Sunday, October 6, 2024
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141 पॉइंट चढ़ा सेंसेक्स, निफ्टी 9800 पार खुला

नई दिल्ली। बुधवार को भी बाजार में बढ़त बरकरार रही। 30 शेयरों का बीएसई सेंसेक्स 31,400 जबकि 50 शेयरों का एनएसई निफ्टी 9,800 के पार खुला। 9:41 बजे सेंसेक्स 141.81 अंकों की बढ़त के साथ 31,433 पर ट्रेड कर रहा था। इस दौरान निफ्टी में 40.45 की तेजी देखी गई और यह 9,806 पर ट्रेड कर रहा था।

बुधवार को शुरुआती कारोबार में निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 0.7 प्रतिशत चढ़ गया। वहीं, बीएसई पर प्रत्येक पांच में से चार शेयरों में तेजी देखी गई। फोर्टिस हेल्थकेयर, डीएलएफ, बालाजी टेलिफिल्म्स, बीईएमएल, एचपीसीएल, आईओसी, गैति, एरिस लाइफसाइंसेज, पटेल इंटिग्रेटेड, स्नोमन लॉजिस्टिक्स, फ्यूचर कन्ज्यूमर, इंडियन टोनर और इंडो काउंड जैसी कंपनियों के शेयर 5 प्रतिशत तक चढ़ गए।

तनावमुक्त होकर अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए संकल्प लें

विश्व में भारत के युवाओं ने अपना परचम पहरा रखा हैं, यह सब संकल्पबद्ध होकर कार्य करने से संभव है – राज्यवर्धन सिंह

कोटा । केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड ने कहा कि युवा शक्ति की भागीदारी से देश में तेजी से बदलाव हो रहे हैं, सरकार द्वारा किये गये नवाचारों एवं संकल्प की बदौलत आज हर वर्ग को योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उन्होंने युवाओं को आव्हान किया कि वे देश की उन्नति में भागीदार बनकर विश्वपटल पर नाम रोशन करें।

कर्नल राठौड़ मंगलवार को कोटा के रेजोनेन्स कोचिंग कैम्पस में ’संकल्प से सिद्धि’ कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज विश्व में भारत के युवाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम पहरा रखा हैं, यह सब संकल्पबद्ध होकर कार्य करने की बदौलत संभव है।

इसी प्रकार देश की सरकार द्वारा संकल्पबद्धता के साथ व्यवस्था में बदलाव किया गया है उससे आमजन को योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि युवा पीढी इस बदलाव की साक्षी रही है जिससे देश की अर्थव्यवस्था, कृषि, स्वास्थ्य, आधारभूत विकास के क्षेत्र में तेजी से प्रगति के पथ पर बढे हैं।

उन्होंने युवाओं को तनावमुक्त होकर अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए संकल्प के साथ आगे बढने तथा देश सेवा में भागीदार बनने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि आमजन की भागीदारी एवं जागरूकता से ही योजनाओं की सफल क्रियान्वित हो रही है, भ्रष्टाचार मुक्त विकास की परिकल्पना को साकार होते देखकर आमजन उत्साहित है।

कर्नल राठौड़ ने एमबीएस रोड़ पर पौधारोपण की शुरूआत करते हुए कहा कि पर्यावरण असंतुलित नही हो इसके लिए प्रत्येक नागरिक को दायित्वों का निर्वहन करते हुए पौधे लगाने के साथ उनकी देखभाल का जिम्मा भी लेना होगा। उन्होंने कहा कि टीम भावना के साथ लक्ष्य तय कर किये गये कार्य अधूरे नहीं रहते, इसी सोच के साथ नागरिको को आगे बढना होगा।

सांसद ओम बिरला ने कहा कि कोटा को हराभरा एवं सुन्दर बनाने का संकल्प आमजन की भागीदारी से साकार होगा, प्रकृति की रक्षा से मानव जीवन का अस्तित्व संभव है। उन्होंने बताया कि एक लाख पौधे का लक्ष्य रखकर 2022 तक कोटा को सबसे हराभरा शहर बनाने का संकल्प लिया है इससे गांव एवं शहर सभी की भागीदारी होगी। 

आयात पर पाबंदी से दालें महंगी, जमाखोर सक्रिय

सरकार के इस फैसले के बाद जमाखोर सक्रिय हो गए, जिससे इनकी कीमतें ऊपर चढऩी शुरू हो गई हैं

