नई दिल्ली । बाजार नियामक सेबी की मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई की जद में आईं कई फर्मो ने प्रतिभूति अपीलीय ट्रिब्यूनल (सैट) का दरवाजा खटखटाया है। इनमें पार्श्वनाथ डेवलपर्स, जे कुमार इंफ्रा और प्रकाश इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों ने सैट से नियामक के आदेश पर स्टे मांगा है।
उनकी अर्जी पर सुनवाई गुरुवार को होगी। सेबी ने भी अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा कि उसने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से सूची मिलने के बाद कार्रवाई की है।
बीते दिन नियामक ने 331 कंपनियों को मुखौटा (शेल) कंपनी मानते हुए उनके शेयरों में कारोबार पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कई विभागों से जानकारी मिलने के बाद इन कंपनियों को संदिग्ध मुखौटा कंपनी माना गया है।
इनमें से कई कंपनियों में नामी-गिरामी घरेलू व विदेशी निवेशकों ने पैसा लगाया है। सेबी ने एक्सचेंजों को यह प्रतिबंध तत्काल लागू करने का निर्देश दिया था।
कथित कर चोरी और दूसरे तरह की धोखधड़ी के लिए जांच का सामना कर रही इन कंपनियों पर कार्रवाई के लिए सरकार ने सेबी को कहा था।
आयकर विभाग और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआइओ) की जांचों के निष्कर्ष सामने आने के बाद इन कंपनियों पर सेबी और स्टॉक एक्सचेंज और भी कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं।
कर चोरी के आरोपों में घिरी 175 कंपनियों में से कम से कम 124 कंपनियों के खिलाफ एसएफआइओ द्वारा जांच की जा रही है। सेबी ने बीएसई और एनएसई को इन संदिग्ध कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था।
पत्र में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा चिह्नित 331 मुखौटा कंपनियों की सूची है। एक्सचेंजों को ऐसी कंपनियों के ऑडिट के लिए स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है।
कर चोरी में पकड़ी गई थीं 37,000 फर्मे
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पिछले साल नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद 37,000 मुखौटा कंपनियां कर चोरी में पकड़ी गई हैं।
सेबी के आदेश के बाद कई कंपनियों ने अपनी सालाना रिपोर्ट को टैग करने के अलावा अन्य दस्तावेज दिखाते हुए कहा है कि वे सभी नियमों का पालन कर रही हैं। इन फर्मो का कहना है कि वे मुखौटा कंपनी नहीं हैं।
एक्सचेंजों ने शुरू की कार्रवाई
सेबी के आदेश पर अमल करते हुए बीएसई ने बुधवार को सूची में शामिल बाकी पांच कंपनियों के शेयरों में कारोबार पर अधिकतम पाबंदी लगा दी। इसके साथ अब 167 शेयर प्रतिबंध के दायरे में आ गए हैं।
इसी तरह एनएसई ने भी कहा है कि उसने सूची में शामिल अपने यहां लिस्टेड 48 कंपनियों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।