, नियमानुसार उन्हें आय में कटौती का लाभ देय नहीं होता है।

वेतनभोगी करदाता अधिकतर मकान किराया भत्ता, अवकाश यात्राभत्ता और धारा 80सी से लेकर 80यू तक तमाम सेक्शनों के तहत कटौती दस्तावेजों के बिना कटौती प्राप्त कर रहे हैं।

इसके लिए धारा 143(1)ए में संशोधन किया गया है। इस संशोधन के तहत करदाता को विभाग से सूचना दी जाएगी कि कंपनी द्वारा जारी फार्म 16 और धारा 26 एएस में प्राप्त जानकारी के आधार पर आय में अंतर है।

चार्टर्ड एकाउंटेंट मिलिंद विजयवर्गीय के मुताबिक आयकर विभाग ने कहा कि कई बार नौकरीपेशा लोग गलत दस्तावेज लगाकर सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाने की कोशिश करते हैं।

जुलाई-अगस्त का रिटर्न दाखिल करने को मिलेगा अतिरिक्त समय
सरकार ने जीएसटी तंत्र में जुलाई और अगस्त के फाइनल टैक्स रिटर्न भरने के लिए तारीखों की अधिसूचना जारी कर दी है। जीएसटी काउंसिल ने जुलाई और अगस्त के लिए जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 फार्म में फाइनल रिटर्न भरने के लिए अतिरिक्त समय दिया है।

इस अंतरिम अवधि में कारोबारियों को जीएसटीआर-3बी में रिटर्न भरना है। इसमें उन्हें बिक्री और इनपुट क्रेडिट के विवरण के साथ कर देयता का स्वत: आंकलन करके विवरण देना होगा। केंद्रीय एक्साइज व कस्टम्स बोर्ड (सीबीईसी) ने रिटर्न फार्म भरने के लिए तारीखों की अधिसूचना जारी कर दी है।

अब शेयर और म्युचुअल फंड खरीदने के लिए जरूरी होगा आधार

नई दिल्ली। यदि आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। सरकार जल्द ही इसके लिए भी आधार अनिवार्य कर सकती है। साथ ही म्युचुअल फंड खरीदते समय भी आधार डिटेल्स मुहैया कराना होगी।

सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ) इस संबंध में योजना बना रहा है। शेयर मार्केट में खानाधन खपाने पर लगाम लगाने के लिए ऐसाकिया जा रहा है। सरकार को यह आभास हो गया है कि टैक्स चोरी रोकने के लिए पैन पर नजर रखना काफी नहीं है।

पैन रखने वाले मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। इसलिए विचार चल रहा है कि शेयर बाजार को भी आधार से जोड़ा जाए। बहरहाल, शेयर मार्केट के मामले में अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पैन के स्थान पर आधार का इस्तेमाल होगा या दोनों की डिटेल्स जरूरी होंगी।

मौजूदा व्यवस्था
फायनेंशियल मार्केट ट्रांजेक्शन्स के लिए फिलहाल आधार अनिवार्य नहीं है। वहीं म्युचुअल फंड में निवेश के लिए ऑनलाइन केवायसी अनिवार्य है। मालूम हो, आधार 2009 में लांच किया गया था। अब कई सेवाओं के लिए सरकार से अनिवार्य कर चुकी हैं।

इनमें पैन, बैंक खाते और मोबाइल नंबर से लिंक करना जरूरी है। आधार के जरिए पासपोर्ट भी आसानी से बन जाएगा। यदि आप आधार की कॉपी के साथ आवेदन कर रहे हैं तो आपको बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। साथ ही 10 दिन में ही पासपोर्ट बन जाएगा।

 

एंबी वैली की नीलामी रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। पुणे के निकट अपने प्रीमियम प्रॉजेक्ट ऐंबी वैली की नीलामी रोकने के लिए सहारा ग्रुप ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई। मार्केट रेग्युलेटर सेबी को बकाया रकम न चुकाने की वजह से ऐंबी वैली की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप से लगभग 20,000 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कहा था। यह रकम उन इनवेस्टर्स को दी जानी है जिन्होंने सेबी की ओर से अवैध घोषित की गई सहारा ग्रुप की दो स्कीमों में इनवेस्टमेंट किया था।

