भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक कल से, रेपो रेट पर होगा मंथन

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नई दिल्ली। नए फाइनैंशियल ईयर (FY25) में भारतीय रिजर्व बैंक की पहली पॉलिसी बैठक कल यानी बुधवार से शुरू होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि RBI नीतिगत दर को यथावत रख सकता हैं। मगर इस बीच देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने अनुमान लगाया है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति वित्त वर्ष 2025 (Q3FY25) की तीसरी तिमाही में दरों में कटौती पर विचार कर सकती है।

SBI रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, RBI Q3FY25 में रीपो रेट में कटौती पर विचार कर सकता है। बैंक ने ऐतिहासिक रुझानों का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन की तरह विकसित अर्थव्यवस्थाओं में दर परिवर्तन के जवाब में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में ब्याज दरें दो महीने के अंतराल के साथ बदलती हैं। SBI का मानना ​​है कि RBI नीतिगत रुख को ‘समायोजन की वापसी’ के रूप में बनाए रखेगा और पहली दर में कटौती Q3FY25 में होगी। इसके अलावा, दर-कटौती चक्र उथला (shallow) हो सकता है।

RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) अमेरिका और ब्रिटेन जैसे कुछ विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों के रुख पर ध्यान दे सकती हैं। विकसित देशों की बात करें तो स्विट्जरलैंड पहली बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसने नीतिगत दर में कटौती की है। वहीं दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान ने आठ साल बाद नकारात्मक ब्याज दर की स्थिति को समाप्त किया है।

5 अप्रैल को होगी परिणामों की घोषणा
RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता वाली MPC की तीन दिवसीय बैठक तीन अप्रैल को शुरू होगी। मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा पांच अप्रैल को की जाएगी। FY25 में कुल 6 MPC बैठक होगी। अप्रैल की बैठक के बाद, अगली बैठकें जून 2024, अगस्त 2024, अक्टूबर 2024, दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 के लिए निर्धारित की गई हैं। बता दें कि RBI ने पिछली बार फरवरी 2023 में रीपो रेट बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था। उसके बाद लगातार छह द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में इसे यथावत रखा गया है।