नई दिल्ली। पुणे के निकट अपने प्रीमियम प्रॉजेक्ट ऐंबी वैली की नीलामी रोकने के लिए सहारा ग्रुप ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई। मार्केट रेग्युलेटर सेबी को बकाया रकम न चुकाने की वजह से ऐंबी वैली की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप से लगभग 20,000 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कहा था। यह रकम उन इनवेस्टर्स को दी जानी है जिन्होंने सेबी की ओर से अवैध घोषित की गई सहारा ग्रुप की दो स्कीमों में इनवेस्टमेंट किया था।
सेबी का दावा है कि यह रकम अब मूल और ब्याज को मिलाकर करीब 37,000 करोड़ रुपये हो गई है। सहारा ने अभी तक प्रिंसिपल अमाउंट के एक बड़े हिस्से का भुगतान नहीं किया है।
कंपनी को अभी प्रिंसिपल अमाउंट के हिस्से के तौर पर 9,000 करोड़ रुपये और चुकाने हैं। जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने सहारा ग्रुप पर दबाव बनाना जारी रखा है।
बेंच ने कहा कि ब्याज की रकम चुकाने को लेकर सहारा ग्रुप की आपत्ति पर बेंच के सुनवाई करने से पहले ये भुगतान किया जाए। 25 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई में सहारा ग्रुप ने रकम चुकाने के लिए और समय मांगा था।
सहारा की ओर से कोर्ट में दिए गए प्रपोजल में बाकी की रकम देने के लिए 18 महीने का समय मांगा गया था। लेकिन बेंच इसके लिए अधिक समय नहीं देना चाहती।
बेंच ने कंपनी को प्रत्येक तीन महीने में 1,500 करोड़ रुपये की किस्त चुकाने के लिए कहा है। ऐसा न करने पर सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय को दोबारा जेल भेजा जा सकता है।
रॉय को दो वर्ष तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहने के बाद पिछले वर्ष मई में पैरोल पर रिहा किया गया था। इसके बाद से उनकी पैरोल कई बार कुछ महीनों के लिए बढ़ाई जा चुकी है।
कोर्ट ने इसके साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट के रिसीवर को ऐंबी वैली की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है। सहारा ग्रुप ने ऐंबी वैली की कीमत 39,000 करोड़ रुपये से अधिक लगाई है।