Tuesday, October 8, 2024
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एक एकड़ तक कृषि भूमि पर स्वतः भूमि उपयोग संपरिवर्तन

  • भूमि उपयोग संपरिवर्तन प्रमाण पत्र के आधार पर लघु उद्योगों को मिलेगा आसानी से ऋण

  • तहसीलदार को भूमि के उपयोग करने संबंधी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया है

जयपुर। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने बताया है कि अब खातेदारों को एक एकड़ कृषि भूमि तक सूक्ष्म, लघु उद्योग इकाई या कजावा (अस्थाई ईंट भट्टा) आदि लगाने के लिए स्वतः भूमि उपयोग संपरिवर्तन प्रमाण पत्र के आधार पर वित्तदायी संस्थाओं से ऋण मिल सकेगा।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में नियमों को आसान बनाते हुए राजस्व ग्रुप 6 विभाग द्वारा सभी जिला कलक्टरों के नाम परिपत्र जारी कर तहसीलदारों को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत कर दिया है।

 उद्योग मंत्री ने बताया कि राजस्थान भू राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृृषि भूमि का अकृृषि प्रयोजन हेतु संपरिवर्तन) नियम 2007 के नियम 5 के अनुसार खातेदार 500 वर्गमीटर तक क्षेत्र में निवास गृह, पशु शाला या भण्डार गृह का निर्माण बिना कोई संपरिवर्तन प्रभार के खातेदारी हक रखते हुए संपरिवर्तन करा सकते हैं।

इसी तरह से एक एकड़ तक कृृषि भूमि पर सूक्ष्म या लघु उद्योग इकाई, कजावा (छोटा ईंट भट्टा) लगाने या संस्थानिक, चिकित्सा सुविधा या लोकोपयोगी प्रयोजन हेतु उपयोग करने का प्रावधान होने के बावजूद संपरिवर्तन या प्रमाण पत्र के अभाव में वितदायी संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने में असुविधा हो रही थी।

उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार अब तहसीलदार को राजस्थान भू राजस्व नियम 2007 के नियम 5 या 6 में वर्णित उददेश्यों के लिए भूमि के उपयोग करने के लिए प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इससे खातेदार की उपयोग में लाई जाने वाली भूमि का खातेदारी अधिकारी भी बना रहेगा और नियम 5 या 6 के अनुसार सूक्ष्म-लघु उद्योग लगाने के लिए बैंकों से संपरिवर्तन प्रमाण पत्र के आधार पर ऋण सुविधा भी मिल सकेगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 17 सितंबर को एमएसएमई दिवस पर इस साल को एमएसएमई वर्ष घोषित करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी।

उद्योग आयुक्त व सचिव सीएसआर  कुंजी लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की घोषणा के क्रम में एमएसएमई पखवाड़े के आयोजन कर सीधा संवाद व नवाचार किए गए हैं वहीं घोषणाओं का क्रियान्वयन भी होने लगा है।  उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग का यह आदेश भी मुख्यमंत्री द्वारा एमएसएमई इकाइयों के लिए नियमों के सरलीकरण के निर्देशों के क्रम में जारी किया गया है।

मीणा ने बताया कि इससे पहले भामाशाह रोजगार सृृजन योजना में ब्याज अनुदान 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया गया हैं और प्रधानमंत्री रोजगार गांरटी सृजन कार्यक्रम में लक्ष्यों को दोगुणा से भी अधिक बढ़ाते हुए अब प्रदेश में 6187 परियोजनाओं के लिए ऋण वितरित कर 122 करोड़ रुपए से अधिक का मार्जिन मनी अनुदान दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इससे पहले इस वर्ष जिला उद्योग केन्द्रों, राजस्थान खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड और खादी और ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से 2475 परियोजनाओं के लिए ऋण वितरण और 49 करोड़ रु. अनुदान ही मार्जिन मनी के रुप में उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित था।

