नई दिल्ली। 10वीं क्लास के कंपार्टमेंट एग्जाम के दौरान पेपर लीक के चांसेज को कम करने के लिए सीबीएसई नए उपाय को आजमाने की तैयारी में है। अब परीक्षा केंद्रों पर क्वेस्चन पेपर न भेजकर इसे ईमेल के जरिए भेजा जाएगा। सीबीएसई 10वीं क्लास के कंपार्टमेंट एग्जाम का आयोजन 16 से 25 जुलाई तक करने जा रहा है।
मंगलवार को सीबीएसई के इस प्रस्ताव को एचआरडी मिनिस्ट्री से मंजूरी मिल गई है। इस साल पेपर लीक विवाद में घिरने के बाद सीबीएसई ने परीक्षा से जुड़े कुछ बड़े सुधार करने के लिए कदम उठाए हैं। यह भी उन्हीं सुधारों का एक हिस्सा है। आपको बता दें कि इस साल 12वीं के इकनॉमिक्स का पेपर लीक हो गया था जिससे काफी विवाद हुआ था और दोबारा इकनॉमिक्स का एग्जाम करवाना पड़ा था।
सीबीएसई के एक सूत्र ने बताया, ‘इस यजोना के तहत एग्जाम केंद्रों को परीक्षा से 30 मिनट्स पहले क्वेस्चन पेपर और पासवर्ड्स मिलेंगे। सेंटर प्रभारी को क्वेस्चन पेपर को खोलने के लिए पासवर्ड डालना होगा। वह इसका एक प्रिंट लेकर इसकी फोटोकॉपी करवा लेंगे जिसे छात्रों के बीच बांटा जाएगा।’
प्रत्येक सेंटर पर सीबीएसई का एक ऑब्जर्वर मौजूद रहेगा। सूत्र ने बताया, ‘किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए बैकअप प्रबंध भी किया जा रहा है जिसके तहत प्रश्नपत्र प्रिंट करवा कर रखे जाएंगे।’
यह उपाय उन सभी विषयों के लिए किया जाएगा जिनके 1,000 से भी कम छात्र होंगे। कुल मिलाकर करीब 4,000 छात्रों पर इसका प्रयोग किया जाएगा। 12वीं के कंपार्टमेंट एग्जाम को इससे बाहर रखा गया है क्योंकि 12वीं का एग्जाम एक ही दिन में निपट जाएगा।
एचआरडी मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘बोर्ड ने केंद्रों तक क्वेस्चन पेपर्स की डिलिवरी में इंसान की जरूरत को कम करने के लिए एक प्रस्ताव रखा है। यह उन प्रस्तावों में से एक है जो अप्रैल में मंत्रालय द्वारा गठित सात सदस्यों वाली एक हाई पावर्ड कमिटी ने सुझाए थे।
इसलिए मंत्रालय ने प्रयोग के तौर पर इसकी मंजूरी दे दी है क्योंकि इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि यह सिस्टम कैसे काम करता है और बड़े पैमाने पर परीक्षा के लिए क्या बदलाव करने होंगे।’इस अनुभव के आधार पर अगले साल यानी मार्च 2019 से होने वाली परीक्षाओं में इस सिस्टम को लागू करने पर फैसला लिया जाएगा।