नई दिल्ली। प्रभावी गर्भनिरोधक के तौर पर भारतीयों को कंडोम नही भा रहा है। पिछले 8 साल में कंडोम की बिक्री में 52 फीसदी तक गिरावट आई है। इसके अलावा पुरूष नसबंदी के मामलों में भी 73 फीसदी तक गिरावट आई है। वहीं 2008 से 2016 के बीच गर्भनिरोधक गोली का यूज भी 39 फीसदी तक कम हो गया है।
इसकी वजह से सरकार बाजार में प्रभावी गर्भनिरोधक के तौर पर एक खास इंजेक्शन लाने की तैयारी कर रही है। महिला इस इंजेक्शन को एक माह में एक बार लेकर अनचाहे गर्भ से सुरक्षा पा सकती है।
आ रहा है गर्भनिरोधक इंजेक्शन
अंग्रेजी अखबार मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक एक्सपर्ट ग्रुप फिक्स्ड डोज कांबीनेशन से युक्त गर्भनिरोधक इंजेक्शन को मंजूरी देने वाला है। एक्सपर्ट कमेटी ने पाया है कि यह इंजेक्शन सुरक्षित है और गर्भनिरोधक के लिए प्रभावी है। कमेटी ने इस इंजेक्शन को प्रभावी गंर्भनिरोधक के तौर पर महिलाओं को उपलब्ध कराने की सिफारिश की है।
एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि फिक्स्ड डोज कांबीनेशन की जरूरत पर काफी विचार विमर्श किया गया है। विशेषज्ञों की राय है कि भारतीय महिलाओं को गर्भनिरोधक के तौर पर ऐसे विकल्प उपलब्ध कराने की जरूरत है जो लंबे समय तक कारगर रहें।
गर्भनिरोधक उपायों को लेकर उदासीन हैं भारतीय पुरुष
एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश काफी अहम है क्योंकि भारत में पुरुष गर्भनिरोधक अपनाने को लेकर उदासीन हैं। 2017 की हेल्थ मिनिस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक केरल में जहां पर पुरूषों में साक्षरता दर 96 फीसदी है, कंडोम का इस्तेमाल 42 फीसदी तक कम हो गया है।
घट रहा है गर्भनिरोधक का इस्तेमाल
भारत में गर्भनिरोधक का इस्तेमाल भी कम हो रहा है। 2005-06 में भारत में गर्भनिरोधक का इस्तेमाल 56.3 फीसदी था जो 2015-16 में घट कर 53.5 फीसदी रह गया है। पुरूष नसबंदी घट कर एक दशक के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसके अलावा महिलाओं में भी नसबंदी के मामलों में भी गिरावट आ रही है।