मुख्यमंत्री गहलोत ने छात्रों के बीच किया जातिगत आरक्षण का समर्थन

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जयपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जातिगत छूआछूत मानवता पर कलंक है। यहां आरक्षण ऐसे ही नहीं दिया गया। संविधान लिखने वाले नेताओं को लगा कि देश में कई जातियां, धर्म और वर्ग है। इनके बीच ऊंच नीच के गैप को नहीं भरा गया तो कभी शांति, सद्भाव और सौहार्द्र पैदा नहीं हो पाएगा। यही सोचकर के आरक्षण की शुरुआत हुई।

वे शुक्रवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष कार्यालय का उद्घाटन कर रहे थे। सीएम गहलोत ने दलित वर्ग से आने वाली छात्रसंघ अध्यक्ष पूजा वर्मा को जीत पर बधाई देते हुए यूनिवर्सिटी के छात्रों से कहा कि आप लोगों ने एससी की एक साथी को चुना है। ऐसे में आप लोग धन्यवाद के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि अब तो आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी आरक्षण मिलने गया है। सीएम ने कह कि चाहे आप किसी भी फील्ड में जाओ। अपना प्रोफेशन अपनाओ। आप नौकरी करो या इंडस्ट्रियलिस्ट बनो, सोशल वर्कर बनो या फिर पॉलिटीशियन बनो। हमने यूनिवर्सिटी में जो सीखा है। वह जिंदगी में काम आता है।

सीएम गहलोत ने देश के वर्तमान हालातों और हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों के विरोध में छात्राओं के आगे आने के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि देश का भविष्य आपके ऊपर निर्भर करता है। इसीलिए संविधान बचाने के लिए कई प्रदर्शन भी हुए। छात्रों द्वारा धरने भी दिए गए। उन्होंने कहा कि अगर संविधान नहीं रहेगा तो कानून का राज नहीं रहेगा।