नई दिल्ली । आयकर रिफंड में धांधली को रोकने के लिए विभाग ने रिफंड की प्रक्रिया में बदलाव किया है। कई नौकरीपेशा करदाता गलत दस्तावेज या जानकारी देकर फार्म 16 या 16ए प्राप्त कर लेते हैं, जबकि नियमानुसार उन्हें आय में कटौती का लाभ देय नहीं होता है। इसे रोकने लिए अधिनियम की धारा 143(1) ए में संशोधन किया गया है।
आयकर विभाग के संज्ञान में आया कि अधिकतर करदाता कम कर योग्य आय घोषित करके फार्म 16 या 16ए के माध्यम से रिफंड प्राप्त करते रहे हैं।
नौकरीपेशा गलत दस्तावेज देकर फार्म 16 या 16ए प्राप्त कर लेते हैं, नियमानुसार उन्हें आय में कटौती का लाभ देय नहीं होता है।
वेतनभोगी करदाता अधिकतर मकान किराया भत्ता, अवकाश यात्राभत्ता और धारा 80सी से लेकर 80यू तक तमाम सेक्शनों के तहत कटौती दस्तावेजों के बिना कटौती प्राप्त कर रहे हैं।
इसके लिए धारा 143(1)ए में संशोधन किया गया है। इस संशोधन के तहत करदाता को विभाग से सूचना दी जाएगी कि कंपनी द्वारा जारी फार्म 16 और धारा 26 एएस में प्राप्त जानकारी के आधार पर आय में अंतर है।
चार्टर्ड एकाउंटेंट मिलिंद विजयवर्गीय के मुताबिक आयकर विभाग ने कहा कि कई बार नौकरीपेशा लोग गलत दस्तावेज लगाकर सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाने की कोशिश करते हैं।
जुलाई-अगस्त का रिटर्न दाखिल करने को मिलेगा अतिरिक्त समय
सरकार ने जीएसटी तंत्र में जुलाई और अगस्त के फाइनल टैक्स रिटर्न भरने के लिए तारीखों की अधिसूचना जारी कर दी है। जीएसटी काउंसिल ने जुलाई और अगस्त के लिए जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 फार्म में फाइनल रिटर्न भरने के लिए अतिरिक्त समय दिया है।
इस अंतरिम अवधि में कारोबारियों को जीएसटीआर-3बी में रिटर्न भरना है। इसमें उन्हें बिक्री और इनपुट क्रेडिट के विवरण के साथ कर देयता का स्वत: आंकलन करके विवरण देना होगा। केंद्रीय एक्साइज व कस्टम्स बोर्ड (सीबीईसी) ने रिटर्न फार्म भरने के लिए तारीखों की अधिसूचना जारी कर दी है।