टाटा मोटर्स वाणिज्यिक वाहनों में ईएससी लगाने वाली पहली ओईएम बनी

कोटा। अग्रणी वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माता टाटा मोटर्स लिमिटेड ने प्राइमा और सिग्ना रेंज के ट्रकों के लिए नई सुरक्षा प्रौद्योगिकी -इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल को आज प्रदर्शित किया। कंपनी ने ट्रकों और बसों के लिए ऑटोमैटिक ट्रैक्शन कंट्रोल (एटीसी) और हिल स्टार्ट ऐड (एचएसए) सुरक्षा टैक्नोलॉजी की भी पेशकश की। जिसकी मदद से वाहन की स्थिरता और सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलती है और ट्रकों एवं बसों की दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।

डब्ल्यूएबीसीओ इंडिया के साथ साझेदारी में विकसित ये टैक्नोलॉजिज ग्राहकों को संपूर्ण मूल्य की आपूर्ति करते हैं। येे टैक्नोलॉजिज वाहन को स्थिरता प्रदान करने, दुर्घटना जोखिम व मरम्मत लागत घटाने तथा वाहन के अपटाइम में सुधार लाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वाणिज्यिक वाहनों की सड़क पर सुरक्षा और दक्षता में सुधार होता है।

इस पहले प्रयास पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टाटा मोटर्स लि. के हेड-कॉमर्शियल व्हीकल्स, गिरीश वाघ ने कहा, ”टाटा मोटर्स हमेशा से ही टैक्नोलॉजी इनोवेशन में और सुरक्षा आगे रही है। अपने सभी मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों में इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल सुरक्षा टैक्नोलॉजी लगाने के मामले में हम भारत की पहली ओईएम हैं।

टाटा मोटर्स लि. के वाइस प्र्रेसिडेंट एवं हेड इंजीनियरिंग (सीवीबीयू) डॉ. ए. के. जिंदल ने कहा, ”टाटा मोटर्स में इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल (ईएससी) फंक्शन में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) जोड़ा गया है, जिसे भारत सरकार के सेंट्रल मोटर्स व्हीकल रूल्स के नियमों के अनुपालन के तहत् पेश किया गया है और इसे 12 टन जीवीडब्ल्यू से अधिक मालवहन वाले सभी वाहनों के लिए लागू किया गया है।

एबीएस सड़क की विभिन्न स्थितियों में वाहन की सुरक्षा बढ़ाता है, वहीं ईएससी सुरक्षा को अगले स्तर पर ले जाता है और विभिन्न हैंडलिंग परिस्थितियों में मांग के अनुरूप सुरक्षा प्रदान कर दुर्घटनाओं की संभावना को रोकने या उसे न्यूनतम करने में मदद मिलती है।

मारुति लाएगी सेलेरियो का फेसलिफ्ट मॉडल

नई दिल्ली। मारुति सुजुकी सेलेरियो के नये वैरियंट पर पिछले कई महीनों से काम कर रही थी और अब इसका नया मॉडल स्पॉट किया गया है। इसका प्रॉडक्शन मॉडल तैयार है। इसे भारत में एक मारुति सुजुकी डीलरशिप पर देखा गया है।

मारुति सेलेरियो के इस फेसलिफ्ट मॉडल का नाम मारुति सुजुकी सेलेरियो एक्स(CELERIO CROSS) होगा। इस हैचबैक में क्रॉसओवर की तरह क्लैडिंग दी गई है। 2017 Maruti Suzuki Celerio X में 3 सिलिंडर 998 सीसी पेट्रोल मोटर दिया गया है।

भारत में सेलेरियो को डीजल इंजन के साथ भी पहले बेचा जाता था लेकिन इसे हाल ही बंद कर दिया गया है। Maruti Suzuki डीलरशिप्स पर सेलेरियो एक्स की बुकिंग्स शुरू हो चुकी हैं। इसे आप 10,000 रुपये का टोकन अमाउंट देकर बुक कर सकते हैं। 2017 Maruti Suzuki Celerio X इस महीने के अंत तक भारत में बिकना शुरू हो सकती है।

