बिना KYC के भी 28 फरवरी के बाद बना रहेगा ई-वॉलिट्स का बैलेंस

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मुंबई। प्रीपेड ई-वॉलिट्स के लिए केवाईसी पूरी करने की आरबीआई की डेडलाइन 28 फरवरी में सिर्फ एक दिन का वक्त बचा है। इस बीच आरबीआई ने साफ किया है कि वह इस तारीख को और आगे बढ़ाने नहीं जा रहा है, लेकिन यह राहत जरूर दी है कि वॉलिट में रखा मौजूदा बैलेंस बरकरार रहेगा और यूजर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

आरबीआई ने कहा कि यूजर्स अपने पैसे को बैंक खाते में भी ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि किसी अन्य व्यक्ति के ई-वॉलिट में रकम ट्रांसफर करने या फिर रीलोडिंग के लिए आपको केवीआईसी डिटेल्स भरनी होंगी। आरबीआई के इस फैसले से मुख्य तौर पर पेटीएम, मोबिक्विक, ओला मनी और ऐमजॉन पे जैसे ई-वॉलिट्स प्रभावित होंगे।

आरबीआई के डेप्युटी गवर्नर बी.पी. कानूनगो ने कहा कि केवीआईसी डिटेल्स अपडेट करने की डेडलाइन 28 फरवरी है और उसका एक्सटेंशन नहीं किया जा सकता। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘गाइडलाइंस को फॉलो करने के लिए पहले ही पर्याप्त समय दिया जा चुका है।

यदि प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट्स की ओर से केवाईसी अपडेट की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती है, तब भी कस्टमर्स को उनकी जमा रकम का नुकसान नहीं होगा।’ फिलहाल आरबीआई की ओर से मंजूरी प्राप्त 55 नॉन बैंक प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट्स देश में चल रहे हैं। इसके अलावा 50 ई-वॉलिट्स ऐसे भी हैं, जिन्हें बैंकों की ओर से प्रमोट किया जा रहा है।

आरबीआई ने ई-वॉलिट्स यूजर्स को केवीआई अपडेट के लिए 31 दिसंबर, 2017 तक का वक्त दिया था। इसे बढ़ाकर केंद्रीय बैंक ने बाद में 28 फरवरी कर दिया था। एक सीनियर बैंक ने बताया कि यदि ग्राहक अपने कार्ड अकाउंट को ई-वॉलिट से जोड़ता है तो उसकी केवाईसी डिटेल खुद ही मिल जाती है।

KYC के लिए पेटीएम का 3,250 करोड़ का बजट
देश के सबसे बड़ी ई-वॉलिट कंपनी पेटीएम, जो अब पेमेंट बैंक भी है, ने केवाईसी के काम को पूरा करने के लिए 3250 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।