सेबी का दावा है कि यह रकम अब मूल और ब्याज को मिलाकर करीब 37,000 करोड़ रुपये हो गई है। सहारा ने अभी तक प्रिंसिपल अमाउंट के एक बड़े हिस्से का भुगतान नहीं किया है।

कंपनी को अभी प्रिंसिपल अमाउंट के हिस्से के तौर पर 9,000 करोड़ रुपये और चुकाने हैं। जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने सहारा ग्रुप पर दबाव बनाना जारी रखा है।

बेंच ने कहा कि ब्याज की रकम चुकाने को लेकर सहारा ग्रुप की आपत्ति पर बेंच के सुनवाई करने से पहले ये भुगतान किया जाए। 25 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई में सहारा ग्रुप ने रकम चुकाने के लिए और समय मांगा था।

सहारा की ओर से कोर्ट में दिए गए प्रपोजल में बाकी की रकम देने के लिए 18 महीने का समय मांगा गया था। लेकिन बेंच इसके लिए अधिक समय नहीं देना चाहती।

बेंच ने कंपनी को प्रत्येक तीन महीने में 1,500 करोड़ रुपये की किस्त चुकाने के लिए कहा है। ऐसा न करने पर सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय को दोबारा जेल भेजा जा सकता है।

रॉय को दो वर्ष तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहने के बाद पिछले वर्ष मई में पैरोल पर रिहा किया गया था। इसके बाद से उनकी पैरोल कई बार कुछ महीनों के लिए बढ़ाई जा चुकी है।

कोर्ट ने इसके साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट के रिसीवर को ऐंबी वैली की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है। सहारा ग्रुप ने ऐंबी वैली की कीमत 39,000 करोड़ रुपये से अधिक लगाई है।

मुखौटा कंपनियां कहने पर सेबी को दी चुनौती

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नई दिल्ली । बाजार नियामक सेबी की मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई की जद में आईं कई फर्मो ने प्रतिभूति अपीलीय ट्रिब्यूनल (सैट) का दरवाजा खटखटाया है। इनमें पार्श्वनाथ डेवलपर्स, जे कुमार इंफ्रा और प्रकाश इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों ने सैट से नियामक के आदेश पर स्टे मांगा है।

उनकी अर्जी पर सुनवाई गुरुवार को होगी। सेबी ने भी अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा कि उसने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से सूची मिलने के बाद कार्रवाई की है।

बीते दिन नियामक ने 331 कंपनियों को मुखौटा (शेल) कंपनी मानते हुए उनके शेयरों में कारोबार पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कई विभागों से जानकारी मिलने के बाद इन कंपनियों को संदिग्ध मुखौटा कंपनी माना गया है।

इनमें से कई कंपनियों में नामी-गिरामी घरेलू व विदेशी निवेशकों ने पैसा लगाया है। सेबी ने एक्सचेंजों को यह प्रतिबंध तत्काल लागू करने का निर्देश दिया था।

कथित कर चोरी और दूसरे तरह की धोखधड़ी के लिए जांच का सामना कर रही इन कंपनियों पर कार्रवाई के लिए सरकार ने सेबी को कहा था।

आयकर विभाग और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआइओ) की जांचों के निष्कर्ष सामने आने के बाद इन कंपनियों पर सेबी और स्टॉक एक्सचेंज और भी कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं।

कर चोरी के आरोपों में घिरी 175 कंपनियों में से कम से कम 124 कंपनियों के खिलाफ एसएफआइओ द्वारा जांच की जा रही है। सेबी ने बीएसई और एनएसई को इन संदिग्ध कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था।

पत्र में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा चिह्नित 331 मुखौटा कंपनियों की सूची है। एक्सचेंजों को ऐसी कंपनियों के ऑडिट के लिए स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है।