मुंबई। अरहर, मूंग और उड़द आदि दालों की आयात सीमा तय होने का घरेलू बाजार में इनकी कीमतों पर तत्काल असर दिख रहा है। सरकार के इस फैसले के बाद जमाखोर सक्रिय हो गए, जिससे इनकी कीमतें ऊपर चढऩी शुरू हो गई हैं, जो पहले न्यूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे थीं। भारत दुनिया में दलहन का सबसे बड़ा आयातक देश है।

अगस्त से अरहर, उड़द और मूंग की कीमतें नवी मुंबई के थोक बाजार मेंं 5 से 10 प्रतिशत अधिक हो गई हैं। हालांकि कुछ मंडियों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार कीमतें अब भी एमएसपी से ऊपर नहीं पहुंच पाई हैं। सोमवार को सरकार ने मूंग और उड़द दाल की आयात सीमा 3 लाख टन तय कर दी थी।

इस घोषणा के बाद तूर और मूंग की कीमतें 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर क्रमश: 4,800 रुपये और 5,000 रुपये हो गई हैं। हालांकि अरहर की कीमतें अब भी एमएसपी से थोड़ी कम हैं।  

आयात सीमा तय होने के बाद भारत से दलहन की मांग कम होने लगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अरहर की कीमतें अगस्त में 400 डॉलर प्रति टन से कम होकर 300 डॉलर प्रति टन रह गईं।

पिछले कुछ हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में ज्यादातर दालों की कीमतें 10-15 प्रतिशत कम हैं। घरेलू बाजार में दलहन की कीमतें थामने के प्रयासों और आयात सीमा तय होने के बाद कीमतों में कमी देखी गई है।

इससे पहले 5 अगस्त को सरकार ने अरहर दाल को प्रतिबंधित जिंसों की सूची में डाल दिया था और चालू वित्त वर्ष के लिए इसकी आयात सीमा मात्र 2 लाख टन तय कर दी थी।

इसके बाद सोमवार को उड़द और मूंग दालें भी प्रतिबंधित जिसों की सूची में डाल दी गईं और चालू वित्त वर्ष के लिए इनकी आयात सीमा सालाना 3 लाख टन तय कर दी गई।

 5 अगस्त के बाद अरहर की कीमतें लगातार बढ़ रही थीं और अब हाजिर बार में उड़द और मूंग की कीमतों में भी तेजी आई है।   सरकार ने लगभग 4 साल बाद अरहर के आयात की सीमा तय की थी। इससे पहले 1977 में आयात पर पाबंदी लगाई गई थी।

इंडिया पल्सेस ऐंड ग्रेंस एसोसिएशन (आईपीजीए) के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2016 में दलहन आयात  57 लाख टन रहा था जबकि वित्त वर्ष 17 की पहली तीन तिमाहियों में यह आंकड़ा 54 लाख टन था।

दलहन कारोबारियों के अनुसार मार्च 2017 तिमाही में 6 लाख टन दाल का आयात होने का अनुमान था। इस सत्र में किसानों ने दलहन का रकबा 1.07 करोड़ हेक्टेयर से बढ़ाकर 1.14 करोड़ हेक्टेयर कर दिया है। हालांकि अरहर का रकबा फिर भी कम रहा है। 

कोटा में आकाशवाणी का एफएम शुरू

  • आकाशवाणी सिखाये युवाओं को अच्छी भाषा

  • यह सलाह केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने दी।

  • बूंदी में 10 किलो वाट का टावर जल्दी ही तैयार होगा

कोटा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कोटा के सभी FM स्टेशनों अौर आकाशवाणी को युवाओं को ध्यान में रखते हूए कार्यक्रम बनाने की सलाह दी।

राठौर ने कहा कि युवाओं के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम बनाए ता‍की वे अच्छी भाषा सीख सके। यह बात वे आकाशवाणी में आयोजित कोटा के लोकल चंबल FM के उद्घाटन समारोह बोल र‍हे थे।

प्रेरणादायक कार्यक्रम प्रसारित करे FM
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर आकाशवाणी के उद्घाटन समारोह में पूरे समय वे युवाओं को केंद्र में रख कर ही बात करते नजर आए।

उन्होंने कहा कि कोटा में देशभर के विद्यार्थी कोचिंग के लिए आ रहे हैं ऐसे में आकाशवाणी कोटा को अपने स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम तैयार करें और उनका प्रसारण अधिक से अधिक करें जिस से देशभर के विद्यार्थियों को उसका लाभ मिल सके उन्होंने कहा कि आकाशवाणी से विद्यार्थियों को अच्छी भाषा सीखने को मिलेगी

किस्से, कहानियों और गीतों को भी प्रसारित करें 
राठौर ने कहा कि FM पर किस्से, कहानियों और यहां के गीतों को रेडियों पर प्रसारित किया जाए। इससे यहां के कल्चर को पूरे देश में फेलाया जा सकता है।

वे लोग जो शहर की बेहतरी में काम कर रहें है या जो देश में शहर का नाम रोशन कर रहें हैं, उनका इंटरव्‍यू भी प्रसारित किया जाना चाहिए। राजस्थान और कोटा के महत्व को बताते संगीत, लोक गीतों को रेडियाें के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाना चाहिए।

स्थानीय कलाकारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा
कर्नल राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि स्थानीय स्तर पर तैयार कार्यक्रमों से स्थानीय कलाकारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा! आकाशवाणी के FM चैनल के माध्यम से देशभर में यहां का प्रसार होगा!

