नई दिल्ली। सीटें खाली रहने पर भारतीय रेलवे पैसेंजर को डिस्काउंट ऑफर देगा। यह डिस्काउंट 50% तक पहुंच सकता है। यहां तक कि चार्ट लगने के बाद भी आप और डिस्काउंट लेकर यात्रा कर सकते हैं। इंडियन रेलवे द्वारा तैयार किए जा रहे डायनामिक प्राइसिंग मॉडल में इस तरह के प्रपोजल मिल रहे हैं। वहीं रेलवे की हाईलेवल कमेटी के पास ट्रेनों को 3 कैटेगरी में बांटने का प्रपोजल भी आया है।
रेवेन्यू बढ़ा, पैसेंजर घटे
– दरअसल, पिछले साल रेलवे ने कुछ प्रीमियम ट्रेनों में फ्लैक्सी फेयर मॉडल शुरू किया था। जिसके मुताबिक, पीक अवर में ट्रेनों का किराया बढ़ जाता है। इससे रेलवे को रेवेन्यू का तो फायदा हुआ, लेकिन पैसेंजर कम हो गए।
– वेस्टर्न रेलवे की एक रिपोर्ट बताती है कि फ्लैक्सी फेयर की वजह से इस जोन में जनवरी से अक्टूबर 2017 के बीच लगभग 1.34 लाख पैसेंजर्स घटे, हालांकि इस दौरान वेस्टर्न रेलवे ने लगभग 54 करोड़ रुपए ज्यादा रेवेन्यू हासिल किया। इस दौरान 2nd एसी का किराया हवाई जहाज के किराए से ज्यादा हो गया।
एयरलाइंस की तरह होगा किराया
पिछले दिनों रेलवे मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि अब रेलवे का किराया एयरलाइंस की तरह डायनामिक प्राइसिंग मॉडल से तय होगा। इसके तहत किराया बढ़ेगा भी और घटेगा भी। यानी कि सीटें खाली रहने पर किराए में डिस्काउंट दिया जाएगा। इसके लिए एक हार्इ लेवल कमेटी बनाई गई है।
क्या है प्रपोजल
रेलवे की कमेटी के पास प्रपोजल आया है कि ट्रेनों को पैसेंजर एमेनिटीज, पंक्चुअल्टी और कैटरिंग सर्विस के आधार पर तीन कैटेगरी में बांटा जाएगा, जिसमें सुपर प्रीमियम ट्रेन, प्रीमियम ट्रेन और नॉन प्रीमियम ट्रेन होंगी।
– सुपर प्रीमियम ट्रेन का सालाना पंक्चुअल्टी 90% से ज्यादा होगी, जिसमें कस्टमर्स फीडबैक भी शामिल होगा। जबकि प्रीमियम ट्रेन की पंक्चुअल्टी 80 से 90% होगी और इससे कम पंक्चुअलटी वाली ट्रेनों को नॉन-प्रीमियम ट्रेन की कैटेगरी में रखा जाएगा।
तीन सीजन में बांटा जाए
– पूरे साल को छुट्टियों, त्योहारों, मैरिज और एग्जाम सीजन के आधार पर पीक, नॉन पीक और स्लैक सीजन में बांटा जाएगा।
– पीक सीजन में सुपर प्रीमियम ट्रेनों का किराया ज्यादा बढ़ाया जाएगा, जबकि नॉन पीक सीजन में थोड़ा और स्लैक सीजन में डिस्काउंट ऑफर किया जाएगा। इसी तरह पीक सीजन में प्रीमियम ट्रेनों का किराया थोड़ा बहुत ही बढ़ाया जाएगा, लेकिन नॉन-पीक और स्लैक सीजन में बेस रेट पर या किराए में छूट दी जाएगी।
नॉन प्रीमियम ट्रेन में भी पीक सीजन में थोड़ा बहुत किराया बढ़ाया जाएगा, जबकि नॉन-पीक में अच्छा खासा डिस्काउंट ऑफर किया जा सकता है।
ऐसे बढ़ेगा किराया
सुपर प्रीमियम ट्रेन में पीक सीजन में ऐसा बढ़ेगा किराया
पहली 10 फीसदी बर्थ पर : नॉर्मल किराया
अगली 10 फीसदी बर्थ पर : 10 फीसदी वृद्धि
अगली 10 फीसदी बर्थ पर : 10 फीसदी वृद्धि
अगली 10 फीसदी बर्थ पर : 10 फीसदी वृद्धि
अगली 10 फीसदी बर्थ पर : 10 फीसदी वृद्धि
किराये की कोई अपर लिमिट नहीं होगी। हालांकि जर्नी डेट से दो दिन पहले 50 फीसदी टिकट ही बिकी हों तो हर 12 घंटे में टिकट का किराया इसी स्लैब के हिसाब से कम होता चला जाएगा। यह सिलसिला तब तक चलेगा, जब तक चार्ट नहीं लग जाता। चार्ट लगने के बाद भी ट्रेन खुलने से पहले तक सीटें खाली रहने पर 10 फीसदी डिस्काउंट और दिया जा सकता है।