लंदन। अगर किसी का दिन भर में तीन से ज्यादा सेल्फी लिए बिना मन नहीं भरता तो वह एक डिसॉर्डर का शिकार है। यह दावा ने अपनी रिसर्च में किया है। यह रिसर्च इंटरनैशनल जर्नल ऑफ मेंटल हेल्थ ऐंड अडिक्शन में प्रकाशित की गई है।
इस रिसर्च के अनुसार शोधकर्ताओं ने सेल्फी से जुड़े इस डिसऑर्डर को ‘सेल्फाइटिस’ नाम दिया है। रिसर्च करने वाले नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के मार्क ग्रिफिथ ने बताया कि बीमारी का पता लगाने के लिए हमने दुनिया का पहला ‘सेल्फाइटिस बिहेवियर स्केल’ भी तैयार किया है।
अपनी तरह के इस अनूठे बिहेवियर स्कूल को 200 लोगों के फोकस ग्रुप और 400 लोगों पर सर्वे के बाद बनाया गया है। उनके मुताबिक, ज्यादा सेल्फी लेने वालों की आदतें काफी हद तक नशेबाजी की तरह होने लगती हैं। बढ़ रहे हैं सेल्फी की लत से कुहनी में समस्या के मामले इसलिए भारत में की गई रिसर्च-
- वजह-1: भारत में फेसबुक के सबसे ज्यादा यूजर्स हैं।
- वजह-2: सेल्फी की वजह से होने वाली सबसे ज्यादा 60 फीसदी मौतें भारत में होती हैं।
कब-कब ‘काल’ बनी सेल्फी?
- मार्च 2014 से सितंबर 2016 के बीच दुनियाभर में 127 मौतें सेल्फी लेने के दौरान हुईं।
- इन 127 मौतों में से 76 मौतें अकेले भारत में हुईं।
(कॉर्नेजी मेलन यूनिवर्सिटी और इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फर्मेशन दिल्ली की सर्वे रिपोर्ट)
सेल्फाइटिस को ऐसे पहचानें
अध्ययन के मुताबिक सेल्फाइटिस बीमारी के तीन स्तर होते हैं।
- पहला: दिन में 3 सेल्फी लेने की आदत होना, लेकिन सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट न करना।
- दूसरा: सेल्फी सोशल मीडिया में शेयर करना शुरू कर देना।
- तीसरा: हर समय अपनी सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की कोशिश करना। ऐसे लोग दिन में कम से कम 6 फोटो पोस्ट करते हैं।
इसलिए हो जाते हैं आदी
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि सेल्फाइटिस से ग्रस्त लोग ज्यादातर अपना आत्मविश्वास, मूड ठीक करने, अपनी यादें संजोने, खुद की स्वीकार्यता दिलाने और दूसरों से आगे रहने के लिए बार-बार सेल्फी लेते हैं। भारत के लोगों में कुछ ज्यादा है सेल्फी की सनक