कर चोरी में पकड़ी गई थीं 37,000 फर्मे
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पिछले साल नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद 37,000 मुखौटा कंपनियां कर चोरी में पकड़ी गई हैं।

सेबी के आदेश के बाद कई कंपनियों ने अपनी सालाना रिपोर्ट को टैग करने के अलावा अन्य दस्तावेज दिखाते हुए कहा है कि वे सभी नियमों का पालन कर रही हैं। इन फर्मो का कहना है कि वे मुखौटा कंपनी नहीं हैं।

एक्सचेंजों ने शुरू की कार्रवाई
सेबी के आदेश पर अमल करते हुए बीएसई ने बुधवार को सूची में शामिल बाकी पांच कंपनियों के शेयरों में कारोबार पर अधिकतम पाबंदी लगा दी। इसके साथ अब 167 शेयर प्रतिबंध के दायरे में आ गए हैं।

इसी तरह एनएसई ने भी कहा है कि उसने सूची में शामिल अपने यहां लिस्टेड 48 कंपनियों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।

139 अंक की गिरावट के साथ खुला शेयर बाजार

नई दिल्ली । गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 139 अंक की कमजोरी के साथ 31654 के स्तर पर और निफ्टी 37 अंक की कमजोरी के साथ 9871 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। नेशनल सटॉक एक्सचेंज पर मिडकैप में 0.69 फीसद और स्मॉलकैप में 0.75 फीसद की कमजोरी देखने को मिल रही है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट के बीच तमाम एशियाई बाजार कमजोरी के साथ कारोबार कर रहे हैं। जापान का निक्केई 0.01 फीसद की कमजोरी के साथ 19736 के सतर पर, चीन का शांघाई 1.06 फीसद की कमजोरी के साथ 3240 के स्तर पर, हैंगसैंग 1.68 फीसद की कमजोरी के साथ 27290 के स्तर पर और कोरिया का कोस्पी 1.09 फीसद की कमजोरी के साथ 2342 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

बुधवार के सत्र में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच चल रहे भूराजनैतिक तनाव से बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए है। प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 0.17 फीसद की कमजोरी के साथ 22048 के स्तर पर, एसएंडपी500 0.04 फीसद की कमजोरी के साथ 2474 के स्तर पर और नैस्डैक 0.28 फीसद की कमजोरी के साथ 6352 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है।

ऑटो सेक्टर में बिकवाली
सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो आईटी और फार्मा को छोड़ सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा बिकवाली ऑटो सेक्टर में देखने को मिल रही है। बैंक (0.32 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.25 फीसद), एफएमसीजी (0.32 फीसद), मेटल (0.58 फीसद) और रियल्टी (0.11 फीसद) की कमजोरी देखने को मिल रही है।

टाटा मोटर्स टॉप लूज
दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 15 हरे निशान में और 36 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी ऑरोफार्मा, डॉ रेड्डी, सनफार्मा, टेक महिंद्रा और टाटा पावर के शेयर्स में है। वहीं, गिरावट टाटा मोटर डीवीआर, टाटा मोटर्स, एसीसी, वेदांता लिमिटेड और आईशर मोटर्स के शेयर्स में देखने को मिल रही है।

टाटा मोटर्स : पहली तिमाही में मुनाफा 42% बढ़ा

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नई दिल्ली। ऑटो क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टाटा मोटर्स ने 30 जून 2017 को खत्म हुई पहली तिमाही में 41.56 फीसद के उछाल के साथ 3,199.93 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया है। जबकि बीते वर्ष की समान अवधि में कंपनी का मुनाफा (नेट प्रॉफिट) 2,260.40 करोड़ रुपए रहा है।

 इससे पहले वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में कंपनी को ओर से 1,572 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज करने का अनुमान लगाया गया था। वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर समेकित कुल आय में 9.59 फीसद की गिरावट आई।