कार्यक्रमों के साथ ही प्रसारण की जो क्वालिटी है वह भी काफी बेहतर होगी। बूंदी में 10 किलो वाट का जो टावर लगाया जा रहा है मार्च 18 तारीख को उसका काम भी पूरा हो जाएगा इससे करीब 2 किलोमीटर का क्षेत्र कवर होगा
 
 

आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करें उद्यमी

नई दिल्ली।आज देश में नजरिया बदलने की जरूरत है। विचार कमरे तक सीमित नहीं रहने चाहिए। ये देश के लिए होने चाहिए। इसी से मिशन 2022 का सपना पूरा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ये विचार नीति आयोग के ‘चैम्पियंस ऑफ चेंज प्रोग्राम’ में व्यक्त किए। वे 200 से ज्यादा युवा सीईओ को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने उद्यमियों से आधुनिक भारत के विकास के लिए सैनिक के तौर पर काम करने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करने का आह्वान किया। साथ ही कृषि निर्यात बढ़ाने और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम करने काे कहा। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया की तारीफ भी की।

डेवलपमेंट को हम बड़ा आंदोलन नहीं बना पाए 
आजादी के बाद डेवलपमेंट को हम मास मूवमेंट नहीं बना पाए। हमें देश को यहां ले जाना है और हम ये करके रहेंगे। अगर डॉक्टर के मन में ये भावना हो कि न्यूट्रिशन की समस्या खत्म करने के लिए, चाइल्ड हेल्थकेयर के लिए हम ये करेंगे तो कौन कहता है कि बदलाव नहीं सकता।’ 

देश को आगे ले जाने के लिए आपका साथ मुझे चाहिए 
मेरे लिए आप मेरी टीम हैं। देश को आगे ले जाने के लिए आपका साथ मुझे चाहिए। आप और मैं कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। आपकी सोच मेरी योजना का हिस्सा मिले और मेरी सोच आपके पुरुषार्थ का आधार बन जाए।

विक्रेताओं-खरीदारोंसे विचार शेयर करें : कोशिश ये है कि विचार कमरे तक सीमित ना रहें। आप अपने विक्रेताओं-खरीदारों से विचारों को बांटें। आप ये सोचें कि देश के बारे में हम भी कुछ करेंगे। हमारे देश में नए उद्यमी कैसे तैयार हों इस दिशा में काम कर सकते हैं।

 

 

 

 

बैंक हड़ताल से 1000 करोड़ का कारोबार प्रभावित

कोटा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के राष्ट्रव्यापीे बैंक हड़ताल के आव्हान पर मंगलवार को कोटा में लगभग 2000 बैंक अधिकारी एवं कर्मचारी हड़ताल पर रहे. जिसके कारण नकदी लेन देन, अंतरण,समाशोधन,आरटीजीएस, ऋण वितरण आदि कोई काम नही हुआ। एक अनुमान के मुताबिक संभाग में लगभग 1000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ।

हड़ताल में सभी बैंक अधिकारी एवं कर्मचारियों, शाखा प्रबंधक से लेकर सफाई कर्मचारी शामिल थे। उनके काम पर न जानेे से मंगलवार को सम्पूर्ण बैंकों में कारोबार ठप्प हो गया। सैंकड़ों की तादाद में हड़ताली बैंक कर्मी एवं अधिकारी सुबह 10 बजे बैंक ऑफ बड़ौदा की झालावाड़ रोड़ शाखा के समक्ष एकत्रित हुए. जहाँ जम कर नारे बाजी की।

इन मांगों को लेकर की हड़ताल
बैंक कर्मियों व अधिकारियों ने बैंकिंग सुधार के नाम पर बैंकों के निजीकरण,विलय का विरोध, बैंकों के बंद करने के प्रयास, कॉर्पोरेट घरानों के एनपीए को बट्टे खाते डालने से बैंक घाटे को प्रभार बढ़ा कर आम ग्राहक पर लादने के विरोध, एनपीए वसूली हेतु गठित संसदीय समिति की सिफारिश लागू करने, जानबूझ कर ऋण अदायगी न करने को दंडनीय अपराध घोषित करने, अवांछित बैंक बोर्ड ब्यूरो भंग करने, सभी वर्गों में नई भर्ती करने, बैंक अधिकारियों एवं कर्मियों के जिनमे नोटबंदी के दौरान हल नही हुए मुद्दे भी शामिल हैं। 