2017 Maruti Suzuki Celerio X की बॉडी में क्लैडिंग की गई है। इसके ग्रिल को मैटे फिनिश दिया गया है और यह 6 स्पोक अलॉय वील्ज से लैस है। इसके ग्राउंड क्लीयरेंस में रेग्युलर मॉडल के मुकाबले 20mm इजाफा किया गया है। मारुति ने इसमें 69PS पावर जेनरेट करने में सक्षम 1.0-litre पेट्रोल इंजन दिया है।

रेग्युलर Celerio मॉडल के मुकाबले नये वैरियंट की कीमत 40,000 हजार रुपये अधिक हो सकती है। इसमें एबीएस यानी ऐंटी ब्रेकिंग सिस्टम और ड्यूल एयरबैग्स भी स्टैंडर्ड फीचर्स के तौर पर दिए जाएंगे। 2014 में लॉन्च होने के बाद से सेलेरियो मारुति के लिए अच्छी साबित हुई है। हालांकि, कार में अपडेट्स नहीं होने की वजह से इसकी बिक्री हाल ही गिरी है।

महिंद्रा का XUV500 एसयूवी का नया वैरियंट लॉन्च

नई दिल्ली। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा लिमिटेड ने अपनी पॉप्युलर एसयूवी, XUV500 का नया W9 वैरियंट भारत में लॉन्च कर दिया है। इसकी नई दिल्ली में एक्स शोरूम कीमत 15.45 लाख रुपए रखी गई है। इसमें W10 वैरियंट से महिंद्रा ने कई फीचर्स लिए हैं।

Mahindra XUV500 W9 वैरियंट में कंपनी ने इलेक्ट्रिक सनरूफ, रिवर्स कैमरा विद डायनैमिक असिस्ट, 7 इंच टच स्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, इकोसेंस टेक्नॉलजी, ऐंड्रॉयड आॅटो, इमर्जेंसी कॉल, ड्यूल एयरबैग्स आदि फीचर्स दिए गए हैं।

Mahindra XUV500 W9 मैनुअल और आॅटोमैटिक, दोनों ट्रांसमिशन आॅप्शंस में अवेलेबल है। इसका मुख्य कॉम्पिटीशन हाल ही लॉन्च हुई जीप कम्पस एसयूवी से होना है। इसके अलावा इस एसयूवी का Hyundai Creta, Tata Hexa और लॉन्च होने वाली रेना Renault Captur से भी है।  रेनॉ कैप्टर 14 से 18 लाख रुपये की प्राइस रेंज में लॉन्च हो सकती है।

महिंद्रा की यह एसयूवी 2.2 लीटर मोटर के साथ आती है। यह इंजन 3,750 आरपीएम पर 140 पीएस का पावर और 1,600 से 2,800 आरपीएम पर 330 न्यूटन मीटर का अधिकतम टॉर्क जेनरेट करता है। महिंद्रा XUV 500 में 5 स्पीड मैनुअलस और 6 स्पीड आॅटोमैटिक ट्रांसमिशन में से किसी एक को चुनने का आॅप्शन भी है।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का शुभारम्भ

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10 अक्टूबर को “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” की सिल्वर जुबली मनाई जाएगी

कोटा | विश्व मानसिक स्वास्थ्य संगठन के आह्वान पर विश्व भर में 4 से 10 अक्टूबर तक मनाया जाता है तथा 10 अक्टूबर “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” की सिल्वर जुबली मनाई जा रही है। 

डॉ. एमएल अग्रवाल मनोचिकित्सक

मानसिक स्वास्थ्य संगठन के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल एवं सीईओ सर आर सी हंटर द्वारा 1992 में आह्वान किया कि मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह एवं दिवस सारे विश्व में एकरूपता से मनाया जाना चाहिए। ताकि अच्छे परिणाम आएं तथा सामाजिक अभिशाप में कमी आए जिससे कि मानसिक रोगों की वजह से होने वाले नुकसान से मरीज़ तथा तीमारदार बच सकें प्रति वर्ष इस हेतु एक थीम दिया जाता है।

