कोटा। कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में मददगार साबित हो रही टीम जीवनदाता द्वारा लगातार प्लाज्मा डोनेशन कराया जाकर कीर्तिमान स्थापित किया जा रहा है। लोगों को लगातार जागरूक करते हुए उन्हें प्लाज्मा डोनेशन के लिए तैयार कर मरीजों को नया जीवन देने का प्रयास किया जा रहा है। टीम के प्रयासों से कोटा में एक ही परिवार के तीन सदस्य एक साथ प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आए हैं। टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब के जोन चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि एक ही परिवार के तीन सदस्यों का एक साथ डोनेशन करने का प्रदेश में यह पहला मामला है।
देश में भी कहीं ऐसा मामला देखने को नहीं मिला जब एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने कोरोना की जंग जीतने के बाद दूसरों की मदद करते हुए एक साथ प्लाज्मा डोनेशन किया हो। गुप्ता ने बताया कि कृष्णा नगर रंगबाडी रोड निवासी मनोज न्याति, साक्षी न्याति व सारांश न्याति ने कोरोना को मात देकर अब दूसरों के जीवन को बचाने का निर्णय किया है। कोटा में प्लाज्मा डोनेशन का ये 27वां मामला है। प्लाज्मा डोनेशन में टीम जीवनदाता के सदस्य वर्धमान जैन, डॉ. क्षिप्रा गुप्ता, एडवोकेट महेंद्र वर्मा, नितिन मेहता, विपुल गुप्ता, मनीष माहेश्वरी, रजनीश खंडेलवाल, प्रतीक अग्रवाल, महीप सिंह सौलंकी, जोंटी नायक का अहम योगदान रहा।
लोगों के जीवन को बचाने का प्रयास कर रही टीम जीवनदाता
एमबीएस ब्लड बैंक में प्लाज्मा डोनर का उत्साहवर्धन करने के लिए माहेश्वरी समाज कोटा के जिला अध्यक्ष राजेश बिरला एवं अखिल भारतीय महिला माहेश्वरी मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी व लायंस क्लब के पूर्व प्रान्तपाल बद्री विशाल माहेश्वरी ने एमबीएस ब्लड बैंक पहुंचकर प्लाज्मा डोनर के इस कार्य की सराहना की। बिरला ने कहा कि कोटा के लोगों में सदा ही सेवा का जस्बा रहा है, इसी के चलते टीम जीवनदाता लोगों के जीवन को बचाने का सराहनीय कार्य कर रही है। बद्री विशाल माहेश्वरी ने कहा कि कोरोना की जंग जीतने वाले दूसरों की मदद को आगे आए ये कोरोना को हराने में उनसे बेहतर कोई नहीं जान सकता। कोरोना से पीड़ित होने के बाद की मानसिक, सामाजिक व अन्य परेशानियां बेहद पीडादायी हैं। उसके बाद ठीक होकर दूसरे कोरोना पीड़ित की मदद करना ईश्वरीय कार्य हैं।
सम्पर्क से समाधान का होगा प्रयास
प्लाज्मा डोनेशन के बाद डोनर मनोज त्यागी ने कहा कि हम आगे भी प्लाज्मा डोनेशन करने के लिए यहां आते रहेंगे। ये ही नहीं दूसरों से सम्पर्क कर प्लाज्मा डोनेशन में आ रही समस्या का समाधान करने का प्रयास भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा प्लाज्मा डोनेशन करने से मन मे गहरा सुकून मिला है। कोरोना से बचाव ही उपचार है। जबकि साक्षी व सारांश का कहना है कि कोरोना को चेन तोड़कर ही हराया जा सकता है। ऐसे में अपने कार्य के दौरान परेशानी उठानी हो तो उठाएं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क का उपयोग निरंतर करें। कोटा में टीम जीवनदाता ने प्लाज्मा डोनेशन की नई परिपाटी चलाई हैं, ये कार्य एक जुनून के तहत ही हो सकता है। कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए लोगों को कोटा का मान सम्मान बढ़ाने के साथ दूसरों की मदद के लिए स्वप्रेरणा से आगे आना चाहिए।