Tuesday, October 8, 2024
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राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करें- जेटली

नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्य सरकारों से अपील की है कि वो पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट की दर को कम करें। जेटली ने कहा कि राज्य ऐसा कर आम उपभोक्ताओ को ईंधन की ऊंची कीमतों से थोड़ी राहत दे सकते हैं।

 केंद्र सरकार ने हाल ही में पेट्रोल व डीजल के उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की जिससे उस पर 26000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर बांग्लालेश गए जेटली ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती इसलिए की गई ताकि कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से आम उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत दी जा सके और उनके पास थोड़ा पैसा बच सके।

उन्होंने पत्रकारों को बताया कि अब यह राज्य सरकारों पर निर्भर है कि वो इस मुद्दे (बिक्री कर या वैट में कटौती) को लेकर चिंतित हैं या नहीं। गैर भाजपा शासित राज्यों का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि विशेषकर केरल और दिल्ली समेत कुछ राज्य सरकारें शुल्क में कटौती की मांग करती रही हैं।

इसलिए राज्य सरकारों को अपने खुद के वैट संग्रहण पर विचार करना चाहिए। जेटली ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर एकत्र करों का एक बड़ा हिस्सा राज्यों को जाता है। साथ ही अपने खुद के वैट संग्रह के अलावा, उन्हें 42 फीसद के केंद्रीय करों का हिस्सा भी मिलता है। इसलिए राज्यों को भी इसका असर (एक्साइज ड्यूटी में कटौती) सहन करना चाहिए।

थाइलैंड में होगी कैस्ट्रॉल एशिया पैसेफिक मैकेनिक प्रतियोगिता

राजस्थान के धर्मेश शर्मा, जितेंद्र सैनी और जाकीर हुसैंन करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

कोटा। मुंबई में संपन्न हुए कैस्ट्रॉल सुपर मैकेनिक आल इंडिया फाइनल्स में कैस्ट्रॉल सुपर मैकेनिक ऑफ इंडिया का खिताब जीतने के लिए पूरे देश से चुन कर आई तीन-तीन मैकेनिकों की आठ टीमों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली।

विजेता टीम कैस्ट्रॉल एशिया पैसेफिक फाइनल्स में भाग लेने के लिए थाइलैंड रवाना होने से पहले 6 से 8 नवंबर के दौरान मुंबई में लगने जा रहे एक आखिरी प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेगी। फाइनल्स के लिए चुने गए मैकेनिकों के कौशल एवं ज्ञान की परीक्षा लेने हेतु अंतिम फेरी में एक प्रश्नोत्तरी तथा एक व्यावहारिक ज्ञान का चक्र शामिल किया गया था।

ये प्रतियोगी देश के कोने-कोने से भाग लेने वाले 60,000 मैकेनिकों के बीच से दो चक्रों का कड़ा मुकाबला जीत कर फाइनल्स में पहुंचे थे। कैस्ट्रॉल सुपर मैकेनिक प्रतियोगिता का भारतीय संस्करण कैस्ट्रॉल की तरफ से आरंभ किए गए एक एशियाव्यापी उपक्रम का हिस्सा था।

यह उपक्रम दुपहिया वाहनों के मैकेनिकों को अपने ज्ञान एवं प्रतिभा का प्रदर्शन करने तथा उनके कौशल को धार देने के उद्देश्य से संचालित किया गया। केदार आपटे, वाइस प्रेसिडंट मार्केटिंग, कैस्टॉल इंडिया के अनुसार कैस्ट्रॉल सुपर मैकेनिक प्रतियोगिता दुपहिया वाहनों के मैकेनिकों की रखरखाव-प्रवीणता में सुधार लाने तथा इसका परीक्षण करने हेतु रची गई है। 

जीएसटी काउंसिल की बैठक कल, टैक्स रिफंड में राहत संभव

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“शुक्रवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इंटीग्रेटेड जीएसटी रिफंड और छोटे करदाताओं के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर अहम फैसला लिया जा सकता है।”

नई दिल्ली । जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक शुक्रवार को होनी है जिसमें इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स रिफंड पर फैसला लिया जा सकता है। यह बैठक नई दिल्ली में होनी है। यह जानकारी सुशील मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रि समूह ने दी है।

सुशील मोदी ने जीएसटी नेटवर्क पर आयोजित अपनी दूसरी बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, “शुक्रवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इंटीग्रेटेड जीएसटी रिफंड और छोटे करदाताओं के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर अहम फैसला लिया जा सकता है।” इस मंत्रि समूह की पहली बैठक 16 सितंबर को आयोजित हुई थी।

