नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्य सरकारों से अपील की है कि वो पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट की दर को कम करें। जेटली ने कहा कि राज्य ऐसा कर आम उपभोक्ताओ को ईंधन की ऊंची कीमतों से थोड़ी राहत दे सकते हैं।
केंद्र सरकार ने हाल ही में पेट्रोल व डीजल के उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की जिससे उस पर 26000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर बांग्लालेश गए जेटली ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती इसलिए की गई ताकि कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से आम उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत दी जा सके और उनके पास थोड़ा पैसा बच सके।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि अब यह राज्य सरकारों पर निर्भर है कि वो इस मुद्दे (बिक्री कर या वैट में कटौती) को लेकर चिंतित हैं या नहीं। गैर भाजपा शासित राज्यों का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि विशेषकर केरल और दिल्ली समेत कुछ राज्य सरकारें शुल्क में कटौती की मांग करती रही हैं।
इसलिए राज्य सरकारों को अपने खुद के वैट संग्रहण पर विचार करना चाहिए। जेटली ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर एकत्र करों का एक बड़ा हिस्सा राज्यों को जाता है। साथ ही अपने खुद के वैट संग्रह के अलावा, उन्हें 42 फीसद के केंद्रीय करों का हिस्सा भी मिलता है। इसलिए राज्यों को भी इसका असर (एक्साइज ड्यूटी में कटौती) सहन करना चाहिए।