सहकारिता आंदोलन की समाज और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका: बिरला

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कोटा। Borkheda Gram Seva Sahakari Samiti AGM: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा की ग्राम सेवा सहकारी समितियां सहयोग की भावना के माध्यम से समाज और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ये समितियां सबको साथ लेकर वसुधैव कुटुंबकम के मूल मंत्र को चरितार्थ करने के साथ ही ग्रामीणों की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा कर उनको आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करती हैं।

स्पीकर बिरला शनिवार को कोटा मे बोरखेड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति की आम सभा एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा की सहकारिता आंदोलन मे कैसे एक ग्राम स्तर की समिति सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम बन सकती है इसका जीवंत उदाहरण बोरखेड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति है।

ऐसी संस्थाएं सहकारिता से समृद्धि का मार्ग दिखाती है जिससे आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की भावना को बढ़ावा मिलता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सहकारिता की यह भावना हमारे समाज में और भी गहराई से फैले, ताकि देश के प्रत्येक कोने में समृद्धि और उन्नति का विस्तार हो सके।

उन्होंने कहा की सहकारिता आंदोलन से देश के गरीब, वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के जीवन मे व्यापक परिवर्तन आया है। देश के किसान और मजदूर वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने का काम इस आंदोलन ने किया है।

बोरखेड़ा समिति की 70 वर्ष की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए श्री बिरला ने कहा की यह संस्था अपने 75 वर्ष पूर्ण करने की ओर अग्रसर है। एक ग्राम सेवा सहकारी समिति होने के बावजूद 90 करोड़ रुपए का डिपॉजिट आमजन के विश्वास को दर्शाता है।

अतिशय ब्याज से मिली मुक्ति
श्री बिरला ने कहा की एक समय ऐसा था जब किसानों को 16 से 18 प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिलता था, उनका जीवन ब्याज चुकाने मे ही खप जाता था। खुशी है की अब शून्य प्रतिशत पर एक से डेढ़ लाख तक का ऋण मिल सकता है। उन्होंने कहा की इस समिति द्वारा दिए गए ऋण की सहायता से लोग अपनी सामाजिक और आर्थिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते है। ऐसे ऋण से आम किसान को अतिशय ब्याज के चंगुल से मुक्ति मिली है।

उन्होंने महिलाओं से सहकारी समितियों की सहायता से छोटे लघु उद्योग स्थापित कर स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का आग्रह किया। साथ ही, उपस्थित जनों से आहवाहन किया की हर त्योहार पर महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को खरीदे व प्रमोट करे ताकी इस समिति से जुड़ी हुई महिलाये आत्मनिर्भर बन सके। श्री बिरला ने समिति के सदस्यों को महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों के लिए एक आउट्लेट खोलने का सुझाव दिया।