इस गिरावट के साथ आय 59972.33 करोड़ रुपए रही, जबकि वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही में यह 66339.48 करोड़ रुपए रही थी।

वहीं समीक्षाधीन अवधि के दौरान जगुआर और लैंड रोवर के संचालन से होने वाली आय सालाना आधार पर 10 फीसद फिसलकर 47,044.48 करोड़ हो गई। जेएलआर ने बीते वर्ष की समान अवधि के दौरान 52,395.15 करोड़ की आय दर्ज की थी।

30 जून 2017 को समाप्त तिमाही के लिए वाणिज्यिक और यात्री वाहनों की बिक्री (निर्यात सहित) 1,11,860 यूनिट्स की रही, बीते वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले यह 11.8 फीसद की गिरावट है।

योग गुरु बाबा रामदेव बॉलिवुड में करेंगे अब डेब्यू

मुंबई। डांस बेस्ड रिऐलिटी शो में गेस्ट के रूप में नज़र आ चुके योग गुरु बाबा रामदेव अब एक अन्य रिऐलिटी शो में सोनाक्षी सिन्हा के साथ जज की कुर्सी संभालते नज़र आएंगे। अब सुनने में आया है कि वह फिल्मी दुनिया में भी कदम रखने जा रहे हैं।

कहा गया है कि वह देशभक्ति पर बेस्ड फिल्म ‘ये है इंडिया’ में नज़र आनेवाले हैं। दरअसल बाबा रामदेव फिल्म के एक गाने ‘सइयां सइयां’ में दिखेंगे, जिसे लिखा है तपेश पवार ने और गाया है जावेद अली ने।

लोम हर्ष द्वारा निर्देशित यह फिल्म 25 साल के एक NRI पर आधारित है जो भारत को पिछड़ा हुआ देश मानता है। जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है उसे अपनी गलती का एहसास होता है।

इस फिल्म में गेवी चहल और इंडो-ब्रिटिश मॉडल ऐक्ट्रेस डिएना उपल नज़र आएंगे, जिसे राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के इलाकों में फिल्माया गया है।

जब बाबा को फिल्म के बारे में बताया गया तो वह तैयार हो गए क्योंकि यह फिल्म देश से जुड़ी थी। फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि यह फिल्म इंडिया की तस्वीर पेश कर रही है।

सरकार ने निजी विश्ववि़द्यालयों पर नियत्रंण के लिए कसा शिकंजा

जयपुर। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने निजी विश्वविद्यालयों पर नियंत्रण रखने और उनकी मनमानी को रोकने के लिए विशेष दिशा निर्देश जारी किए हैं। इनके लागू होने से न केवल ने प्रदेश की निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश, अध्यापन, परीक्षा, परीक्षा परिणामों और शोध आदि में पारदर्शिता आएगी बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार होगा। 

निर्देशों के अनुसार प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश की अंतिम तिथि तय करने तथा प्रवेश प्रक्रिया को आधार कार्ड के साथ जोडे जाने तथा प्रवेशित छात्रों का समस्त रिकॉर्ड राज्य सरकार को प्रस्तुत करने के साथ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए।

विभाग ने यह भी तय किया है कि निजी विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष जारी डिग्रियों का विवरण भी राज्य सरकार को प्रस्तुत करे और अब तक जारी समस्त डिग्रियों की जानकारी भी अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करे। 

शैक्षणिक गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए निजी विश्वविद्यालयों में कार्यरत फैकल्टी मेम्बर्स की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने संबंधी निर्देश देते हुए फैकल्टी मेम्बर्स के विवरण को आधार नम्बर तथा पैन नम्बर के साथ जोड़ने के भी निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा निजी विश्वविद्यालयाें को विभिन्न पाठ्यक्रमों की विनियामक निकायों के प्रावधानानुसार आवश्यक संख्या में संकाय सदस्य रखने के भी निर्देश दिए हैं। विश्वविद्यालयाें को समस्त छात्रों का अलग-अलग रिकॉर्ड भी रखना होगा। साथ ही निजी विश्वविद्यालयों को विषयवार डिग्री रजिस्टर रखने के भी निर्देश दिए हैं। 

उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि शोध में गुणवत्ता बनाए रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए निजी विश्वविद्यालयों को यूजीसी रेगुलेशन्स का कड़ाई से पालन करने के निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि निजी विश्वविद्यालयों में केवल रेगुलर फैकल्टी मेंबर ही शोध कार्य करवा सकेंगे।

राज्य सरकार के शिक्षकाें एवं राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के शिक्षकाें को निजी विश्वविद्यालय शोध निदेशक नियुक्त नहीं कर सकेंगे। इन निर्देशों के साथ ही राज्य सरकार ने सभी निजी विश्वविद्यालयों को सूचित किया है कि वे विश्वविद्यालय अधिनियम एवं यूजीसी रेग्यूलेशन्स एवं यूजीसी द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों या आदेशों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करें।

विश्वविद्यालय से संबंधित सभी सूचनाएं जैसे पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए आवश्यक विनियामक निकायों की अनुमति, विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रमवार नियुक्त फैकल्टीज का पूर्ण विवरण, प्रतिवर्ष प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद या 15 सितम्बर, जो भी पहले हो, देना होगा।  

पाठ्यक्रमवार प्रवेशित छात्रों या शोधार्थियों की सूची वर्षवार एनरोलमेंट नम्बर, परीक्षा कार्यक्रम, परीक्षा परिणामों की जानकारी, एकेडमिक कैलेंडर आदि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आवश्यक रूप से प्रदर्शित करे।

जुलाई का फाइनल रिटर्न 15 सितंबर तक

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नई दिल्ली। सरकार ने जुलाई और अगस्त के लिए जीएसटी रिटर्न फाइल करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जुलाई की बिक्री का रिटर्न जीएसटीआर-1 सितंबर की 1 से 5 तारीख तक भरा जा सकता है। अगस्त के जीएसटीआर-1 की फाइलिंग की तारीख 16-20 सितंबर है।

कारोबारी जो सामान खरीदेंगे उसका जुलाई का रिटर्न जीएसटीआर-2 सितंबर की 6 से 10 तारीख तक भर सकते हैं। अगस्त का रिटर्न 21-25 सितंबर के दौरान भरा जा सकेगा। खरीद-बिक्री मिलाकर जुलाई की टैक्स लायबिलिटी वाला जीएसटीआर-3 रिटर्न कारोबारी 11-15 सितंबर तक भर सकते हैं।

जीएसटी रिटर्न फाइल करने का नोटिफिकेशन जारी

अगस्त की रिटर्न फाइलिंग की तारीख 26-30 सितंबर है। नई टैक्स व्यवस्था में हर महीने का जीएसटीआर-1 अगले महीने की 10 तारीख तक, जीएसटीआर-2 15 तारीख तक और जीएसटीआर-3 20 तारीख तक फाइल किया जाना है।

काउंसिल ने जुलाई-अगस्त के लिए इसमें छूट दी है। अभी उन्हें सिर्फ कंसोलिडेटेड रिटर्न जीएसटीआर-3बी फाइल करना है। जुलाई का यह रिटर्न 20 अगस्त और अगस्त का 20 सितंबर तक फाइल किया जा सकता है।

टैक्स के कई स्लैब होना बड़ी चुनौती : राकेश मोहन
रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन ने कहा है कि एक दशक की जद्दोजहद के बाद जीएसटी लागू तो हो गया है, लेकिन इसमें टैक्स के कई स्लैब होना बड़ी चुनौती है

वह बुधवार को ‘इकोनॉमिक्स एंड गवर्नेंस’ विषय पर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। जीएसटी में छह टैक्स स्लैब हैं- 0%, 3%, 5%, 12%, 18% और 28%। इसके बाद कोल्ड ड्रिंक्स, लक्जरी और तंबाकू उत्पादों पर सेस भी लगाया गया है।