सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 15 मई तक खरीद सकेंगे, ऑनलाइन पेमेंट पर छूट

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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2021 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की दूसरी सीरीज सोमवार से निवेश के लिए खुल रही है। इसमें 11 से 15 मई तक गोल्ड बॉन्ड में निवेश किया जा सकता है। इसके तहत प्रति ग्राम सोने की कीमत 4,590 रुपए तय की गई है। जो लोग इनके लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान करेंगे, उन्हें प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। आइए यहां समझें कि क्या है सॉवरेन गोल्ड बांड और क्यों है यह निवेश का बेहतर विकल्प।

6 बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड होने थे जारी
सरकार ने अगले 6 महीने में यानी 20 अप्रैल से लेकर 4 सितबंर तक 6 बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) जारी करने का फैसला किया है। अप्रैल में एक बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी हो चुके हैं।सरकार ने 20 से 24 अप्रैल के बीच पहली सीरीज लॉन्च की थी। इसके तहत प्रति ग्राम सोने की कीमत 4,639 रुपए तय की गई थी।इन्हे बैंकों और बडे डाकघरों से खरीदा जा सकेगा।

निवेश के हिसाब से बेहतर विकल्प
गर आप सोने में निवेश करना चाहते है तो यह फिजिकल गोल्ड खरीदने से बेहतर है। फिजिकल गोल्ड खरीदने पर आप सोने की कीमत तो चुकाते ही हैं, आप मेकिंग चार्ज भी चुकाते हैं। आप सोने की कीमत पर तीन फीसदी जीएसटी और मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी जीएसटी भी चुकाते हैं। इससे सोने की कीमत काफी बढ़ जाती है। सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश पर कोई जीएसटी नहीं लगता है। यह चूंकि बांड है इसलिए इस पर कोई मेकिंग चार्ज भी नहीं लगता।

शुद्धता और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं
जब आप सोने की सिल्ली या सोने का आभूषण खरीदते हैं, तो आपको उसकी शुद्धता को लेकर संदेह हो सकता है। साथ ही उसे रखना भी सुरक्षित नहीं होता है। लेकिन सॉवरेन गोल्ड बांड में शुद्धता की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुताबिक गोल्ड बांड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीरेए) द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। इसके साथ ही इसे डीमैट रूप में रखा जा सकता है, जो काफी सुरक्षित है और उस पर कोई खर्च भी नहीं होता है।

इश्यू प्राइस पर 2.50 फीसदी ब्याज मिलता है
सॉवरेन गोल्ड बांड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है। यह पैसा हर 6 महीने में अपने आप आपने खाते में पहुंच जाता है। फिजिकल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ पर आपको इस तरह का फायदा नहीं मिलता। एनएसई के वेबइसाट पर दी गई जानकारी के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश का एक फायदा यह भी है कि 8 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके साथ ही हर छह महीने पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टीडीएस भी नहीं लगता।

1 ग्राम से 4 किलो तक खरीद सकते हैं सोना
कोई शख्स एक वित्त वर्ष में मिनिमम 1 ग्राम और मैक्सिमम 4 किलोग्राम तक वैल्यू का बॉन्ड खरीद सकता है। हालांकि किसी ट्र्स्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किग्रा है। कोई भी व्यक्ति एक फिस्कल ईयर में 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड 8 साल का है। लेकिन निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। यानी अगर आप निकालना चाहते हैं तो 5 साल के बाद निकाल सकते हैं। एनएसई के मुताबिक लोन लेने के दौरान कॉलैटरल के रूप में भी इन सॉवरेन गोल्ड बांड का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा ये बांड एनएसई पर ट्रेड भी करते हैं।