आन्दोलन के नाम पर गदर अक्षम्य अपराधः भारतीय किसान संघ

0
399
file photo

कोटा। भारतीय किसान संघ ने किसान आन्दोलन के नाम पर दिल्ली में हुई अराजकता की घोर निन्दा की है। प्रान्त महामंत्री जगदीश कलमंडा ने कहा कि भारतीय किसान संघ दिल्ली पुलिस के जवानों को धैर्य और संयम बनाए रखने के लिए साधुवाद देता है। वहीं अराजक तत्वों के किसानों के नाम पर गदर करने की घोर निन्दा भी करता है। अराजक तत्व किसान का चोला ओढकर हिंसक खेल खेलते रहे, लेकिन अब इनके चेहरे पर से नकाब उतर गया है। इन तथाकथित नेताओं के अतीत की विस्तृत जांच की जानी चाहिए। जिससे ये लोग देश के गरीब किसान की भावनाओं के साथ खिलवाड़ न कर सकें।

संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने कहा कि भारतीय किसान संघ जून, 2020 से तीनों कानूनों में संशोधन की मांग करता रहा है। लेकिन, भारतीय किसान संघ इस नेतृत्व विहीन और हिसंक आन्दोलन से दूर रहा। आन्दोलन का नेतृत्व लगातार अपनी मांगंे बदलता हुआ कानून वापसी की मांग पर अड़ गया। तब ही यह स्पष्ट हो गया था कि हारे हुए राजनैतिक विपक्ष की हताशा, किसान नेताओं के ब्रेनवाश, प्रसिद्धि के लोभ में कुछ लोग गरीब किसान के साथ गद्दारी कर रहे हैं।

भारतीय किसान संघ ने इसको लेकर बार बार आगाह भी किया, लेकिन तथाकथित नेतृत्व कुछ ओर ही परिणाम चाहता था, समाधान नहीं। तथाकथित नेतृत्व ने वार्ता के सारे रास्ते बंद कर दिए, सुप्रीम कोर्ट की कमेटी का बहिष्कार किया गया, फिर ट्रेक्टर परेड़, संसद मार्ग पर मार्च और संसद का घेराव जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घोषणाएं की गईं।

जिलाध्यक्ष गिरीराज चौधरी एवं जिला प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव ने कहा कि तथाकथित नेतृत्व के द्वारा खुली धमकियां दी गईं। ट्रेक्टर परेड के नाम पर योजनाबद्ध लाठी डंडे और गंडासे लहराए गए, पत्रकारों और महिलाओं से अभद्रता की गई, लाल किले में मौजूद बच्चों का जीवन खतरे में डाल दिया गया, तिरंगे का अपमान किया गया। इस सबके बावजूद पुलिस के जवानों ने तो धैर्य बनाए रखा, लेकिन रिमोट से चलने वाले नेताओं के चेहरे से मुखौटा उतर गया।

ये केवल वार्ता का अभिनय करते रहे। सरकार के द्वारा डेढ दो वर्ष के लिए कानूनों को स्थगित करने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया। अब केन्द्र सरकार को संशोधनांें पर पुनर्विचार करते हुए सुधार करना चाहिए। किसानों की समस्याओं के लिए सरकारी पक्षकार, किसान प्रतिनिधि, कृषि अर्थशास्त्री, वैज्ञानिक एवं तज्ञ तटस्थ लोगों की सक्षम समिति का गठन करना चाहिए।