चीनी एप्स पर प्रतिबंध से भारत में भी हजारों की नौकरी खतरे में

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चीन के 59 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत-चीन के बीच लद्दाख में चल रही तनातनी के माहौल में इन प्रतिबंधों का सोशल मीडिया पर जमकर स्वागत किया गया है। लेकिन इन एप्स पर प्रतिबंध लगने से हजारों लोगों की नौकरियों पर संकट भी पैदा हो गया है।

इन चीनी एप्स में समाचार सेवा से जुड़ी एक कंपनी के एक कर्मचारी के मुताबिक उनके गुरुग्राम ऑफिस में लगभग 150 लोग काम करते हैं। केंद्र सरकार के सोमवार के आदेश के बाद अब उनका भविष्य अंधेरे में है। उन्हें नहीं पता कि मार्केट के इस सुस्त हाल में उनका भविष्य क्या होगा। इस एप के 17 करोड़ से अधिक सक्रिय उपभोक्ता देश में हैं।

केंद्र के आदेश के बाद बेरोजगारी का मामला केवल समाचार कंपनी से ही नहीं है। टिकटॉक, बीगो लाइव और लाइकी जैसी कंपनियों में भी इस आदेश के कारण भारी संख्या में लोगों के बेरोजगार होने का खतरा पैदा हो गया है।

इस आदेश से गुरुग्राम और नोएडा में कई ऑफिस बंद हो सकते हैं और उनके कर्मचारियों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र सरकार को इस प्रकार के आदेश के बाद उनके भविष्य के बारे में भी कोई योजना पेश करनी चाहिए।

इन कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी ही नहीं, इन्हें उपयोग करने वाले लोगों के लिए भी इनके बंद होने से कमाई पर असर पड़ना तय हो गया है। अकेले टिकटॉक से कई उपभोक्ता अच्छी कमाई कर रहे थे, लेकिन इन एप्स के बंद होने से उनकी आय ठप होने का खतरा पैदा हो गया है।

कितना बड़ा है बाजार
भारत दुनिया के उन सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है, जहां हर वर्ष गूगल प्ले स्टोर से सबसे ज्यादा एप्स डाउनलोड किये जाते हैं। भारत में 2018 में सबसे ज्यादा डाउनलोड किये जाने वाले एप्स में 44 चीन में ही बनाये गये थे। इसमें वीगो लाइट, यूसी ब्राउसर और लाइव चैट शामिल थे। दिसंबर 2017 में भारत में आठ सबसे ज्यादा प्रचलित चीनी एप्स टॉप 100 एप्स की लिस्ट में शामिल थे।

एक जानकारी के मुताबिक अकेले टिक-टॉक के 20 करोड़ से अधिक सक्रिय उपभोक्ता हैं इस समय उपलब्ध हैं। इसी प्रकार हेलो एप के चार करोड़ उपभोक्ता भारत में हैं। इन उपभोक्ताओं में सबसे बड़ी संख्या युवाओं और महिलाओं की है। हेलो एप एक भारतीय कंपनी शेयरचैट का चीनी वर्जन बताया जाता है जो शेयरचैट से भी ज्यादा लोकप्रिय हो गया था।

टिकटॉक के एक तिहाई उपभोक्ता अकेले भारत से हैं। कंपनी इस वर्ष भारत से 100 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखकर आगे चल रही थी। पिछले वर्ष उसने भारत से 20 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।

टिकटॉक पर पहले भी लगा था प्रतिबंध
चीनी एप टिकटॉक पर फरवरी 2019 में कुछ राजनेताओं ने गंभीर सवाल उठाये थे। इन आपत्तियों के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, बाद में कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा लिया था। नवंबर 2017 में भी रक्षा मंत्रालय ने चीन के 42 विभिन्न एप्स पर देश की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ सवाल उठाये थे। इसमें वीचैट और शेयर-इट जैसे एप्स शामिल थे। हालांकि, इसके बाद भी इन एप्स पर तब प्रतिबंध नहीं लगाया गया था। मौजूदा प्रतिबंधों को उस साइबर खतरे से जोड़कर देखा जा रहा है।