Monday, October 7, 2024
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बारिश की कमी से सोयाबीन फसल पर संकट

इंदौर। देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक मध्यप्रदेश में मौजूदा खरीफ सत्र के दौरान इस तिलहन फसल का रकबा घटने के बाद मॉनसूनी बारिश की बेरुखी से इसकी उपज में भी गिरावट का खतरा पैदा हो गया है।

इंदौर के भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान  के निदेशक वीएस भाटिया ने  बताया, प्रदेश के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक इलाकों में पिछले 15-20 दिन से नहीं के बराबर बारिश हुई है। इससे फसल की हालत खराब हो रही है। अगर इन इलाकों में जल्द ही बारिश नहीं हुई, तो सोयाबीन की उत्पादकता में निश्चित तौर पर गिरावट होगी।’

उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुछ सोयाबीन उत्पादक इलाकों में कीटों का प्रकोप भी हुआ है। प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने 10 अगस्त तक के आंकड़ों के हवाले से बताया कि सूबे में करीब 48 लाख हेक्टेयर में ही सोयाबीन बोई गई है, जबकि मौजूदा सत्र में इसकी बुआई के लिए 53 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य तय है।

वर्ष 2016 के खरीफ सत्र के दौरान सूबे में कुल 54.01 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोई गई थी। बीते खरीफ सत्र के दौरान भावों में गिरावट के चलते किसानों को सोयाबीन की फसल सरकार के तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे बेचनी पड़ी थी।

इस कारण परंपरागत रूप से सोयाबीन उगाने वाले ज्यादातर किसानों ने उपज के बेहतर भावों की आशा में मौजूदा खरीफ सत्र में तुअर (अरहर), मूंग और उड़द जैसी दलहनी फसलों की बुआई मुनासिब समझी है। नतीजतन सोयाबीन के रकबे में गिरावट गई है।

किसानों में ‘पीले सोने’ के नाम से मशहूर सोयाबीन मध्यप्रदेश की प्रमुख नकदी फसल है और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में इसका सामान्य रकबा 58.59 लाख हेक्टेयर है लेकिन पिछले तीन खरीफ सत्रों से देखा जा रहा है कि किसान बेहतर भावों की उम्मीद में दलहनी फसलों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

इससे सोयाबीन का रकबा घट रहा है। इस बीच, सूबे में सोयाबीन फसल के संकट पर प्रसंस्करणकर्ताओं ने भी चिंता जताई है। इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के चेयरमैन डेविश जैन ने कहा कि मॉनसून के इस मौसम में कम बारिश से सोयाबीन की फलियों की बढ़त पर असर पड़ा है जिससे फसल की उत्पादकता गिरने की आशंका लगातार बलवती हो रही है। 

 

स्विस पार्टी ने भारत के साथ सूचनाओं के लेनदेन का किया विरोध

नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड की एक राजनीतिक पार्टी स्विस पीपल्स पार्टी (एसवीपी) ने भारत व 10 अन्य देशों के साथ बैंकिंग सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान का विरोध किया है। इस मुद्दे पर एसवीपी का रुख स्विट्जरलैंड सरकार के आधिकारिक रुख से बिलकुल विपरीत है।

स्विस सरकार ने वित्तीय मामलों में सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के लिए देशों की सूची में भारत को शामिल करने पर सहमति के लिए भारत में मजबूत डेटा संरक्षण कानून का हवाला दिया है। उल्लेखनीय है कि एसवीपी फेडरल असेंबली में सबसे बडे दलों में से एक है।

पार्टी ने पिछले साल ‘स्विट्जरलैंड में बैंक गोपनीयता की रक्षा के लिए’ एक अभियान का समर्थन किया था। स्विट्जरलैंड व भारत के बीच उक्त सूचनाओं को लेकर समझौता अगले साल से प्रभावी होने की उम्मीद है।

डिजी फेस्ट आज से, आईटी एक्सपर्ट लेंगे हिस्सा

संचार विभाग की ओर से होने वाले प्रोग्राम में स्टार्ट अप, हैकर्स, कोडर्स आदि लेंगे हिस्सा

कोटा। स्टार्टअपऔर आईटी क्षेत्र में देश प्रदेश की प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करने के लिए दो दिवसीय राजस्थान डिजी फेस्ट-2017 यूआईटी ऑडिटोरियम गुरुवार से शुरू होगा।

सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग की ओर से होने वाले प्रोग्राम में स्टार्ट अप, हैकर्स, कोडर्स, सॉफ्टवेयर डवलपर सहित अन्य प्रोफेशनल एक्सपर्ट भाग लेंगे। इसका मकसद नए स्टार्टअप के प्रोत्साहन के लिए एक वृहद मंच प्रदान करना है।

