नई दिल्ली । पीएम मोदी ने आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने ऐलान किया कि जम्मू कश्मीर में हालात सुधरने के बाद उसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा। हालांकि इससे पहले जम्मू कश्मीर में कई तरह से विकास कार्यों किया जाएगा, जिससे प्रदेश के आम नागरिकों तक बाकी राज्यों की तरह फायदा पहुंचाया जा सके। पीएम मोदी ने कहा कि हमने जम्मू कश्मीर में पारदर्शी तरीके से चुनाव कराएं।
नए युग की हुई शुरुआत
पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटने की वजह से जम्मू कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई बहन जो अनेक अधिकारों से वंचित थे, वो हम सबके प्रयास से दूर हो गई। बाबा साहब अंबेडकर, श्यामा प्रसाद और अटल जी का सपना पूरा हुआ। जम्मू कश्मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरुआत हुई। ऐसे में आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर के युवाओं को रोजगार मिलेगा। पीएम मोदी ने बताया कि अब समय आ गया है कि प्रदेश के युवा स्पोर्ट में आगे आएं और कश्मीरी सेब समेत कई तरह की जरूरी समानों को विदेशों तक पहुंचाया जाएं, जिससे उन्हें एक नई पहचान मिल सके।
जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को दी बधाई
पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर, लद्दाख और प्रत्येक देशवासी को हृदय पूर्वक बहुत बधाई देता हूं। साथियों समाज में कुछ बातें समय के साथ इतनी घुलमिल जाती हैं। एक प्रकार से मन में स्थाई भाव बन जाता है। ऐसा लगता है कुछ नहीं बदलेगा। अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा हुआ। उसमें जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बच्चों और भाई बहनों की जो हानि हो रही थी। उसकी चर्चा नहीं हो रही थी। किसी से बात करों, तो कोई नहीं बता पाता था कि जम्मू कश्मीर के लोगों को क्या लाभ हुआ।
आर्टिकल 370 और 35 ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाव वाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए के शस्त्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाता थी। इसकी वजह से 42 हजार निर्दोष लोगों को जान गंवानी पड़ी। जम्मू कश्मीर और लद्दाख का विकास उस रफ्तार से नहीं हो पाया। अब इनका वर्तमान तो सुधरेगा। उनका भविष्य भी सुधरेगा।
अब देश में एक कानून होगा
साथियों हमारे देश में कोई भी सरकार हो। वो संसद में कानून बनाकर देश की भलाई के लिए काम करती हैं। यह कार्य निरंतर चलता रहता। इस दौरान संसद और बाहर काफी चर्चा होती है। उसकी आवश्यकता और प्रभाव को लेकर कई पक्ष रखे जाते हैं। इसके बाद बनने वाला कानून लोगों का भला करती है। लेकिन कोई भरोसा करेगा संसद एक कानून बनाए और देश के एक हिस्से में लागू ही न हो। यहां तक कि पहले की एक सरकार पहले एक कानून बनाकर वाहवाही लूटती थी। वो नहीं बता पाते थे कि उनका कानून जम्मू कश्मीर में भी लागू होगा। इन कानूनों को जम्मू कश्मीर के 1.5 करोड़ लोग वंचित रह जाते थे।
इन अधिकारों से वंचित रहे कश्मीरी
जम्मू कश्मीर के बच्चे शिक्षा से वंचित थे।
जम्मू कश्मीरियों की बच्चियों को बराबरी के अधिकार नहीं मिले
जम्मू कश्मीर के सफाई कर्मचारी सफाई एक्ट से वंचित थे।
जम्मू कश्मीर में दलितों के लिए कोई कानून नहीं
अल्पसंख्यक लोगों की रक्षा के लिए कोई कानून जम्मू कश्मीर में नहीं लागू था।
मजदूरों की रक्षा के लिए राज्य में न्यूनतम वेतन का अधिकार नहीं था।
देश के अन्य राज्यों में चुनाव लड़ते वक्त sc और ST को यह लाभ नहीं था।