नई दिल्ली। भारत के ग्रामीण परिवारों की आमदनी, जीवन स्तर, रोजगार आदि की ताजा तस्वीर नाबार्ड के सर्वेक्षण से सामने आई है। इसके मुताबिक, ग्रामीण परिवारों की औसत आय कृषि से अधिक दैनिक मजदूरी से हो रही है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 90 फीसदी ग्रामीण घरों में अब मोबाइल है और उनकी बचत का अधिकतर हिस्सा बैंकों में जमा है। हालांकि, चिंता की बात यह है कि कृषि से जुड़े 52.5 प्रतिशत परिवारों पर कर्ज का बोझ है।
कितनी है आमदनी
एक ग्रामीण परिवार की औसत वार्षिक आय 1,07,172 रुपये है, जबकि गैर-कृषि गतिविधियों से जुड़े परिवारों की औसत आय 87,228 रुपये रही। मासिक आमदनी का 19 फीसदी हिस्सा खेती से आता है, जबकि औसत आमदनी में दिहाड़ी मजदूरी का हिस्सा 40 फीसदी से अधिक है।
राज्यों की स्थिति
ग्रामीण परिवारों के औसत आय के मामले में पंजाब (16,020) सबसे आगे है तो दूसरे नंबर पर केरल (15130) और तीसरे स्थान पर हरियाणा (12072) है। वहीं, इस मामले में अंतिम पायदन पर खड़े तीन राज्य उत्तर प्रदेश (6,257), झारखंड (5854) और आंध्र प्रदेश (5842) हैं।
कितनों के पास टीवी-मोबाइल
सर्वेक्षण के मुताबिक, 87 फीसदी परिवारों में मोबाइल है तो 58 फीसदी परिवार टीवी से मनोरंजन करते हैं। 34 फीसदी के पास दोपहिया वाहन और महज 3 फीसदी परिवारों के पास कार है। 2 फीसदी के पास लैपटॉप और एसी है।
बैंकों से जुड़े
ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बैकिंग क्षेत्र से जोड़ने के लिए चलाए गए वित्तीय समावेशन अभियान का व्यापक लाभ हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों के 88.1 प्रतिशत परिवारों के पास बचत खाते हैं। 88.1 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों और 55 प्रतिशत कृषक परिवारों के पास एक बैंक खाता है।
उनकी प्रति परिवार बचत औसतन 17,488 रुपये है। कृषि से जुड़े करीब 26 प्रतिशत परिवार और गैर-कृषि क्षेत्र के 25 प्रतिशत परिवार बीमा के दायरे में है। इसी प्रकार, 20.1 प्रतिशत कृषक परिवारों ने पेंशन योजना ली है जबकि इससके मुकाबले 18.9 प्रतिशत गैर-कृषक परिवारों के पास पेंशन योजना है।
47 फीसदी परिवारों पर कर्ज
सर्वेक्षण के दिन तक बकाये कर्ज के मामले में (आईओआई), कृषि से जुड़े 52.5 प्रतिशत परिवारों और 42.8 प्रतिशत गैर-कृषि परिवारों पर ऋण है। आज जारी नाबार्ड अखिल भारतीय वित्तीय समावेश सर्वेक्षण (एनएएफआईएस) के अनुसार, अखिल भारतीय स्तर पर 47.4 ग्रामीण परिवारों पर कर्ज है।
कृषि से जुड़े परिवारों की आय में वृद्धि
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के चेयरमैन एच के भनवाला ने कहा कि यह सर्वेक्षण वित्तीय समावेश और ग्रामीणों आजीविका जैसे पहलुओं को एकसाथ लाने का एक अग्रणी प्रयास है। उन्होंने कहा, ‘नाबार्ड हर तीन वर्ष में सर्वेक्षण करता है। सर्वेक्षण से पता चला है कि कृषि से जुड़े परिवारों की आय में महत्वपूर्ण रूप से तेजी आई। सबसे ज्यादा वृद्धि छोटे और सामान्य किसानों की आय में रही।’
29 राज्यों के 245 जिलों में हुआ सर्वेक्षण
यह सर्वेक्षण में 2016-17 में किया गया और इसमें 40,327 ग्रामीण परिवार शामिल थे। यह सर्वेक्षण पूरे देश में किया गया है और 29 राज्यों के 245 जिलों में 2016 गांवों से नमूने एकत्र किए गए हैं। इस प्रक्रिया में कुल 1,87,518 लोगों को शामिल किया गया है।