7 दिन की कस्टडी के बाद सचिन वझे को जेल भेजा
मुंबई। एनआईए की 27 दिन की कस्टडी के बाद शुक्रवार को सचिन वझे को जेल भेज दिया गया। खुद एनआईए ने कोर्ट से कहा कि वझे से हमें और पूछताछ की जरूरत नहीं है। मतलब, जिलेटिन केस की एनआईए ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है। उसी आधार पर एनआईए सूत्रों का कहना है कि सचिन वझे जिलेटिन केस के बाद कुछ और बड़ा करने वाले थे।
सूत्रों का कहना है कि जिलेटिन केस के कुछ दिन बाद एक एनकाउंटर की प्लानिंग की गई थी, ताकि यह बता दिया जाता कि जो लोग एनकाउंटर में मारे गए, उन्होंने ही मुकेश अंबानी की एंटीलिया बिल्डिंग के बाहर जिलेटिन वाली स्कॉर्पियो खड़ी की थी। अभी यह साफ नहीं हुआ कि इस एनकाउंटर में उस हिरेन मनसुख को भी मारा जाता, जिसका 4 मार्च को मर्डर किया गया या कोई और नाम थे।
एनकाउंटर के लिए दो और शख्स चुने गए थे: कुछ सूत्रों का कहना है कि एनकाउंटर के लिए 2 और व्यक्तियों की पहचान की गई थी। एनकाउंटर के बाद जिलेटिन केस का इनवेस्टिगेशन वहीं खत्म हो जाता। खुद सचिन वझे ही वह इनवेस्टिगेशन कर रहे थे। लेकिन चूंकि जिलेटिन की वजह से टेटर एंगल आ गया और जांच में एनआईए और एटीएस भी आ गईं, इसलिए सचिन वझे की सारी प्लानिंग फेल हो गई और उनकी खुद की पोल खुल गई।
एनकाउंटर के लिए लाई गई थी एक कार भी: सूत्रों के अनुसार नवंबर में औरंगाबाद से एक व्यक्ति की इको कार चोरी हुई थी। उस कार की नंबर प्लेट सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद मीठी नदी से बरामद की गई। सूत्रों का कहना है कि शायद इसी कार से उन आरोपियों के आने को दिखाया जाता, जिनका एनकाउंटर किया जाता। सूत्रों का कहना है कि इस कार की नंबर प्लेट 4 मार्च को ठाणे और मुंबई के कुछ सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हुई है। यहां बताना जरूरी है कि 4 मार्च को हिरेन मनसुख का ठाणे में मर्डर किया गया।
सीबीआई को भी शेयर किए गए सबूत:सचिन वझे को जेल भेजे जाने से पहले शुक्रवार को सीबीआई ने फिर उनका एनआईए दफ्तर जाकर अनिल देशमुख केस में स्टेटमेंट लिया। वझे से सीबीआई ने लगातार तीन दिन पूछताछ की है। एनआईए ने वझे के पास से जो डायरियां व अन्य डिजिटिल ऐविडेंस जमा किए, सूत्रों के अनुसार, उसकी जानकारी भी सीबीआई के साथ शेयर की गई। इस केस में कई सस्पेंस खुल गए, पर कुछ सस्पेंस अभी भी बरकरार हैं। जैसे, इतना बड़ा कांड सचिन वझे अकेले तो नहीं कर सकता। फिर उनके ऊपर किसका हाथ था? दूसरे, स्कॉर्पियो में जो जिलेटिन रखी गईं, वह कौन लाया और कब लाया?