नई दिल्ली। फिच रेटिंग्स ने 2020-21 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 5.1% कर दिया है। इससे पहले दिसंबर 2019 में 5.6% का अनुमान जारी किया था। कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ने की वजह से अनुमान घटाया गया है।
रेटिंग एजेंसी ने शुक्रवार को जारी ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक 2020 में कहा है कि आने वाले हफ्तों में कोरोनावायरस का असर बढ़ेगा। ऐसे हालातों में अर्थव्यवस्था को नुकसान का रिस्क बढ़ेगा। फिच का कहना है कि सप्लाई चेन बाधित होने से निवेश और एक्सपोर्ट प्रभावित होगा।
वित्त वर्ष 2021-22 में 6.4% ग्रोथ का अनुमान
फिच का कहना है कि कोरोनावायरस की वजह से कारोबारी माहौल प्रभावित हो रहा है। दूसरी ओर भारत के मैन्युफैक्चरर पार्ट्स के लिए चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं, लेकिन कोरोनावायरस की वजह से वहां से सप्लाई रुक रही है। फिच का अनुमान है कि 2021-22 में भारत की ग्रोथ 6.4% रहेगी।
यस बैंक की गड़बड़ियों की वजह से दिक्कतें बढ़ीं: फिच
रेटिंग एजेंसी का कहना है कि भारत के फाइनेंशियल सिस्टम में कमजोरी की वजह से सेंटीमेंट और बिगड़ेंगे। यस बैंक के मामले की वजह से अर्थव्यवस्था की दिक्कतें बढ़ गई हैं। बैलेंस शीट कमजोर होने की वजह से पूरे फाइनेंशियल सिस्टम पर असर पड़ेगा।