इन्होंने किया सम्बोधित
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यनियंस कोटा के संयोजक पदम पाटोदी ने हड़ताल को पूर्णतः सफल होने का दावा किया।हड़ताली बैंक कर्मियों को बैंक कर्मी एवं अधिकारी नेताओं शरण लाल गुप्ता,ललित गुप्ता,विपिन चोरायवाल,सुशील मेहता, संजीव झा रमेश सिंह,गजानंद मीणा, मोहम्मद अकरम,सी एल भार्गव,मुकेश वर्मा, सुरेश खंडेलवाल, देव नारायण,अनिल एरण,डी के गुप्ता, डी एस साहू,हेमराज सिंह गौड़,मिर्जा नफीस बेग,भारतभूषण गौतम आर बी मालव ,राजीव सहगल, ज्ञानेंद्र शर्मा,रवि कांत शर्मा के अलावा सेवानिवृत बैंक कर्मी नेता एल आर सिन्हा व रवि गुप्ता ने भी संबोधित किया।

शेयर ट्रेडिंग के लिए भी जरूरी हो सकता है आधार

आपका खाता तब तक चालू नहीं होगा जब तक ग्राहक की ओर से आधार संख्या को जमा नहीं किया जाता है।

नई दिल्ली। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने स्टॉक ट्रेडिंग के लिए आधार अनिवार्य बनाने के लिए संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है।

पूंजी बाजार नियामक ने बोकर्स की तैयारियों यानी अपने ग्राहकों को 31 दिसंबर से पहले बायोमेट्रिक आईडी का विवरण जमा करने को लेकर एक्सचेंजों को प्रतिक्रिया देने को कहा है।

 जल्द ही आधार और म्यूचुअल फंड खरीदने के लिए आधार अनिवार्य हो सकता है। बीएसई ने अपने ताजा सर्कुलर में ब्रोकर्स से इस मामले पर 23 अगस्त तक टिप्पणी करने को कहा है।

इसमें कहा गया है कि मौजूदा क्लाइंट्स को 31 दिसंबर से पहले ब्रोकर्स के पास अपना आधार विवरण देना होगा। इसके अलावा नए क्लाइंट को भी डीमेट अकाउंट खोले जाने के 6 महीने के भीतर ऐसा करना होगा।

यह सर्कुलर कहता है, “उपरोक्त समय सीमा के भीतर अगर आप दस्तावेज जमा करने में विफल रहते हैं तो आपका खाता तब तक चालू नहीं होगा जब तक ग्राहक की ओर से आधार संख्या को जमा नहीं किया जाता है।”

सरकार और सेबी मनी लॉन्ड्रिंग के नियमों के निवारण के तहत आधार को अनिवार्य बना रहे हैं, जिसका उद्देश्य पैसों के अवैध लेन-देन को रोकना है।

 सेबी ने हाल के कुछ वर्षों में अवैध धन को कानूनी धन में बदलने के लिए स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए व्यक्तियों और संस्थाओं को फटकारा है।

कोटा स्टोन पर 5% ही लगेगा जीएसटी, कमिश्नर ने किया स्पष्ट

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माहेश्वरी ने एक विशेष भेंट में बताया कि अब कोटा स्टोन का कारोबार फिर से गति पकड़ेगा।

-दिनेश माहेश्वरी
कोटा।  जीएसटी दर को लेकर कोटा स्टोन व्यापारियों की लंबे समय से चली आ रही चिंता सोमवार को वाणिज्यिक कर विभाग के कमिश्नर आलोक गुप्ता के पत्र से समाप्त हो गई है। स्टेट टैक्स कमिश्नर ने कोटा स्टोन पर पांच फीसदी ही जीएसटी लगने की स्थिति स्पष्ट की है।

केवल कोटा स्टोन से बनी हुई टाइल्स पर ही 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। इस आदेश के बाद क्षेत्र में वापस कारोबार को गति मिलने की उम्मीद है। देश में गत एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के साथ ही क्षेत्र में कोटा स्टोन पर टैक्स स्लैब को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही।

इसके चलते जुलाई में पहले तीन दिन काम ठप रहा। तब पांच फीसदी जीएसटी लगने से काम शुरू हुआ था कि वापस 28 फीसदी जीएसटी का शगुफा सामने आ गया। इससे कारोबार बूरी तरह चरमरा गया।

