Rajasthani Kavi Sammelan: बालम जी अब कै मंगवा दिज्यो फोन–

0
90

अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा कवि सम्मेलन में गूंजी मायड भाषा

कोटा। Kota Dussehra 2023 : राष्ट्रीय मेला दशहरा में सोमवार को मायड़ भाषा की गूंज सुनाई दी। विजयश्री रंगमंच पर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा कवि सम्मेलन में देर रात तक श्रोता डटे रहे। विश्वामित्र दाधीच ने संचालन करते हुए राजस्थानी मन भावणी, गावां इका गीत..पढ़ी।

विष्णु विश्वास ने शुरुआत करते हुए “आंचल सूं झीणो बायरा..” पढ़ी। इसके बाद अखिलेश अखिल ने “निमड़ी छाया तले..” गीत के द्वारा खूब दाद लूटी। दुर्गाशंकर धांसू ने चणा… कविता के माध्यम से व्यंग्य करते हुए श्रोताओं को गुदगुदाया। आदित्य जैन ने “लोह्या सूं लोह्यो पखल्यो.. इकी तासीर पुराणी.. या माटी राजस्थान की.. गीत के द्वारा राजस्थानी संस्कृति का परिचय कराया। राजेन्द्र पंवार ने “म्हां विश्व शान्ति का दूत छां.. के द्वारा भारत की महिमा गाई।

दामोदर दाधीच ने “जीवण तो है जंग.. पढ़कर महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया। सपना सोनी ने काया काशी सी बणी..,अंबिकादत्त चतुर्वेदी ने कोटा को मेलो हाड़ौती की आनबान शान छै.. राजस्थानी कवि सम्मेलन मायड़ भासा को सन्मान छै..और नुगरे के पद सुनाए तो हर कोई वाह वाह कह उठा।

दुर्गादान सिंह गौड़ ने मैफल सजावां प्यार की.. आओ बातां करां.. पढ़ी तो तालियां गूंज उठी। रामनारायण हलधर ने “आंचल म्हं अमरत छै.. और छैल चारण छैल ने इतियास पुरुष इण महाराणा री.. पढ़कर मेवाड़ की गाथा गाई। कैलाश कविया ने बालम जी अब कै मंगवा दिज्यो फोन.. गीत में पति पत्नी के प्रेम को प्रदर्शित किया। मुरलीधर गौड ने गीत मत पटको रंग सायब जी.. पर खूब दाद पाई।

कवि सम्मेलन में मुकुट मणिराज, बाबू बंजारा, कैलाश मंडेला सीकर, देवीलाल महिया बीकानेर, कैलाश कविया सीकर, राजकुमार बादल जहाजपुर, दामोदर दाधीच किशनगढ़, गोविंद हांकला, विष्णु विश्वास अंता, दुर्गाशंकर धांसू बारां, मंदाकिनी मधु, चंदा पाराशर भीलवाड़ा, अंदाज हाड़ौती करवर, रमेश चंद सेन सीसवाली, नहुष व्यास, कुसुम जोशी मुंबई, मनीषा आर्य बीकानेर, गोरस प्रचंड, सपना सोनी दौसा, भूपेंद्र राठौर, मनदीप सिंह रामगंजमंडी, महावीर जंगम चेचट, श्याम सुरीला, रामकरण प्रभाती, राजेंद्र पंवार, बाबूलाल छंगाणी, रामरतन वर्मा, पवन गोचर ने भी काव्य पाठ किया।