उसी को दृष्टिगत रखते हुए मेन्टल हेल्थ प्रोमोशन मेटेरियल विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया जाता है जो कि विश्व स्तर पर वेबसाइट और अन्य माध्यमों से जन जन तक अनेक भाषाओँ में पहुँचाया जाता है।

प्रेस समन्वयक सुधीन्द्र गौड़ ने बताया कि हिंदी भाषा में डॉ एम् एल अग्रवाल विगत नौ वर्षों से लगातार निशुल्क रूपांतरण कर रहे है जो www.wfmh.global साइट पर उपलब्ध है। इस वर्ष का थीम “MENTAL HEALTH IN THE WORK PLACE ” “मानसिक स्वास्थ्य कार्य स्थल पर” है।

इस सन्दर्भ में कोटा शहर में मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का शुभारम्भ 4 अक्टूबर को भाटिया एंड कंपनी के स्टाफ तथा कर्मचारियों के साथ संगोष्ठी का आयोजन तनाव/अवसाद के कारण और निवारण विषय पर किया गया। सप्ताह पर्यन्त विभिन्न क्षेत्रों में इस प्रकार के आयोजन किये जाएंगे।

सोना 225 रुपए लुढ़ककर 30,375 बिका, चांदी भी नरम

नई दिल्ली । गुरुवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। आज दिन के कारोबार में सोना 225 रुपए लुढ़ककर 30,375 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया है।

सोने की कीमत में आई इस गिरावट की प्रमुख वजह वैश्विक रूप से मजबूत होते सोने के कारण स्थानीय ज्वैलर्स की ओर से सुस्त मांग को माना जा रहा है।

चांदी ने भी सोने की ही तरह गिरावट दर्ज कराई है। चांदी गुरुवार को 450 रुपए टूटकर 40,000 रुपए प्रतिकिलोग्राम के स्तर पर आ गई है जिसकी प्रमुख वजह औद्योगिक इकाई और सिक्का निर्माताओं की ओर से सुस्त मांग मानी जा रही है।

व्यापारी वर्ग का मानना है कि हाजिर बाजार में स्थानीय जौहरियों और खुदरा विक्रेताओं की ओर से मांग में आई गिरावट ने सोने की कीमतों को प्रभावित किया है।

वहीं वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में सोना 0.06 फीसद की तेजी के साथ 1,275.40 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर और चांदी 0.24 फीसद से उछाल के साथ 16.61 डॉलर प्रति औंस से स्तर पर बंद हुई है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 99.9 फीसद और 99.5 फीसद शुद्धता वाला सोना 225 रुपए उछाल के साथ क्रमश: 30,375 रुपए और 30,225 के स्तर पर पहुंच गया है।

बुधवार को सोने में 50 रुपए की तेजी देखने को मिली थी। हालांकि आज गिन्ने के भाव 24,700 प्रति आठ ग्राम टुकडा पर बरकरार रहे हैं।

कोटा सर्राफा
चांदी टंच 39700 रुपए प्रति किलो  प्रति तोला
सोना केटबरी 30350 रुपए प्रति 10 ग्राम, 35400 रुपए प्रति तोला
सोना शुद्ध 30500 रुपए प्रति 10 ग्राम, 35570 रुपए प्रति तोला

जूलर्स ने केवाईसी का भी निकाला तोड़, काट रहे कई बिल

कई जूलर गहनों की बिक्री को सेल्स बुक में न दिखाकर उसे पुराने सोने के बदले बनवाई के तौर पर दिखा रहे हैं, इससे ग्राहक इनकम टैक्स के चक्कर में फंसने की टेंशन से निजात पा रहे हैं, वहीं जूलर्स भी जीएसटी बचा रहे हैं