स्टार्टअप केवल सरकारी सहायता प्राप्त कर सकते हैं बल्कि अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए कई वेंचर कैपिटलिस्ट से भी मिल सकते है। गृह, आपदा, प्रबंधन मंत्री गुलाबचंद कटारिया स्वायत्त शासन नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी भी शिरकत करेंगे।

इससे पहले कलेक्टर रोहित गुप्ता ने डिजी फेस्ट से संबंधित तैयारियों का जायजा लिया। दरअसल, स्टार्ट अप इंडिया को गति देने के लिए और आंत्रप्रिनियोरशिप के लिए युवाओं को प्रमोट करने के लिए भी यह फेस्ट बहुत फायदेमंद रहेगा।

यहां पर एक दूसरे से आइडिया शेयरिंग के साथ नॉलेज का भी एक्सचेंज होगा। वहीं स्टार्टअप की सफलता, उसमें इंवेस्टमेंट और प्रमोशन की स्किल्स के बारे में भी बताया जाएगा।

 कलक्टर ने तैयारियों का लिया जायजा : कलेक्टर रोहित गुप्ता ने बुधवार को डिजी फेस्ट की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने युवाओं आईटी विशेषज्ञों के लिए स्टार्टअप के लिए बनाए गए पांडाल, प्रदर्शनी स्थल सेमिनार हाल का निरीक्षण किया। 

 

 

 

22 की हड़ताल के समर्थन में बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया

आईबीए एवं यूनियनों के मध्य हड़ताल टालने हेतु बुलाई बैठक भी बेनतीजा समाप्त

कोटा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस द्वारा 22अगस्त को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल के क्रम में बुधवार को बैंक कर्मियों एवं अधिकारियों ने यूको बैंक रामपुरा बाजार शाखा के सामने प्रदर्शन किया।

बैंक कर्मियों ने सरकार द्वारा जन विरोधी बैंकिंग सुधार लागू करने, कॉर्पोरेट घरानों क एनपीए माफ करने तथा अनावश्यक बैंक प्रभार बढ़ाने के विरोध में नारेबाजी की। बैंक कर्मी राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजी करण एवं विलय न करने बैंक बोर्ड ब्यूरो भँग करने,नई भर्ती करने,कर्मचारी एवं अधिकारियों के मुद्दे तुरंत हल करने की मांग के समर्थन में भी नारे लगा रहे थे।

बुधवार को दोपहर बाद आईबीए एवं यूनियनों के मध्य हड़ताल टालने हेतु बुलाई बैठक भी बेनतीजा समाप्त हो गई।  18 अगस्त को केंद्रीय श्रमायुक्त ने भी दोनों पक्षों को बुलाया है। प्रदर्शन में बैंक कर्मी एवं अधिकारी नेताओं ललित गुप्ता, वी पी जोशी, सुरेश खंडेलवाल, गजानंद मीना, पदम पाटोदी, संजीव झा, रमेश सिंह, अनिल ऐरन, देवनारायण,डी के गुप्ता, डी एस साहू, हेमराज सिंह गौड़, आरबी मालव, मुरली गुप्ता आदि ने अपने संबोधन में 22 अगस्त की हड़ताल को सफल बनाने का आव्हान किया ।

चुपचाप ग्राहकों की जेब काट रहीं तेल कंपनियां

तेल कंपनियों ने पेट्रोल, डीजल के दाम पिछले डेढ़ महीने में पांच रुपये तक बढ़ा दिए हैं।

नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं डेढ़ महीने में पेट्रोल, डीजल की कीमत बढ़ने से आपकी जेब पर कितना असर पड़ा है? नहीं, क्योंकि शायद आप ये भी नहीं जानते होंगे कि तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमत में कितना इजाफा कर दिया है?

जी हां, तेल कंपनियां पिछले कुछ समय से चुपचाप ग्राहकों की जेब पर वार कर रही हैं और पेट्रोल, डीजल के दाम पिछले डेढ़ महीने में पांच रुपये तक बढ़ा दिए हैं। खास बात ये है कि पहले जहां तेल के दाम दो-तीन रुपये बढ़ने पर हल्ला मच जाता था वहीं तेल कंपनियों के इस कारनामे पर किसी को कानो कान खबर नहीं हुई। 

पिछले एक महीने में तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दामों में 12 फीसदी का इजाफा कर दिया है। केंद्र सरकार के रोज तेल कीमतों में बदलाव को हरी झंडी देने के निर्णय के बाद तेल कंपनियां चुपचाप कीमतों में वृद्धि करने में लगी हैं।

