नई दिल्ली। आम आदमी को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने नेशनल ऑटोमेटिड क्लीयरिंग हाउस (NACH) सिस्टम को सभी दिन चालू रखने का फैसला किया है। इसमें रविवार और बैंकों की सभी छुट्टियां शामिल हैं। यह नई सुविधा 1 अगस्त 2021 से लागू होगी। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के शुक्रवार को फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत ने यह बात कही है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि इस नई सुविधा के शुरू होने के बाद रविवार या छुट्टी वाले दिन भी कर्मचारियों के बैंक खाते में सैलरी जमा हो सकेगी। इसके अलावा आपके खाते से अपने आप होने वाले सभी प्रकार के भुगतान भी रविवार या छुट्टी वाले दिन हो सकेंगे। इसमें म्यूचुअल फंड एसआईपी, घर-कार या पर्सनल लोन की मासिक किस्त (EMI), टेलीफोन, गैस और बिजली जैसे बिलों का भुगतान भी शामिल है। अभी तक रविवार या छुट्टी वाले दिन सैलरी खाते में जमा नहीं होती है। साथ ही खाते से अपने आप होने वाले भुगतान भी नहीं होते हैं। इसका कारण यह है कि अधिकांश कंपनियां सैलरी और अन्य प्रकार के भुगतान के लिए NACH का इस्तेमाल करती हैं। रविवार या बैंक छुट्टी वाले दिन इसकी सुविधा उपलब्ध नहीं है।
जुर्माने से बचने के लिए बैंक में पर्याप्त बैलेंस रखें
यदि आपने अपने बैंक खाते से किसी भी प्रकार की ईएमआई या बिल के अपनेआप भुगतान की सुविधा ले रखी है तो 1 अगस्त से खाते में पर्याप्त बैलेंस रखना होगा। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो बैलेंस कम होने के कारण भुगतान विफल रहने पर जुर्माना लग सकता है। मौजूदा सिस्टम के तहत रविवार को पर्याप्त बैलेंस ना होने और सोमवार को पैसा जमा होने पर किस्त या बिल का भुगतान सोमवार को होता है। इससे भुगतान विफल भी नहीं होता है और ग्राहक पर जुर्माना नहीं लगता है। लेकिन अगस्त के बाद ऐसा नहीं होगा और रविवार या छुट्टी वाले दिन भुगतान के समय पर्याप्त बैलेंस ना होने पर जुर्माना लग सकता है।
क्या है NACH?
NACH बड़े पैमाने पर भुगतान करने वाला सिस्टम है। इस संचालन नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से किया जाता है। यह सिस्टम डिविडेंड, ब्याज, सैलरी, पेंशन जैसे पेमेंट को एकसाथ कई खातों में ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा यह बिजली, टेलीफोन, गैस, पानी से जुड़े भुगतान और लोन, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस प्रीमियम का कलेक्शन करने की सुविधा भी देता है। उदाहरण के लिए- बैंक को इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरेंस सर्विस (ECS) की सहमति देने के बाद NACH सुविधा के जरिए ग्राहक के खाते पैसा अपनेआप कट जाता है।