नई दिल्ली। इस साल देश में रिकॉर्ड अनाज उत्पादन भी होगा, जिससे सरकार को बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। कृषि मंत्रालय द्वारा घोषित खाद्यान्नों के अन्य अग्रिम अनुमानों के अनुसार, देश में गेहूं और चावल के बम्पर उत्पादन के बाद 2019-20 में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन 29.2 मिलियन टन के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर दर्ज किया जाएगा। यह पिछले साल के 28.52 मिलियन टन उत्पादन से 67 लाख टन अधिक है। चावल का उत्पादन 11.75 मिलियन टन (11.65 मिलियन टन) और गेहूं का उत्पादन 10.62 मिलियन टन (10.36 मिलियन टन) अनुमानित है।
तीनों प्रमुख तिलहन – सोयाबीन, सरसों और मूंगफली के उत्पादन से तिलहन का कुल उत्पादन 8.6 प्रतिशत बढ़कर लगभग 3.42 मिलियन टन हो जाएगा। मूंगफली का उत्पादन 67.3 लाख टन से बढ़कर 82.4 लाख टन होने का अनुमान है, सोयाबीन का उत्पादन 1.33 मिलियन टन से बढ़कर 1.36 मिलियन टन और सरसों का उत्पादन 91.6 लाख टन से बढ़कर 92.6 लाख टन होने का अनुमान है।
मोटे अनाज का उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़कर 4.524 मिलियन टन हो जाएगा। हालांकि खरीफ सीजन में दालों का उत्पादन अत्यधिक बारिश और बाढ़ की स्थितियों से प्रभावित हुआ है, विशेष रूप से, रवि मौसम, चना उत्पादन के नुकसान की भरपाई करेगा। इतना ही नहीं, बल्कि यह पिछले वर्ष की तुलना में एक मिलियन टन अधिक यानी 2.302 मिलियन टन का उत्पादन करेगा।
दूसरी ओर गन्ने का उत्पादन 13 प्रतिशत घटकर 35.38 मिलियन टन रह जाएगा। गैर-खाद्य फसलों में कपास का उत्पादन पिछले साल के 2.8 मिलियन गांठ से बढ़कर 3.49 करोड़ गांठ होने का अनुमान है।