मोदी सरकार के इस कदम का न तो कोई विरोध कर रहा है, न ही इस पर किसी तरह की कोई चर्चा देखने या फिर सुनने को मिली है। तेल कंपनियों ने 16 जून से पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना बदलने की घोषणा की थी। जिसके बाद से शुरुआती एकआध मौके को छोड़कर तेल की कीमतों में लगातार इजाफा ही हुआ है।

शुरुआत के दिनों में गिरे थे पेट्रोल-डीजल के दाम
16 जून से तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम बदलने की घोषणा की थी। शुरू के एक महीने तक पेट्रोल-डीजल के दामों में रोजाना कुछ पैसों की कमी होने लगी थी, जिससे ग्राहकों को फायदा हुआ।

हालांकि पिछले एक महीने (15 जुलाई से 15 अगस्त) के बीच रोजाना पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए हैं। दिल्ली में पेट्रोल के दाम 15 अगस्त को 68 रुपये प्रति लीटर पहुंच गए थे, जो कि 25 जून को 63.71 रुपये प्रति लीटर था। इस हिसाब से अकेले दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो गया है। 

वहीं अगर डीजल की बात करें तो दिल्ली में यह 25 जून को 53.61 रुपये प्रति लीटर था, जो कि बढ़कर के 15 अगस्त को 57.30 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इस हिसाब से इसमें करीब चार रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई है। 

2019 तक पूर्णत: एलईडी इस्तेमाल करने वाला भारत पहला देश होगा

एलईडी बल्ब, ट्यूबलाइट तथा पंखे बेचने के लिए तेल विपणन कंपनियों से इस मौके पर करार किया।

नयी दिल्ली। भारत संभवत: 2019 तक सभी लाइटिंग जरूरतों के लिए एलईडी का इस्तेमाल करने वाला पहला देश बन जाएगा और इससे सालाना 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पियुष गोयल ने आज एक कार्यक््रुम में यह बात कही। सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिसिएंशी सर्वसिेज लिमिटेड ने देश भर में 54500 पेट्रोल पंपों पर अपने एलईडी बल्ब, ट्यूबलाइट तथा पंखे बेचने के लिए तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से इस मौके पर करार किया। गोयल ने कहा, इस प्रयास से हमें मदद मिलेगी।

भारत 2019 तक संभवत: एकमात्र ऐसा देश बन जाएगा जो सभी लाइटिंग जरूरतों के लिए एलईडी का इस्तेमाल करेगा। यह संदेश होगा कि भारत बड़े वादे करने की बजाय काम करने में यकीन रखता है।

इस मौके पर केंद्रीय तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पेट्रोल पंपों पर जल्दी ही सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आम सेवा केंद्र शुरू किये जाएंगे। इन केंद्रों में आधार निबंधन और अद्दतन तथा बिजली और फोन बिलों के भुगतान जैसी आधारभूत ऑनलाइन सेवाएं एक ही जगह पर मुहैया करायी जाएंगी।

विदेश में रिलीज होने वाली पहली राजस्थानी फिल्म, देखिए वीडियो

फिल्म “बद्रीनाथ की दुल्हनिया “के बाद से कोटा की खूबसूरत लोकेशन की चर्चा बॉलीवुड में 

पत्रकार वार्ता – राजस्थान की संस्कृति बहुत समृद्ध है, किन्तु राजस्थान फिल्मों के लिहाज से साऊथ और अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत पीछे है: सुरेंद्रपाल

कोटा। फिल्म ” बद्रीनाथ की दुल्हनिया ” के बाद से कोटा की खूबसूरती का चर्चे बॉलीवुड में अब खूब होने लगे हैं। हाल ही में नई राजस्थानी फिल्म “नानी बाई रो मायरो”  के कोटा में रिलीज होने से कुछ पहले कोटा आये फिल्म अभिनेता सुरेंद्रपाल एवं महाभारत के द्रोणाचार्य ने भी यहाँ की खूबसूरत लोकेशन की तारीफ की।

उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि राजस्थान की संस्कृति बहुत समृद्ध है, किन्तु राजस्थान फिल्मों के लिहाज से साऊथ और अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत पीछे है। निर्माता राजेंद्र गुप्ता ने इस दिशा में सराहनीय प्रयास किये हैं। उनकी यह फिल्म :नानी बाई रो मायरो” यहाँ के दर्शकों को पसंद आएगी।

गुप्ता ने कहा कि यह पहली राजस्थानी फिल्म है जो विदेश में रिलीज हुई है। कोटा के दर्शकों के लिए यह फिल्म 18 अगस्त से एक सिनेमाघर में लगाई जा रही है।  फिल्म के बारे में अधिक जानकारी के लिए निर्माता – निर्देशक राजेंद्र गुप्ता की पत्रकार वार्ता का यह वीडियो जरूर देखिए. .

