कोटा। हाड़ौती के चारों जिलों में मिलाकर इस बार धनिया 1 लाख 54 हजार 510 हैक्टेयर में धनिया की पैदावार हुई है। इस क्षेत्रफल में करीब 1.72 लाख मीट्रिक टन धनिया पैदा होने का अनुमान है। जो पिछले वर्ष के मुकाबले में इस बार 43 हजार मीट्रिक टन कम है। हाड़ौती की मंडियों में नए धनिए की आवक शुरू हो चुकी है। रोजाना औसतन 40 से 50 हजार बोरी धनिया की आवक हो रही है। इस बार धनिया की फसल पिछले सालों के मुकाबले अच्छी है।
उद्यान विभाग का कहना है कि हाल ही में हुई बारिश एवं ओलावृष्टि का धनिया की फसल पर कोई असर नहीं पड़ा है। धनिया का रकबा इस बार जरूर कम रहा है। पिछले वर्ष 2015-16 में धनिया का रकबा चारों जिलों में मिलाकर 1 लाख 93 हजार 759 हैक्टेयर था। जबकि इस बार मात्र 1 लाख 54 हजार 510 हैक्टेयर है। जो पिछले साल से 39 हजार 259 हैक्टेयर कम है। हाड़ौती में सबसे ज्यादा धनिया इस बार झालावाड़ जिले में 83 हजार 750 हैक्टेयर में बोया है। परन्तु फिर भी पिछले वर्ष 14 हजार 606 हैक्टेयर रकबा कम हुआ है। पांच जिलों की तुलना करें तो सबसे कम रकबा हाड़ौती में सिर्फ कोटा का है, जहां 34600 हैक्टेयर में धनिया की बुवाई हुई है। इसकी वजह किसानों का रुझान धनिया के प्रति कम होना है। इस फसल से ध्यान हटाकर किसानों ने लहुसन की बुआई अधिक की है। लहसुन इस बार 1 लाख 38 हजार 268 हैक्टेयर में बोया गया है। जो पिछले वर्ष के मुकाबले में दुगने से भी अधिक है। पिछले वर्ष लहसुन सिर्फ 65 हजार 311 हैक्टेयर में ही बोया गया था।
–पिछले पांच साल में कौन से जिले में धनिया का कितना रकबा
वर्ष कोटा बारा बूंदी झालावाड़ संभाग
12-13 36704 45890 1244 72186 156024
13-14 48524 52713 843 76130 178210
14-15 67954 64815 3404 106697 242870
15-16 54830 35000 5600 98356 193759
16-17 34600 30750 5410 83750 154510
-प्रति हैक्टयर उत्पादन का अनुमान लाख हैक्टेयर
वर्ष 12-13 13-14 14-15 15-16 16-17
क्षेत्रफल 156000 178000 243000 194000 154000
उत्पादन 229000 114000 199000 215000 172000
उत्पादकता 147000 63000 82000 111000 112000
-दामों में 25 प्रतिशत की गिरावट
मंडियों में धनिया की आवक बढ़ने के साथ ही भाव भी गिरने लगे हैं। जो धनिया अप्रैल 2016 में 7100 रुपए क्विंटल था। फरवरी 2017 में 19 रुपए क्विंटल घटकर 5200 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।