स्टॉकिस्टों की लिवाली कमजोर रहने से जीरा के भाव में गिरावट

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नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान जीरा कीमतों में गिरावट रही। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की मंडियों में नए जीरे की दैनिक आवक बढ़नी शुरू हो गई है। जबकि वर्तमान में निर्यातक एवं लोकल स्टॉकिस्टों की लिवाली कमजोर बनी हुई है।

क्योंकि अधिक उत्पादन के कारण बाजार में धारणा मंदे की बनी हुई है। लिवाल अभी और भाव घटने का इंतजार कर रहा है। आगामी दिनों में नए मालों की आवक बढ़ने के पश्चात कीमतों में ओर गिरावट आने के अनुमान है।

वर्तमान में गुजरात की मंडियों में नए जीरे की आवक हो रही है जबकि मार्च माह में राजस्थान की मंडियों में भी नए मालों की आवक शुरू हो जाएगी। इस वर्ष बिजाई बढ़ने के अलावा मौसम भी फसल के अनुकूल बना हुआ है। जिस कारण से अधिक उत्पादन के साथ-साथ क्वालिटी भी अच्छी आने की संभावना है।

प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की ऊंझा मंडी में नए जीरे की दैनिक आवक 9/10 हजार बोरी एवं गोंडल में 5/6 हजार बोरी की हो रही है। जबकि राजकोट में आवक 3/4 हजार बोरी एवं जाम जोधपुर में 1500/1800 बोरी नए जीरे की आवक शुरू हो गई है। वर्तमान में मंडियों में नए जीरे के भाव 27500/3200 रुपए प्रति क्विंटल से बोले जा रहे है।

उत्पादन: व्यापारियों का कहना है कि उत्पादक केन्द्रों पर अधिक बिजाई एवं अनुकूल मौसम के चलते इस वर्ष देश में जीरे का उत्पादन 90/95 लाख बोरी के आसपास हो जाना चाहिए। जबकि गत वर्ष उत्पादन 55/58 लाख बोरी का रहा था। वर्ष 2022 में उत्पादन 50/55 लाख बोरी का हुआ था। वर्ष 2021 में जीरा उत्पादन 80/82 लाख बोरी एवं 2020 में उत्पादन 80/85 लाख बोरी का रहा था। वर्ष 2019 में उत्पादन 60/65 लाख बोरी का हुआ था।

भाव: उल्लेखनीय है कि गत वर्ष पैदावार कम होने एवं शुरूआती दौर में निर्यात बढ़ने के कारण जीरे की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी दर्ज की गई थी और उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर भाव 620/630 रुपए के स्तर पर पहुंच गए थे मगर चालू सीजन के दौरान उत्पादन बढ़ने एवं नए मालों की आवक शुरू हो जाने में कीमतें घटकर 300/320 रुपए पर आ गई है। और अभी भी धारणा मंदे की बनी हुई है। सूत्रों का मानना है कि वर्तमान कीमतों में अभी भी 30/40 रुपए प्रति किलो की गिरावट आणि चाहिए जोकि संभवत मार्च माह में आने के अनुमान लगाये जा रहे हैं। क्योंकि मार्च माह में गुजरात के अलावा राजस्थान की मंडियों में भी नए मालों की आवक बढ़नी शुरू हो जायेगी।

वायदा बाजार: चालू सप्ताह के दौरान वायदा बाजार में भी जीरे के भाव मंदे के साथ बोले गए। वायदा में मार्च माह का जीरा 27100 रुपए खुला था जोकि सप्ताह के अंत में 25400 रुपए पर बंद हुआ। अप्रैल माह का जीरा 26295 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 24430 रुपए पर बंद हुआ।

निर्यात: चालू वित्त वर्ष के शुरूआती दो माह अप्रैल-मई के दौरान जीरे के निर्यात गत वर्ष की तुलना में अधिक रहा लेकिन इसके पश्चात निर्यात घटा। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल- 2023 में निर्यात 17169 टन का हुआ जबकि अप्रैल- 2022 में निर्यात 10475 टन का हुआ था। मई 2023 में निरयत 25975 टन का हुआ जबकि मई 2022 में निर्यात 15639 टन का रहा था।

जून 2022 में निर्यात 20345 टन का हुआ था जोकि जून 2023 में घटकर 9829 टन का रह गया। जुलाई 2022 में निर्यात 20345 टन का हुआ ता जोकि जुलाई 2023 में घटकर 7994 टन पर आ गया। अगस्त 2023 में निर्यात 7640 टन का हुआ जबकि अगस्त 2022 में निर्यात 24439 टन का रहा था। सितम्बर- 2023 में निर्यात 7196 टन (गत वर्ष 16978 टन), अक्टूबर – 2023 में 7627 (गत वर्ष 16978 टन) का रहा।

नवम्बर- 2023 में निर्यात 9712 टन का हुआ जबकि नवम्बर- 2022 में निर्यात 11685 टन का रहा था। भाव घटने के कारण दिसम्बर-जनवरी में निर्यात में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। दिसम्बर-2022 में निर्यात 12100 टन का रहा था जोकि दिसम्बर 2023 में बढ़कर 13725 टन का हुआ था जनवरी 2023 में निर्यात 9325 टन का रहा था जोकि जनवरी 2024 में बढ़कर 14094 टन का हो गया।