बिहार के उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले पांच सदस्यीय मंत्रिसमूह का गठन जीएसटी नेटवर्क पर तकनीकी खामियों की देखरेख के लिए किया गया है। साथ ही उनको यह जिम्मा भी दिया गया है कि वो सभी हितधारकों और इसके वेंडर (वैश्विक सॉफ्टवेयर दिग्गज इंफोसिस) को उचित परामर्श भी प्रदान करे।

मोदी ने कहा, “जीएसटी शासन में आए संरचनात्मक परिवर्तनों के बारे में काउंसिल की अगली बैठक में काउंसिल के सदस्यों के साथ विचार विमर्श किया जाएगा और इसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे।

आईटी संबंधी तमाम खामियों को लगभग दूर कर लिया गया है और व्यापारी वर्ग ऑनलाइन माध्यम से रिटर्न फाइलिंग के दौरान नेटवर्क के काफी सहज होने का अनुभव प्राप्त कर रहे हैं।”

गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक प्रस्तावित समय से 18 दिन पहले होगी। यानी अब काउंसिल 22वीं बैठक 6 अक्टूबर को आयोजित करेगा, जो कि पहले 24 अक्टूबर को होनी थी।

सेबी ने ईसीएल और 9 व्यक्तियों पर लगाया प्रतिबंध

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नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों से अवैध रूप से धन जुटाने को लेकर एक्सप्रेस कल्टीवेशन लिमिटेड ईसीएल और नौ व्यक्तियों के प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने पर रोक लगाई है। सेबी ने उन पर चार साल के लिये प्रतिबंध लगाया है।

सेबी के 3 अक्तूबर के आदेश के मुताबिक प्रतिबंधित किये गये 9 लोगों में से चार- माजूमदार, तनमय मृधा, सागर माजूमदार और मनोज कुमार ढाली- ईसीएल के मौजूदा निदेशक हैं जबकि अशीष ढाली और शंकर बैद्या – पूर्व निदेशक है। बाकी तीन लोग –संतोष सरदार, सुभाश्री मजुमदार और सुनील बरन मजुमदार- फर्म के प्रवर्तक हैं।

नियामक ने आदेश में कहा कि ईसीएल ने विाीय वर्ष 2010-11, 2011-12 और 2012-13 के दौरान 970 निवेशकों को विमोचनीय तरजीही शेयर आरपीएस जारी और आवंटित करके 1.02 करोड़ रुपये जुटाये। चूंकि 50 से अधिक लोगों को शेयर जारी किये गये थे, इस लिहाज से आरपीएस की पेशकश एक सार्वजनिक पेशकश बनने योग्य थी और शेयर बाजार में प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध किया जाना जरुरी था। हालांकि, ईसीएल ने प्रावधान का पालन नहीं किया।

वहीं, दूसरी ओर बाजार नियामक सेबी ने 20 संस्थाओं से कारोबार प्रतिबंध हटा लिया है। इन संस्थाओं पर केल्विन फिनकैप लिमिटेड के शेयरों में धोखाधड़ी करके व्यापार करने में शामिल होने का आरोप था। सेबी ने कहा कि उसे इनके खिलाफ कोई प्रतिकूल साक्ष्यै नहीं मिला है।

बाजार में मामूली बढ़त, सेंसेक्स 31,700 के निकट 

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की नई मौद्रिक नीति की घोषणा होने के अगले दिन बाजार सकारात्मक संकेतों के साथ खुले। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने मामूली बढ़त के साथ शुरुआत की।

निफ्टी 9,925 के पास है, तो सेंसेक्स 31,700 के करीब दिखाई दे रहा है। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अच्छी खरीदारी दिख रही है।

बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.5 फीसदी बढ़ा है, जबकि निफ्टी के मिडकैप 100 इंडेक्स में 0.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.6 फीसदी तक मजबूत हुआ है।

फार्मा, रियल्टी, ऑटो, आईटी, मेटल, पीएसयू बैंक और कैपिटल गुड्स शेयरों में खरीदारी देखने को मिल रही है। हालांकि एफएमसीजी, प्राइवेट बैंक, मीडिया, कन्ज्यूमर ड्युरेबल्स और ऑइल ऐंड गैस शेयर दबाव में नजर आ रहे हैं।

