मुंबई। महाराष्ट्र में राजनीति करवट ले रही है। एंटीलिया केस और फिर मनसुख हिरन मौत मामले में घिरी प्रदेश में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सरकार मुश्किल के दौर से गुजर रही है। एनसीपी और शिवसेना के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने अनिल देशमुख पर निशाना साधा, जिसके बाद एनसीपी खुलकर गृहमंत्री के समर्थन में उतर गई है।
शिवसेना नेता राउत ने देशमुख को एक्सिडेंटल होम मिनिस्टर करार देते हुए सचिन वझे के वसूली कांड को लेकर निशाना साधा है। इस पर एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा, ‘अनिल देशमुख एक्सिडेंटल होम मिनिस्टर नहीं हैं। अगर सामना की संपादकीय में कुछ कमियों पर बात की गई है, तो इसे पॉजिटिव मैनर में देखा जाना चाहिए। मुझे लगता है कि गृहमंत्री इन कमियों को दूर करेंगे।’
मलिक ने आगे कहा, ‘पुलिस विभाग को हैंडल करने में कड़ाई बरतनी चाहिए क्योंकि यहां कुछ अधिकारी अपनी मर्जी से काम करते हैं।’ वहीं एनसीपी नेता और डेप्युटी सीएम अजित पवार ने इस मामले को लेकर शिवसेना को अप्रत्यक्ष तौर पर चेतावनी दी है। सामना में संजय राउत ने देशमुख को नसीहत देते हुए कहा है उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से बेवजह पंगा नहीं लेना चाहिए था।
पवार की चेतावनी- नमक डालने का काम ना करें
अजित पवार ने बारामती में कहा, ‘यह सरकार तीन पार्टियों की है। किसको मंत्री बनाना है, यह तीनों पार्टियों के प्रमुखों का अधिकार है। एनसीपी में किसे मंत्री बनाना है, यह शरद पवार का अधिकार है। यह तीन पार्टियों की सरकार होते हुए इन पार्टियों के संबंधित व्यक्तियों ने एक दूसरे को मुश्किल में लाने वाला बयान देकर मुश्किल में नहीं लाना चाहिए। शरद पवार ने राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा, मंत्री कौन होगा यह तय किया। इसीलिए महाविकास आघाड़ी में एक साथ काम करते हुए कोई भी उसमें नमक डालने का काम ना करे।’
रिटायर्ड हाई कोर्ट जज करेंगे आरोपों की जांच
दरअसल राउत ने कहा कि मुंबई पुलिस आयुक्तालय में बैठकर वझे वसूली कर रहा था और गृहमंत्री को इस बारे में जानकारी ही नहीं होगी? गृहमंत्री को कम से कम बोलना चाहिए। बेवजह कैमरे के सामने जाना और जांच का आदेश जारी करना अच्छा नहीं है। सौ सुनार की एक लोहार की ऐसा बर्ताव गृहमंत्री का होना चाहिए। देशमुख को गृहमंत्री का पद दुर्घटनावश मिल गया। इस पद की एक गरिमा और रुतबा है। खौफ भी है। संदिग्ध व्यक्ति के घेरे में रहकर राज्य के गृहमंत्री पद पर बैठा व्यक्ति काम नहीं कर सकता है।
राउत के बयान पर कांग्रेस पहले से ही खफा
एंटीलिया प्रकरण से महाराष्ट्र सरकार के दो दल शिवसेना और एनसीपी में टकराव की स्थिति बन गई है। इससे पहले कांग्रेस और शिवसेना के बीच भी नाराजगी भी सामने आ चुकी है। पिछले दिनों संजय राउत ने यूपीए को लकवाग्रस्त बताते हुए शरद पवार जैसे गैर कांग्रेसी को गठबंधन का प्रमुख बनाया गया। वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि शिवसेना को यह नहीं भूलना चाहिए कि महा विकास अघाड़ी सरकार कांग्रेस के समर्थन से ही बनी है। यही नहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से शिकायत की है।