नई दिल्ली। 50 हजार रुपये से ज्यादा कीमत के गहनों की खरीद-बिक्री पर मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत केवाईसी अनिवार्य होने के बाद जहां गहनों की बिक्री में काफी गिरावट की शिकायतें आ रही हैं, वहीं कई जूलर्स ने पीक फेस्टिव डिमांड के बीच इसका भी तोड़ निकाल लिया है। वे एक ही खरीद पर ग्राहक को छोटी-छोटी रकम के दो या ज्यादा बिल काट रहे हैं।

कई जूलर ग्राहक की सहमति से गहनों की बिक्री को सेल्स बुक में न दिखाकर उसे पुराने सोने के बदले बनवाई के तौर पर दिखा रहे हैं। इससे जहां ग्राहक इनकम टैक्स के चक्कर में फंसने की टेंशन से निजात पा रहे हैं, वहीं जूलर्स भी जीएसटी बचा रहे हैं।

चांदनी चौक के एक बुलियन डीलर ने बताया, ‘अब जो कुछ हो रहा है, उससे सिर्फ सरकार को ही घाटा होगा। सोने जैसी हाई वैल्यू कमोडिटी के लिए 50,000 की रकम कुछ भी नहीं होती। त्योहारी डिमांड के बीच कोई जूलर ग्राहक छोड़ना नहीं चाहता, भले ही थोड़ा जोखिम क्यों न उठाना पड़े।’

अब तक ग्राहक को 2 लाख से ज्यादा की खरीद पर पैन देना होता था, लेकिन अब 50 हजार रुपये से ऊपर सरकारी पहचान पत्र देना होता है। इससे बड़े पैमाने पर कैश में सोना खरीदने वाले आगे नहीं आ रहे।

डीलर ने बताया, ‘मान लीजिए आपने 30 ग्राम (करीब 95000 रुपये) की गोल्ड चेन खरीदी या पत्नी के लिए 50 ग्राम (करीब 1.6 लाख) के दो जोड़ी कंगन लिए।

अब आप दोनों ही चीजों में केवाईसी देने को बाध्य हैं, लेकिन नहीं देना चाहते। ऐसे में मैं चेन के लिए 48,000 और 47,000 के दो बिल काट दूंगा या कंगन के लिए चार बिल जारी करूंगा। आप भी खुश और मैं भी।’

एक अन्य तरीका के तहत कई ट्रेडर ग्राहक से पैसे तो पूरा ले रहे हैं, लेकिन बिल में दिखा रहे हैं कि ग्राहक ने पुराने गहने के बदले नए गहने बनवाए हैं। दो-चार लाख रुपये के गहने पर भी मेकिंग चार्ज या नए-पुराने का मार्जिन 50 हजार रुपये की लिमिट को पार नहीं करता।

ऐसे में जूलर मामूली मेकिंग चार्ज पर 18 पर्सेंट जीएसटी देकर वास्तविक सेल्स पर 3 पर्सेंट जीएसटी देने से भी बच जाता है और ग्राहक भी इनकम टैक्स की नजर में बड़ा खर्च नहीं आने देता। कई जूलर्स ने तो फिलहाल बिल देना ही बंद कर दिया है।

ईमानदारी से व्यापार करने वाले जूलर इस नियम को लेकर काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि आम तौर पर घरेलू महिलाएं भी 50 हजार रुपये से ज्यादा की जूलरी खरीदने आती हैं। उनके पास पैन नहीं होता और उनसे फॉर्म-60 भरवाना पड़ता है। इसमें समय खराब होता है और कई बार ग्राहक ही इस झमेले में नहीं पड़ना चाहता।

सेंसेक्स 80 अंक टूटकर 31,597 पर बंद

मुंबई। शेयर बाजार में गुरुवार को गिरावट का रुख रहा। सेंसेक्स 80 अंक टूटकर 31,597 पर बंद हुआ तो वहीं निफ्टी 26.20 अंक टूटकर 9,889 पर बंद हुआ।