विजय माल्या ने लोन की रकम शौक पूरे करने में लगाई

मुंबई। भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने बैंकों से करोड़ों रुपये लोन लेकर अपने शौक पूरे किए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के मुताबिक, शराब कारोबारी माल्या ने फॉर्म्युला वन (F1) में बैंकों से लिए लोन का पैसा लगा दिया।

 माल्या ने आईडीबीआई बैंक से लिए लोन का हिस्सा (53.69 करोड़ रुपये) देश से बाहर दो किश्तों (42 करोड़ और 12 करोड़) में फॉर्म्युला वन टीम को फंड करने के लिए भेज दिए। लंदन में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद माल्या को कुछ ही समय में बेल मिल गई थी।

इससे पहले अप्रैल 2017 में भी माल्या को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें तुरंत बेल भी मिल गई थी। ईडी अधिकारियों ने बताया कि आईडीबीआई से माल्या ने 950 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिसका एक हिस्सा अक्टूबर 2009 में लंदन में ट्रांसफर कर दिया गया।

अधिकारियों के मुताबिक, लंदन ट्रांसफर किए गए पैसे को माल्या ने अपनी फोर्स इंडिया फॉर्म्युला वन टीम में लगा दिया था। अधिकारियों ने बताया कि पैसे को बैंक ऑफ बड़ौदा के किंगफिशर एयरलाइंस के अकाउंट से फोर्स इंडिया में ट्रांसफर कर दिया गया।

जांच एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि किंगफिशर एयरलाइंस जो खुद बुरी हालत में थी वह कैसे माल्या की टीम को फंड ट्रांसफर करती रही।

2008 से फॉर्म्युला वन रेसिंग में उतरने वाली फोर्स इंडिया पर मालिकाना हक संयुक्त रूप से विजय माल्या और जेल में बंद सहारा इंडिया परिवार के बॉस सुब्रत रॉय का है। ईडी अधिकारियों ने बताया कि एक समय पर सुब्रत रॉय ने माल्या की टीम में आधी हिस्सेदारी खरीद ली थी।

अगर ईडी यह साबित करने में सफल हो जाता है कि माल्या ने लोन लिया पैसा अपनी एयरलाइंस (किंगफिशर) को दिवालिया होने से बचाने की बजाए आपराधिक रूप से अन्य जगह लगाया है तो भारत का केस मजबूत हो जाएगा। vijay दिसंबर में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में माल्या के प्रत्यर्पण की सुनवाई होनी है।

पीएफ सब्सक्राइबर्स को मिलेगा शेयरों में निवेश का फायदा

नई दिल्ली। ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को जल्द ही इक्विटी इन्वेस्टमेंट के फायदे मिल सकते हैं। रिटायरमेंट फंड मैनेज करने वाली संस्था सरकार के साथ मिलकर एक पॉलिसी को फाइनल कर रही है, जिससे 15 पर्सेंट इन्वेस्टमेंट हर महीने आपको यूनिट्स के तौर पर अलॉट किए जाएंगे।

आप इन्हें प्रॉविडेंट फंड विदड्रॉल या एग्जिट के समय भुना सकते हैं। ईपीएफओ को शेयरों में निवेश से जो सालाना डिविडेंड मिलेगा, वह उसे भी 4.5 करोड़ सब्सक्राइबर्स के बीच बांटेगा। इससे रिटर्न में बढ़ोतरी होगी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि लेबर मिनिस्ट्री इस पॉलिसी को तैयार कर रही है।

इससे ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर वास्तविक रिटर्न का पता चलेगा। अभी यह रिटर्न सिर्फ कागज पर होता है। अधिकारी ने बताया, ‘इस पॉलिसी पर संबंधित पक्षों से बातचीत हुई है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) से इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसी महीने सीबीटी की मीटिंग हो रही है।’

पॉलिसी फाइनल होने के बाद सब्सक्राइबर्स हर महीने डेट और इक्विटी में अपने निवेश को चेक कर पाएंगे। अधिकारी ने कहा, ‘जब कोई व्यक्ति पीएफ निकालने का फैसला करेगा तो कुल निवेश का 85 पर्सेंट उसे ब्याज समेत वापस किया जाएगा। वहीं, इक्विटी में इन्वेस्टमेंट का 15 पर्सेंट जमा की गई यूनिट्स में उस दिन उसकी वैल्यू से गुना कर लौटाया जाएगा।’

