नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) का अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। बेटे अभिजीत मुखर्जी ने अंतिम क्रियाएं पूरी कीं। कोरोना प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके परिवार के लोग और रिश्तेदार पीपीई किट पहने हुए थे। बेटे ने कहा, “पिता की मौजूदगी ही पूरे परिवार के लिए बड़ा सहारा था। मुझे लगता है कि उनके निधन की मुख्य वजह कोरोना नहीं, बल्कि ब्रेन सर्जरी रही। हम उन्हें पश्चिम बंगाल ले जाना चाहता था, लेकिन कोरोना की वजह से ऐसा नहीं कर सके।”
इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को 10, राजाजी मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास पर लाया गया, जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने उनके अंतिम दर्शन करके श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी कैबिनेट ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सीडीएस सहित तीनों सेना प्रमुखों ने दी पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके निवास पर श्रद्धांजलि दी।
प्रणब का सोमवार शाम निधन हो गया था। 10 अगस्त से दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) हॉस्पिटल में भर्ती थे। इसी दिन ब्रेन से क्लॉटिंग हटाने के लिए इमरजेंसी में सर्जरी की गई थी। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। वे कोरोना से संक्रमित भी हो गए थे। प्रणब के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।