बारां। जीएसटी का गुणगान करते ना थक रहे राजस्थान की भाजपा सरकार के मंत्री को इसका मतलब तक नहीं पता। रविवार को बारां जिले के सर्किट हाउस में उस समय अजीबो-गरीब स्थिति बन गई, जब एक पत्रकार ने राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी से जीएसटी का मतलब पूछ लिया। मंत्री बहुत देर तक सोचते रहे और बाद में सिर्फ गुड्स बोलकर चुप्प हो गए।
सर, ये जीएसटी क्या है? पत्रकार वार्ता में पूछे गए सीधे सवाल पर कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी अचकचा गए। जीएसटी लागू होने के फायदे बता रहे कृषि मंत्री से एक पत्रकार ने जीएसटी का पूरा नाम पूछ लिया। इस पर सैनी पहले तो चुप हो गए। फिर उन्होंने केवल गुडस् बोला। तभी पास बैठे प्रभारी मंत्री बाबूलाल वर्मा ने बात संभाली। वर्मा बात काटते हुए बोले कि कमाल करते हो फुलफॉर्म पूछ रहे हो। इसका अर्थ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स होता है।
गिनाने आए थे जीएसटी के फायदे
इसके बाद सैनी ने कहा कि जीएसटी से कर प्रणाली में सुधार होगा। पहले 17 प्रकार के टैक्स लगने से व्यापारी परेशान रहते थे। 23 प्रकार के सर्विस चार्ज भी समाप्त कर दिए हैं। अब पूरे देश में सभी पर एक ही प्रकार का टैक्स लगाया है। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
किसानों के मुद्दे से बचते रहे
शहर के झालावाड़ रोड स्थित आशीर्वाद गार्डन में आयोजित पत्रकार वार्ता में सैनी किसानों की आत्महत्या मामलों में सीधे कहने से बचे। सैनी बोले कि किसानों की आत्महत्या के मामले 174 सीआरपीसी में दर्ज हैं। संबंधित थानों की पुलिस अनुसंधान कर रही है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि किसानों की आत्महत्या के पीछे क्या कारण रहे।