इससे पहले बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सकारात्मक रुख के साथ खुला। सकारात्मक एशियाई संकेतों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की लिवाली से शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 77.58 अंक या 0.24 प्रतिशत के लाभ से 31,749.29 अंक पर पहुंच गया।

रीयल्टी, स्वास्थ्य सेवा, वाहन, धातु और पूंजीगत सामान कंपनियों के शेयर लाभ में थे। कल के कारोबार में सेंसेक्स 174 अंक चढ़ा था।

गेहूं पर आयात शुल्क 25 फीसद कर सकती है सरकार

नई दिल्ली। केंद्र सरकार गेंहू पर आयात शुल्क को 10 फीसद से बढ़ाकर 20 से 25 फीसद कर सकती है, ताकि गेंहू के सस्ते आयात को रोकने के साथ साथ देश के उन किसानों को राहत दी जा सके जो दिवाली के बाद रबी मौसम की इस प्रमुख फसल की बुवाई करते हैं।

एक सूत्र ने बताया, “गेहूं का आयात शुल्क बढ़ाने के बारे में कई बार विचार विमर्श किया जा चुका है। वर्तमान स्थिति में इसकी वैश्विक कीमतों में मंदी है तथा गेहूं का आयात शुल्क उसी के अनुरूप तय किया जा सकेगा। इस बारे में जल्द ही अंतिम फैसला कर लिया जायेगा।”

इसी साल मार्च महीने के दौरान सरकार ने गेहूं की नौ करोड़ 83 लाख टन की रिकार्ड पैदावार को देखते हुए और स्थानीय बाजार में भारी गिरावट रोकने के लिए गेहूं पर 10 फीसद का आयात शुल्क लगा दिया था। सूत्रों ने बताया कि देश के किसान इसी महीने के अंत से ही रबी मौसम में गेहूं फसल की बुवाई करना शुरु कर देंगे।

सरकार गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर किसानों को सकारात्मक संकेत देना चाहती है ताकि वो ज्यादा से ज्यादा रकबे में इसका उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।

सरकार किसी भी सूरत में ऐसा नहीं चाहती है कि गेहूं किसानों की स्थिति दलहन किसानों की ही तरह हो जाए, जो मौजूदा खरीफ सत्र में अन्य फसलों को उगाने के लिए मजबूर हो गए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बीते साल के भारी उत्पादन के बाद बुवाई के ठीक पहले तक दलहनों की कीमत कम बनी रहीं थी।

राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करें- जेटली

नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्य सरकारों से अपील की है कि वो पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट की दर को कम करें। जेटली ने कहा कि राज्य ऐसा कर आम उपभोक्ताओ को ईंधन की ऊंची कीमतों से थोड़ी राहत दे सकते हैं।

 केंद्र सरकार ने हाल ही में पेट्रोल व डीजल के उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की जिससे उस पर 26000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर बांग्लालेश गए जेटली ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती इसलिए की गई ताकि कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से आम उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत दी जा सके और उनके पास थोड़ा पैसा बच सके।

उन्होंने पत्रकारों को बताया कि अब यह राज्य सरकारों पर निर्भर है कि वो इस मुद्दे (बिक्री कर या वैट में कटौती) को लेकर चिंतित हैं या नहीं। गैर भाजपा शासित राज्यों का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि विशेषकर केरल और दिल्ली समेत कुछ राज्य सरकारें शुल्क में कटौती की मांग करती रही हैं।

इसलिए राज्य सरकारों को अपने खुद के वैट संग्रहण पर विचार करना चाहिए। जेटली ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर एकत्र करों का एक बड़ा हिस्सा राज्यों को जाता है। साथ ही अपने खुद के वैट संग्रह के अलावा, उन्हें 42 फीसद के केंद्रीय करों का हिस्सा भी मिलता है। इसलिए राज्यों को भी इसका असर (एक्साइज ड्यूटी में कटौती) सहन करना चाहिए।