व्यापारियों में यह असमंजस था कि रफ पर पांच फीसदी और पॉलिश कोटा स्टोन पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। यदि यहां से ट्रक भरकर पत्थर भेज दिया और उसे पाॅलिस में मान लिया तो पैनल्टी कौन भुगतेगा। कोटा स्टोन पर जीएसटी की स्थिति यह थी कि न तो अधिकारी क्लियर कर पा रहे थे ।

ऐसे में कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी के नेतृत्व में कोटा स्टोन उद्यमी और कोटा स्टोन स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन रामगंजमंडी के पदाधिकारी व गत दिनों मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कोटा प्रवास के दौरान उनसे मिले। तब राजे ने भी व्यापारियों की पीड़ा समझते हुए काेटा स्टोन पर पांच फीसदी ही जीएसटी की बात कही थी।

माहेश्वरी ने हमारे चैनल LEN DEN NEWS को एक विशेष भेंट में बताया कि अब सरकार की और से स्पष्टीकरण आने के बाद कोटा स्टोन का कारोबार फिर से गति पकड़ेगा। देखिए महासंघ के महासचिव माहेश्वरी का साक्षात्कार का यह वीडियो –

200 कंपनियों के कारोबार पर 10 साल के लिए बैन

बीएसई ने कहा कि इन कंपनियों के प्रमोटरों को अपने शेयर होल्डर से फेयर वैल्यू पर शेयर खरीदने होंगे।

नई दिल्ली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने बुधवार से 200 कंपनियों को कारोबार करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही इन कंपनियों के प्रमोटरों पर भी शेयर मार्केट में अगले 10 साल के लिए ट्रेडिंग पर बैन लगा दिया है।

ये ऐसी कंपनियां हैं जिनमें पिछले 10 साल से शेयरों में किसी प्रकार की कोई खरीदारी नहीं हुई है। बीएसई ने कहा कि इन कंपनियों के प्रमोटरों को अपने शेयर होल्डर से फेयर वैल्यू पर शेयर खरीदने होंगे। यह फेयर वैल्यू एक्सचेंज द्वारा नियुक्त किए गए व्यक्ति तय करेगा। 

ज्यादातर कंपनियां खाद, दवा, फाइनेंस और टेक्सटाइल क्षेत्र की हैं। एक्सचेंज ने तीन सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि ये सारी कंपनियां 23 अगस्त से एक साथ डीलिस्ट हो जाएंगी। पहले सर्कुलर में 117 कंपनियां हैं, जिन पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया गया है।

वहीं दूसरे सर्कुलर में 28 कंपनियां हैं, जिनके पास शेयर मार्केट में कारोबार करने के लिए कैश नहीं है और तीसरे सर्कुलर में 55 कंपनियां हैं, जो पहले से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में डीलिस्टेड हो गई हैं। 

बैंकों की हड़ताल से देशभर में कामकाज प्रभावित

नई दिल्ली। बैंकों के विलय का विरोध एवं अन्य मांगों को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी मंगलवार को हड़ताल पर रहे जिससे सामान्य बैंकिंग गतिविधियां प्रभावित हुईं।

बैंक की शाखाओं में जमा, निकासी, चेक क्लीयरेंस, एनईएफटी और आरटीजीएस लेन-देन प्रभावित हुए।
हालांकि आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे निजी बैंकों में बैंकिंग गतिविधियां लगभग सामान्य रहीं।  हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के तत्वाधान में विभिन्न यूनियनों ने किया है।

भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने उपभोक्ताओं को पहले ही बता दिया था कि अगर हड़ताल होती है तो शाखाओं में कामकाज प्रभावित हो सकता है। आईबीए ने बैंकों से हड़ताल का असर कम करने के उपाय भी करने को कहा था।

यूएफबीयू बैंकिग क्षेत्र के नौ यूनियनों का शीर्ष संगठन है। इसमें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया एंप्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) शामिल हैं।

इन मांगों को लेकर है हड़ताल
एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा कि हड़ताल का कारण बैंकों के विलय का विरोध तथा अन्य मांगें हैं। अन्य मांगों में कॉरपोरेट ऋण के गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) को बैलेंस शीट से नहीं हटाये जाने की नीति, विलफुल डिफॉल्ट को आपराधिक कत्य घोषित किया जाना और एनपीए की वसूली के लिए ससंदीय समिति के सुझावों को लागू करना शामिल है। उल्लेखनीय है कि देश के पूरे बैंकिंग कारोबार में 21 सार्वजनिक बैंकों की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है।