तेजी के बाद अब मुनाफावसूली से मेथी की कीमतों में गिरावट की संभावना

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नई दिल्ली। मेथी की कीमतों में 10/12 रुपए प्रति किलो की तेजी बन जाने के कारण बाजार में मुनाफावसूली से संभावना बढ़ गई है। जिस कारण से आगामी दिनों में कीमतों में 2/3 रुपए की गिरावट दर्ज की जा सकती है।

इससे अधिक मंदा संभव नहीं है। यह गिरावट अल्पकाल के लिए होगी। तत्पश्चात कीमतों में फिर तेजी आने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। सूत्रों का मानना है कि एक बार की कीमतों में 2/3 रुपए प्रति किलो की गिरावट आने के पश्चात कीमतों में फिर 5/7 रुपए प्रति किलो की तेजी आने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि चालू सीजन के दौरान देश में मेथी का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम हुआ है। वर्तमान में अचार डालने वालों की लिवाली लगभग पूरी हो चुकी है आगामी दिनों में बरसात आने के पश्चात मांग में फिर वृद्धि होगी साथ ही निर्यातक मांग भी बराबर बनी हुई है।

मगज-तरबूज की कीमतों में गिरावट: सरकार द्वारा 1 मई से आयात खोल दिए जाने के कारण कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। चालू माह के दौरान अभी तक कीमतों में 100/125 रुपए प्रति किलो का मंदा दर्ज किया जा चुका है।

उल्लेखनीय है कि चालू माह के शुरू में 7 स्टार सूडान का भाव 495/500 रुपए एवं 5 स्टार इंडियन का भाव 465 रुपए चल रहा था जबकि दिल्ली में सूडान का भाव 540 रुपए बोला जा रहा था। जबकि आयातित माल की बराबर सप्लाई बढ़ने के कारण वर्तमान में 7 स्टार सूडान का भाव 380/390 रुपए एवं 5 स्टार इंडियन का भाव 335 रुपए पर आ गया है।

दिल्ली बाजार में भी भाव घटकर 410 रुपए का रह गया है। वर्तमान भावों पर भी व्यापार सीमित है। गत वर्ष मई 2023 की इसी समयावधि में जोधपुर में 7 स्टार सूडान का भाव 660 रुपए एवं 5 स्टार इंडियन का भाव 630 रुपए चल रहा था। जबकि दिल्ली बाजार में भाव 680 रुपए बोला जा रहा था।

सौंफ की कीमतों में गिरावट: सौंफ की कीमतों में लगभग 14/15 रुपए प्रति किलो की तेजी आने के पश्चात निर्यात मांग प्रभावित हुई है। जिस कारण से फिर से कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है।

उल्लेखनीय है कि गत दिनों सौंफ का निर्यात भाव 65 रुपए चल रहा था जोकि चालू सप्ताह के शुरू में बढ़कर 89/90 रुपए हो गया था। लेकिन बढ़ती कीमतों के कारण निर्यातकों की लिवाली कमजोर पड़ गई है। जिस कारण से आज भाव घटकर 84/85 रुपए पर आ गया है।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष किसानों को अच्छी कीमतें मिलने के कारण चालू सीजन के लिए उत्पादक राज्यों में सौंफ की बिजाई अधिक क्षेत्रफल पर की गई। उत्पादन भी गत वर्ष 20/21 लाख बोरी की तुलना में 38/39 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) के आसपास होने के अनुमान है। सूत्रों का मानना है कि भाव काफी घट जाने के कारण वर्तमान भावों में अब अधिक मन्दा संभव नहीं है।