उन्होंने बताया, ‘सब्सक्राइबर के पास इक्विटी इन्वेस्टमेंट विदड्रॉल को एक से दो साल तक टालने का भी ऑप्शन है। यह इस पर निर्भर करेगा कि सीबीटी कितने साल तक यह ऑप्शन देता है।’ वित्त मंत्रालय ने पहले ईपीएफओ के लिए एक नए इन्वेस्टमेंट पैटर्न को मंजूरी दी थी। इससे 5 से 15 पर्सेंट तक फंड इक्विटी या इक्विटी लिंक्ड स्कीम्स में लगाने का रास्ता साफ हुआ था। इसके बाद अगस्त 2015 से ईपीएफओ ने 5 पर्सेंट डिपॉजिट को ईटीएफ में लगाना शुरू किया।

2015-16 में उसने 6,577 करोड़ रुपये इस तरह से लगाए। 2016-17 में यह रकम 14,982 करोड़ रुपये यानी निवेश योग्य रकम का 10 पर्सेंट रही। इस साल इन्वेस्टमेंट लिमिट को बढ़ाकर 15 पर्सेंट कर दिया गया, जो करीब 20,000 करोड़ रुपये है। इस साल मई तक इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न 13.72 पर्सेंट रहा है।

2015 के बाद से हर महीने 85 पर्सेंट प्रॉविडेंट फंड कॉन्ट्रिब्यूशन डेट प्रॉडक्ट्स में, जबकि 15 पर्सेंट इक्विटी में लगाया जा रहा है। हालांकि, हर साल ब्याज कैल्कुलेट करते वक्त इक्विटी वाले हिस्से के असर को शामिल नहीं किया जाता और ना ही आपकी पीएफ बैलेंस शीट में इसे दिखाया जाता है।

एक ई-वॉलिट से दूसरे में ट्रांसफर कर सकेंगे रकम

बेंगलुरु। अब आप जल्दी ही एक ई-वॉलिट से दूसरे ई-वॉलिट में पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने 6 महीने के भीतर इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला लिया है। इससे कैशलेस पेमेंट्स को बढ़ावा दिया जा सकेगा और एक ई-वॉलिट होने पर ही ट्रांजैक्शन की बंदिश को भी खत्म किया जा सकेगा।

हालांकि केंद्रीय बैंक ने यह सुविधा उन यूजर्स के लिए ही शुरू करने का फैसला लिया है, जिनकी केवाईसी पूरी होगा। बता दें कि ई-वॉलिट यूज करने वाले लोगों में ऐसे लोगों की संख्या खासी कम है, जिनकी केवाईसी पूरी है।

इसी साल मार्च में आरबीआई ने इस संबंध में एक ड्राफ्ट तैयार किया था और आम लोगों से इसे लेकर सुझाव मांगे थे। 11 अक्टूबर को आरबीआई एक बार फिर से इस संबंध में आदेश जारी कर सकता है। आरबीआई ने यह प्रयास ऐसे समय में शुरू किया है, जबकि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस का भी प्रयास तेजी से चल रहा है।

यूपीआई के तहत आपको किसी एक ई-वॉलिट में पैसे रखने की जरूरत नहीं होगी और आप सीधे बैंक खाते से ही आसानी से रकम ट्रांसफर सकेंगे। अब तक पेटीएम, फ्रीचार्ज और मोबिक्विक जैसे मुख्य ई-वॉलिट्स प्रचलन में हैं, जो क्लोज्ड लूप स्ट्रक्चर के तहत ही काम करते हैं और अपने ही नेटवर्क पर रकम का ट्रासफर स्वीकार करते हैं।

बीते साल नवंबर में नोटबंदी के बाद से डिजिटल पेमेंट में खासा उछाल आया था और उसी दौरान पेटीएम और मोबिक्विक जैसे ई-वॉलिट्स का इस्तेमाल करने वालों की संख्या अचानक बढ़ गई थी। यही नहीं नेट बैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में भी बड़ा उछाल आया था।

बिना आधार मुफ्त में शिक्षा भी नहीं मिलेगी

आधार कार्ड जमा ना कराने पर निजी स्कूलों में उनका दाखिला रद्द कर दिया जाएगा, अचानक आए सरकार के इस नए फरमान से सैकड़ों बच्चों की जान आफत में पड़ गई है

