बॉलिवुड ऐक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म ‘मणिकर्णिका’ की जब से शूटिंग शुरू हुई थी तभी से यह चर्चा में बनी रही। इस फिल्म के साथ कई विवाद भी जुड़ते चले गए। पहले फिल्म के डायरेक्टर कृष ने फिल्म बीच में ही छोड़ दी और उसके बाद ऐक्टर सोनू सूद ने भी फिल्म पूरी होने से पहले इसे छोड़ दिया। हालांकि फाइनली फिल्म रिलीज हो गई है और लोगों को काफी पसंद भी आ रही है।
हाल में एक इंटरव्यू में फिल्म के को-डायरेक्टर कृष ने इस बात का खुलासा किया कि आखिर उन्होंने बीच में ही इस फिल्म को क्यों छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि फिल्म की शूटिंग के दौरान कंगना का व्यवहार काफी रूखा रहता था और वह खुद को इनसिक्यॉर फील करती रहती थीं। कृष ने कहा कि उन्हें फिल्म के लिए मिलने वाली उनकी फी का केवल 30 पर्सेंट पैसा ही मिला है।
हालांकि कृष ने यह माना है कि उनके फिल्म छोड़ने के बाद भी फिल्म में कोई खास चेंज देखने को नहीं मिला है। कृष ने यह जरूर माना कि रानी लक्ष्मीबाई के साथ फिल्म के अन्य किरदारों को उतनी मजबूती से पेश नहीं किया गया है जैसा किया जाना था। उन्होंने कहा कि लोग यह नहीं देख पाए कि सोनू सूद ने सदाशिव राव का किरदार कैसा निभाया था, हालांकि कृष ने यह भी माना कि सोनू के बाद इस किरदार को निभाने वाले ऐक्टर जीशान अयूब एक बेहतरीन ऐक्टर हैं।
कृष ने बताया कि फिल्म में जैसे ही कोई किरदार स्ट्रॉन्ग होता हुआ दिखता था तो कंगना उस किरदार को कट करने का दबाव बनाती थीं। उन्होंने यह भी कहा था कि सोनू के किरदार को इंटरवल तक खत्म कर दिया जाए जो कि डायरेक्टर को इतिहास के हिसाब से गलत लगा था। हालांकि फिल्म में इस किरदार को भी लक्ष्मीबाई की मौत से कुछ पहले ही खत्म कर दिया जाना था।
फिल्म के को-डायरेक्टर ने बताया कि फिल्म में सोनू के किरदार का स्क्रीनटाइम 60 मिनट से घटाकर 100 मिनट कर दिया गया था। इस बात से सोनू बुरा मान गए और उन्होंने फिल्म छोड़ने का फैसला कर लिया। वह इस बात से भी नाराज थे कि कंगना मीडिया में उनके बारे में गलत बयान दे रही थीं कि वह फीमेल डायरेक्टर के साथ काम नहीं कर सकते हैं। बात दें कि इस फिल्म में कंगना के अलावा अंकिता लोखंडे, डैनी, अतुल कुलकर्णी और सुरेश ओबेरॉय की भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं हैं।