जयपुर। कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने जिस उम्मीद से लॉकडाउन में शराब की दुकान खोलने का निर्णय लिया था। चंद हफ्तों में ही यह निर्णय सरकार की उम्मीदों पर खरा उतरा है। करीब दस सप्ताह की अवधि में प्रदेश में करीब 1500 करोड़ रुपए की शराब बिकी है जिससे सरकार को करीब 600 करोड़ रुपए आबकारी राजस्व के तौर पर मिला है। यानी कोरोनो काल में सरकार के रेवेन्यू के अकाल को कुछ हद तक शराब ने कम किया है।
लॉकडाउन में शराब की दुकान खोलने को लेकर सरकार को आलोचना भी झेलनी पड़ी थी और शुरुआती 2 दिन में जिस तरह से लोग शराब खरीदने के लिए शराब के ठेकों पर टूटकर पड़े उससे भी एक बार सरकार के इस निर्णय को लेकर अलग अलग राय सामने आई थी। कोरोना संकट के चलते केंद्र और राज्य सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा की थी इसके बाद प्रदेश में 23 अप्रैल को सभी शराब की दुकानों को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया था। लॉक डाउन की अवधि में केंद्र से अपेक्षित मदद न मिलने और राज्य के सभी आर्थिक संसाधन अवरुद्ध हो जाने से सरकार शराब की दुकान खोलने को लेकर पसोपेश में थी। इस दौरान मार्च के अंत में 31 मार्च को वर्ष 2019-20 का आबकारी बंदोबस्त भी समाप्त हो चुका था।
अचानक लॉक डाउन में शराब दुकान बंद होने से वित्त वर्ष के अंतिम 8 दिनों में पुराने अनुज्ञाधारियों को भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। सरकार के सामने चुनौती थी कि 1 अप्रैल से शुरू हुए नए वित्त वर्ष में कैसे नए आबकारी बंदोबस्त को लागू किया जाए। इस दौरान जो सबसे बड़ी समस्या थी वह यह थी कि पुराने अनुज्ञाधारियों से वित्तीय सेटलमेंट भी करना था और नए अनुज्ञाधारियों से लाइसेंस फीस जमा कराने की भी बड़ी चुनौती थी। दरअसल लॉक डाउन के चलते नए लाइसेंसी भी लाइसेंस फीस जमा कराने से कतरा रहे थे। ऐसे में वित्त विभाग के अफसरों ने उनको विश्वास में लिया और उसके बाद अधिकतर अनुज्ञाधारियों से लाइसेंस फीस जमा करवाने में वे सफल रहे।
4 मई को खोली शराब की दुकान:
लॉक डाउन में करीब 41 दिन बंद रखने के बाद आखिर 4 मई को प्रदेश में शराब दुकानों को खोल दिया गया. इसके लिए बाकायदा गाइडलाइन जारी की गई। सीधे तौर पर अनुज्ञाधारियों को कहा गया कि वे अपनी दुकान पर बैरिकेडिंग कराएं। सोशियल डिस्पेंसिंग की सख्ती से पालना करें, मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजर का उपयोग हो और समय सीमा को भी सुबह 10 बजे से रात्रि 8 बजे के स्थान पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही रखा गया। 4 मई को जैसे ही शराब दुकानों को खोला गया पहले ही दिन आरएसबीसीएल और गंगानगर शुगर मिल के डिपो से करीब 74 करोड रूपए की शराब बेची गई। इसके अगले दिन 59 करोड़ फिर 65 करोड़ की शराब बिकी।