नई दिल्ली। केंद्र सरकार बैंक में जमा पैसों का बीमा कवर बढ़ा सकती है। यह बीमा कवर दो कैटेगरी में हो सकता है। इसमें खुदरा बीमा कवर के तहत अधिकतम एक लाख रुपए की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है। वहीं थोक जमाकर्ताओं के लिए बीमा कवर 25 लाख रुपए हो सकता है। मतलब अगर बैंक डूबता है, तो खुदरा बीमा के अंतर्गत ग्राहक को अधिकतम 5 लाख रुपए मिलेंगे, जबकि थोक जमाकर्ताओं को 25 लाख रुपए मिलेंगे। केंद्र सरकार इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक बिल लेकर आ रही है।
4 बार बैंक इंश्योर्ड राशि में हुआ बदलाव
बीएस की खबर के मुताबिक इससे पहले केंद्र सरकार ने एक मई 1992 में बैंक इंश्योर्ड राशि में संशोधन किया था। साल 1980 से लेकर 1992 तक बैंक में जमा राशि पर अधिकतम 30 हजार रुपए इंश्योरेंस मिलता था। हांलांकि बैंक ऑफ कारड के साल 1992 में घोटाले की वजह से डूबने के बाद सरकार ने इस लिमिट को 30 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया था।
इन सालों में हुआ इंश्योर्ड राशि में इजाफा
साल | इंश्योर्ड राशि |
एक जनवरी 1968 | 5000 रुपए |
एक अप्रैल 1970 | 10,000 रुपए |
एक जनवरी 1976 | 20,000 रुपए |
एक जुलाई 1980 | 30,000 रुपए |
एक मई 1993 | 1,00,000 रुपए |
नहीं बढेगा इंश्योर्ड राशि का प्रीमियम
हालांकि बैंक को जमा राशि के इंश्योरेंस पर प्रीमियम राशि को नहीं बढ़ाया जाएगा। मौजूदा वकत में इंश्योर्ड राशि पर बैंक को 10 पैसे प्रति 100 रुपए के हिसाब से प्रीमियम देना होता है। साल 1962 से अब तक डिपॉजिट पर करीब 5 बार प्रीमियम बढ़ाया जा चुका है।
साल | प्रीमियम |
1 जनवरी 1962 | 5 पैसे प्रति 100 रुपए |
एक अक्टूबर 1971 | 4 पैसे प्रति 100 रुपए |
एक जुलाई 1992 | 5 पैसे प्रति 100 रुपए |
एक अप्रैल 2004 | 8 पैसे प्रति 100 रुपए |
एक अप्रैल 2005 | 10 प्रति प्रति 100 रुपए |
इन मुद्दों पर RBI बैठक में हो सकती है चर्चा
इंश्योर्ड राशि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड की 13 दिसंबर को भुवनेश्वर में होने वाली बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा वित्त मंत्रालय दो अन्य प्रस्तावों पर भी चर्चा कर सकता है। इनमें एक बैंकों को प्रस्तावित सीमा के इतर अतिरिक्त जमा बीमा प्राप्त करने की अनुमति देने से जुड़ा है।