कोटा। शिक्षा का अधिकार (RTE) के तहत मुफ्त में पढ़ाई करने के लिए स्कूलों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को अब अपना आधार कार्ड जमा कराना होगा। जिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं होगा उन्हें पात्र होने के बावजूद स्कूल से बेदखल कर दिया जाएगा। इसी सप्ताह में स्कूलों के आधार कार्ड का भौतिक सत्यापन किया जाएगा।

आरटीई के तहत बच्चों को दाखिला देने के बाद राजस्थान राज्य सरकार ने उनका आधार कार्ड जमा कराने का फरमान जारी किया है। आधार कार्ड जमा ना कराने पर निजी स्कूलों में उनका दाखिला रद्द कर दिया जाएगा। अचानक आए सरकार के इस नए फरमान से सैकड़ों बच्चों की जान आफत में पड़ गई है।

जो बच्चे समय पर आधार कार्ड नहीं बनवा पाएंगे उनके परिजनों को मोटी फीस देकर बच्चों को पढ़ाना पड़ेगा, या फिर निजी स्कूलों से नाम कटवा कर सरकारी स्कूलों में दाखिला कराना पड़ेगा।

6 दिन में दिखाने होंगे आधार कार्ड
अचानक आए सरकार के इस फरमान पर शिक्षा विभाग ने अमल भी शुरू कर दिया है। आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों का 3 से 10 अक्टूबर के बीच भौतिक सत्यापन किया जाएगा। बारां जिले के 274 प्राइवेट स्कूलों में 23 हजार 81 छात्र-छात्राएं आरटीई के तहत अध्ययनरत हैं।

इन बच्चों का चयन लॉटरी के आधार पर 25 जून को हुआ था। भौतिक सत्यापन में आधार कार्ड, माता पिता का आय प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज देखे जाएंगे। इस दौरान यदि किसी छात्र-छात्रा के पास आधार कार्ड नहीं मिला तो उसका नि:शुल्क शिक्षा पाने का अधिकार छिन सकता है।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आधार नंबर से प्रत्येक छात्र-छात्रा के दस्तावेजों को आरटीई पोर्टल पर आनलाइन किया जाएगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी। अपात्र छात्र-छात्रा अध्ययन नहीं कर पाएंगे। पात्रता रखने वाला छात्र-छात्रा को आसानी से प्रवेश मिल जाएगा।

स्कूलों को गलत भुगतान की संभावना भी नहीं रहेगी। आरटीई प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रत्येक विद्यार्थी का भौतिक सत्यापन 3 से 10 अक्टूबर तक किया जाएगा। इसके लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई है। सभी सम्बंधित लोगों को जिम्मेदारियां दी गई है।

त्योहारी खरीदारी से उछला सोना, चांदी 250 रुपए तेज

नई दिल्ली/ कोटा । बुधवार के कारोबार में सोने की कीमतों में मामूली उछाल देखने को मिला। आज सोना 50 रुपए उछलकर 30,600 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। सोने में इस तेजी की प्रमुख वजह वैश्विक रुप से मजबूत रुझान और त्यौहारी मौके पर तेज खरीदारी को माना जा रहा है।

वहीं दूसरी तरफ चांदी भी 250 रुपए सुधरकर 40,450 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गई है। इसकी प्रमुख वजह औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की ओर से तेज खरीदारी को माना जा रहा है।

व्यापारी वर्ग का मानना है कि फेस्टिव सीजन में स्थानीय आभूषण निर्माताओं की ओर से हुई तेज खरीदारी के इतर, डॉलर की कमजोरी के चलते वैश्विक रुप से मजबूत रूझान ने सेफ हेवन के रुप में सोने के पक्ष को मजबूत किया है।

वहीं वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में सोना 0.37 फीसद की तेजी के साथ 1,275.80 डॉलर प्रति औंस और चांदी 0.81 फीसद की तेजी के साथ 16.75 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर बंद हुई है।

अगर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो 99.9 फीसद और 99.5 फीसद शुद्धता वाला सोना 50 रुपए बढ़कर 30,600 और 30,450 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया है।

मंगलवार के कारोबार में सोना 200 रुपए टूटकर 30,550 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि आज गिन्ने के भाव 24,700 प्रति आठ ग्राम टुकडा पर बरकरार रहे हैं।

कोटा सर्राफा : चांदी 40000 रुपए प्रति किलोग्राम, सोना केटबरी 30350 रुपए प्रति 10 ग्राम 35400 रुपए प्रति तोला, सोना शुद्ध 30500 रुपए प्रति10 ग्राम 35570 रुपए प्रति तोला।