सिख समाज लोगों की सेवा में हमेशा अग्रणी रहता है: बिरला

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वैसाखी पर लोकसभा अध्यक्ष ने टेका अगमगढ़ साहिब में माथा

कोटा। वैसाखी का दिन देश और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। बैसाखी के दिन ही गुरू गोविंद सिंह जी ने पंज प्यारों को अमृतपान करवाकर खालसा के रूप में एक ऐसी पंथ की नींव रखी जिसने मानव की सेवा तथा धर्म और मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान की अनेक मिसालें पेश की। वे गुरूवार को बूंदी रोड स्थित अगमगढ़ साहिब गुरूद्वारे में बैसाखी के अवसर पर आयोजित दीवान को संबोधित कर रहे थे।

गुरूद्वारा साहिब पहुंचने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने गुरूग्रंथ साहिब के आगे माथा टेक देश की उन्नति तथा विश्व में शांति और सौहार्द की कामना की। इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि देश-दुनिया में सिख समाज के लोग जहां भी रहते हैं वहां लोगों की भलाई तथा सेवा में अग्रणी रहकर कार्य करते हैं।

उन्होंने कहा कि सिख समाज ने सदैव अपनी कर्मशीलता को सिद्ध किया है। सिख समाज का व्यक्ति जहां कहीं रहे व ने तो स्वयं भूखा रहता है और न ही अन्य किसी को भूखा देख पाता है। अशांति वाले क्षेत्रों में भी सिखों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर लंगर लगाए और पीड़ित मानवता की सेवा की है।

सरोपा भेंट कर किया सम्मान
कार्यक्रम के दौरान गुरूद्वारा अगमगढ़ साहिब के प्रधान बाबा लक्खा सिंह और बाबा बलविंदर सिंह ने सरोपा भेंट कर लोकसभा अध्यक्ष बिरला का सम्मान किया। बाबा लक्खा सिंह ने कहा कि जब भी लोगों के सामने कोई संकट आया, बिरला ने आगे आकर उनकी मदद की है।

पंगत में बैठकर चखा लंगर
गुरूद्वारे में दीवान में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद स्पीकर बिरला ने सिख परंपरा के अनुरूप पंगत में संगत के साथ बैठकर लंगर चखा। बिरला ने कहा कि जाति-पाति के भेद को तोड़कर साथ में लंगर छकने की परंपरा स्थापित कर सिख गुरूओं ने समानता और भाईचारे को बढ़ावा दिया, सिख समाज इसे आज भी निभा रहा है।