नयी दिल्ली। शहरों में गैस के खुदरा वितरण कारोबार के लाइसेंस के लिये सफल बोली लगाने वालों की आखिरी सूची में उद्योगपति गौतम अडाणी समूह, सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन तथा टोरेन्ट गैस के नाम छाए हुए हैं। तेल नियामक पीएनजीआरबी ने सोमवार को यह सूची जारी की।
सूची के अनुसार अडाणी गैस को अकेले 13 शहरों में वाहनों के लिए सीएनजी तथा घरों को पाइप के जरिये रसोई गैस पहुंचाने के खुदरा कारोबार के लाइसेंस मिले हैं। साथ ही इा समूह ने सरकारी कंपनी आईओसी के साथ मिल कर इलाहबाद समेत नौ अन्य शहरों के लिए गैस वितरण लाइसेंस हासिल किया है। कुल 84 शहरों के लाइसेंस को नीलामी के लिए रखा गया था।
आईओसी ने अकले ही सात शहरों के लाइसेंस हासिल किये। इसमें तमिलनाडु में कोयंबटूर तथा सलेम एवं मध्य प्रदेश में गुना शहर भी शामिल है। बीपीसीएल की इकाई भारत गैस रिर्सोसेस लि. को उत्तर प्रदेश के अमेठी और राय बरेली शहरों तथा महाराष्ट्र के अहमदनगर जैसे 11 शहरों के लिये लाइसेंस मिले।
वहीं टोरेन्ट गैस प्राइवेट लि. ने 10 शहरों के लिये विजेता रही जिसमें चेन्नई (तमिलनाडु), अलवर (राजस्थान), मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) और कराईकल (पुडुचेरी) शामिल हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की गेल की खुदरा इकाई को गेल गैस को देहरादून समेत पांच शहरों के लिये लाइसेंस मिले हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में रसोई गैस पहुंचाने वाली इंद्रपस्थ गैस लि. को उत्तर प्रदेश के मेरठ और मुजफ्फरनगर के लिये लाइसेंस मिले। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. (एचपीसीएल) और गुजरात गैस को एक-एक शहर के लिये जबकि ग्रीन गैस को दो तथा महाराष्ट्र नेचुरल गैस को तीन शहरों के लिय लाइसेंस मिले हैं।
विजेताओं में आईआरएम एनर्जी, हरियाणा सिटी गबैस, एस्सेल गैस, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि., त्रिपुरा नेचुरल गैस और असम गैस जैसी छोटी कंपनियां भी शामिल हैं। पीएनजीआरबी के अनुसार 84 शहरों में आठ साल में 4,346 सीएनजी स्टेशन स्थापित करने की प्रतिबद्धता जतायी गयी है।
साथ ही कंपनियों ने 30 सितंबर 2026 तक पाइप के जरिये 2.1 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन दिये जाएंगे। शहरों में गैस वितरण के लिये नौवें दौर की बोली प्रक्रिया 12 अप्रैल् को शुरू की गयी और जुलाई में पूरी हुई। आईओसी, बीपीसीएल तथा अडाणी गैस उच्च बोलीदाता रहे।
कुल 86 शहरों की पेशकश की गयी जिसमें दो के परिणाम कुछ बोलीदाताओं द्वारा कानूनी रूप से चुनौती दिये जाने के कारण अभी रोके गये हैं। नियामक ने कहा कि इसका मकसद 86 भौगोलिक क्षेत्रों में शहर गैस वितरण का नेटवर्क विकसित करना था।
इसमें 22 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 174 जिलों (156 पूर्ण रूप से तथा 18 उसके हिस्से) में शामिल थे। मौजूदा नीलामी प्रक्रिया से शहरों में गैस का दायरा दोगुना होगा। फिलहाल पीएनजीआरबी ने 92 भौगोलिक क्षेत्रों के लिये गैस वितरण का अधिकार दिया है। इसमें 23 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 124 जिले हैं।