सेंसेक्स 322 अंक बढ़कर 31771 पर बंद

नई दिल्ली। बुधवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ खुला और बंद भी हुआ। सेंसेक्स में जहां करीब 322 पॉइंट की बढ़त दर्ज हुई वहीं निफ्टी करीब 103 पॉइंट बढ़त के साथ बंद हुआ।

कारोबार बंद होने पर सेंसेक्स करीब 31771 और निफ्टी 9897 पॉइंट पर रहा। मेटल, फॉर्मा, ऑटो और एफएमसीजी के अच्छे कारोबार की वजह से सेंसेक्स और निफ्टी दिन में क्रमशः 31806 और 9904 पॉइंट तक पहुंचे।

निफ्टी में टेक महिंद्रा, सिप्ला, टाटा मोटर्स, बैंक ऑफ बड़ौदा, टाटा पावर, सन फार्मा, आईटीसी, वेदांता, हिंदुस्तान लीवर, हिंडाल्को और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस ने अच्छा मुनाफा कमाया।

इन सबने 2 फीसदी से अधिक की बढ़त दर्ज की। हालांकि पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, यस बैंक, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, ल्यूपिन और लारसन ऐंड टूब्रो को झटका लगा।

रिलायंस पर लगाया 1700 करोड़ का जुर्माना

सरकार ने लक्ष्य से कम नेचुरल गैस का उत्पादन करने पर लगाया जुर्माना 

नई दिल्ली। सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और उसके साझेदारों पर 264 मिलियन (करीब 1700 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है। सरकार ने यह जुर्माना वर्ष 2015-16 में पूर्वी ऑफश्योर केजी (कृष्णा-गोदावरी बेसिन के फील्ड) डी6 से लक्ष्य से कम नेचुरल गैस का उत्पादन करने पर लगाया है।

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि कंपनी पर कुल जुर्माना, जो कि अप्रैल 2010 से छह वर्ष में इस परियोजना में उत्पादन लक्ष्य से पीछे रहने के कारण, 3.02 अरब डॉलर का लगाया जा चुका है।

प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट (पीएससी) आरआईएल और उसके साझेदारों ब्रिटिश कंपनी बीपी और कनाडा की निको रिसोर्सेज को सरकार के साथ लाभ साझा करने से पहले गैस की बिक्री से हुई कमाई और परिचालन खर्चे डिडक्ट करने की अनुमति देता है।

इस परिेयोजना का विकास और परिचालन वसूलने पर रोक से उत्पादन लाभ में सरकार का हिस्सा बढ़ेगा। अधिकारी ने बताया है कि सरकार ने दावा किया है कि परियोजना विकास और परिचालन वसूलने पर रोक से उसे 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त लाभ हुआ है।

इस परियोजना के धीरूभाई अंबानी-1 और 3 गैस फील्ड में दैनिक 8 करोड़ क्यूबिक मीटर के उत्पादन के लक्ष्य से साथ परियोजना खर्च की मंजूरी दी गई थी।

शुद्ध गोल्ड के निर्यात पर सरकार ने लगाई रोक

नई दिल्ली । भारत ने ट्रेड में हो रही अनियमितओं पर लगाम लगाने के उद्देश्य से गोल्ड प्रोडक्ट्स, जिनकी शुद्धता 22 कैरेट से ऊपर है, के निर्यात को तुरंत प्रभाव से बैन कर दिया है। डाइरेक्टरट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने एक नोटिस जारी किया है जिसमें 22 कैरेट से ऊपर की गोल्ड ज्वैलरी, कॉइन या मैडेलियन (पदक) के शिपमेंट को बैन कर दिया है।

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी केतन श्रॉफ ने कहा, “सरकार ने यह फैसला सोने के ट्रेड में अनियमितओं को कम करने के लिए लिया है।  कुछ ट्रेडर्स भारत के कुछ देशों के साथ हुए व्यापार समझौते के आधार पर सोने का आयात कम टैक्स पर करते थे।

इसके बाद इस सोने को दूसरे देशों को एक्सपोर्ट कर देते थे। इसी तरह गहनों और सिक्कों की राउंड ट्रिपिंग गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।”  उन्होंने यह भी बताया कि इससे निर्यातकों को फायदा होगा। उन्हें मौजूदा गोल्ड पर लगने वाला 10 फीसद इंपोर्ट टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

माना जा रहा है कि सोने का भारतीय आयात बीते वर्ष की तुलना से दोगुना हो गया है। इसकी एक वजह दक्षिण कोरिया से सोने की खरीद में आई तेजी भी है।  भारत और दक्षिण कोरिया के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हुआ है। मार्च में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में गोल्ड मैडेलियन और कॉइन देश के कुल गेम्स एंड ज्वैलरी के निर्यात का 15 फीसद हिस्सा था।