गोरखपुर। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो जाने के बाद भी रेलवे यात्रियों से बढ़े हुए किराए का अंतर नहीं वसूलेगी। जो यात्री पहले से आरक्षित टिकट बुक करा चुके हैं, उन्हें यात्रा के दौरान चल टिकट परीक्षक (टीटीई) को बढ़ा हुआ आधा फीसद अधिभार नहीं देना पड़ेगा।जीएसटी को नियमानुसार लागू करने के लिए रेलवे बोर्ड ने संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय और विभागों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
जीएसटी मूल किराये में जुड़ेगा : पूर्वोत्तर रेलवे में भी बैठकें आयोजित की जा रही हैं।नए नियम लागू कराने को लेकर विमर्श जारी है। एक जुलाई से आरक्षित श्रेणी के टिकटों पर मौजूदा सर्विस टैक्स 4.5 की जगह 5.0 फीसद की दर से जीएसटी देना होगा।जीएसटी राउंड फिगर में नहीं बल्कि मूल किराये में जोड़ कर लिया जाएगा।
आम यात्रियों को राहत :अगर अगर कुल किराया पर जीएसटी 10.25 रुपये हुआ तो वह मूल किराया में जुड़ जाएगा, लेकिन मूल किराया नियमानुसार पांच और दस के राउंड फिगर में ही लिया जाएगा।अगर किसी यात्री का किराया 11 या 12 रुपये हुआ तो उससे दस रुपये तथा 13 या 14 हुआ तो 15 रुपये लिया जाएगा। जिन श्रेणियों में (स्लीपर और जनरल आदि) सर्विस टैक्स नहीं लग रहा था उनमें जीएसटी भी नहीं लगेगा।
रियायती टिकटों पर भी जीएसटी नहीं : इसके अलावा ड्यूटी पास और रियायती टिकटों पर भी जीएसटी नहीं लगेगा। रियायती टिकटों में किराये के आधार पर ही यात्री को जीएसटी देना होगा। जीएसटी लागू होने के बाद कलस्टर टिकटों की बुकिंग नहीं हो सकेगी।यात्रा भ्रमण के दौरान एक रूट पर अलग-अलग टिकट नहीं मिलेगा। यात्री को एक रूट पर ही टिकट लेना पड़ेगा।
जनरल काउंटरों पर एसी टिकटों की बुकिंग बंद :यही नहीं जनरल काउंटरों पर एसी टिकटों की बुकिंग भी बंद हो जाएगी।इन श्रेणियों में देना होगा जीएसटी एसी फर्स्ट क्लास, एक्जीक्यूटिव क्लास, एसी टू टियर क्लास, एसी थ्री टियर क्लास, एस चेयर क्लास, एसी इकोनोमी क्लास, फर्स्ट क्लास, स्पेशल ट्रेनों के एसी एंड फर्स्ट क्लास कोच और सभी प्रकार के फर्स्ट क्लास और एसी कोच।