यूनियन बैंक पर आरबीआई ने लगाया तीन करोड़ जुर्माना

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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि उसने केवाईसी (नो युअर कस्टम) संबंधी नियमों के उल्लंघन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ ऑफ इंडिया पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एक मामले में बैंक पर दो करोड़ रुपये और दूसरे मामले में एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

आरबीआई के एक बयान के अनुसार मीडिया रिपोर्ट के आधार पर बैंक में एक फ्रॉड की जानकारी मिली। इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि कुछ खातों में कई बड़े ट्रांजेक्शन हुए। दस्तावेजों की जांच करने के बाद बैंक को नोटिस जारी करके पूछा गया कि आरबीआई के दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए क्यों न उस पर जुर्माना लगाया जाए।

दूसरे मामले में कुछ खातों में बड़ी मात्रा में नकदी निकाली गई। इसमें निकासी संबंधी निर्देशों का उल्लंघन पाया गया। दोनों मामलों में बैंक पर 26 जुलाई को जुर्माना लगाया गया। आरबीआई ने कहा है कि बैंक पर जुर्माना नियामक संबंधी निर्देशों के अनुपालन में लापरवाही के लिए लगाया गया है। उसने संबंधित दस्तावेजों की जांच की है और बैंक को नोटिस जारी किये थे।

एकाउंट पोर्टेबिलिटी पर काम करें बैंक : मूंदड़ा
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस. एस. मूंदड़ा ने बैंकों से कहा है कि वे बैंक एकाउंट पोर्टेबिलिटी के लिए काम करें। प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और ग्र्राहक सेवा में सुधार के लिए अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है।

बैंकिंग लोकपाल के वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के ग्राहकों को और ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराने के लिए बैंकों को प्रयास करने चाहिए। आज की पीढ़ी ज्यादा टेक सेवी है। उन्होंने कहा कि आज के माहौल में ग्राहक अगर सेवाओं से असंतुष्ट है तो वह आसानी से एक संस्थान से निकलकर दूसरे संस्थान का रुख कर सकता है।

उन्होंने मिससेलिंग का जिक्र करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में मिससेलिंग की शिकायतें आ रही हैं क्योंकि किसी अन्य कंपनी के निवेश उत्पाद बेचने के लिए बैंक कर्मचारी को चुनौतीपूर्ण टारगेट दिये जाते हैं। जबकि इंसेंटिव और ट्रेनिंग की कमी रहती है, इस वजह से यह समस्या ज्यादा रहती है।