विविध रंगों के फूलों से महका मथुराधीश मंदिर परिसर, सांझी मनोरथ का समापन

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सुंदर फूलों से सजी कोट सांझी ने मन मोहा, आज से होगा ठाकुर जी का नव विलास उत्सव

कोटा। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर पितृ पक्ष में आयोजित हो रहे सांझी मनोरथ का कोट की सांझी के साथ समापन हुआ। इस दौरान वैष्णवों ने फूलों व रंगों से मनमोहक सांझी बनाकर ठाकुरजी व राधे रानी को रिझाया।

कोट की सांझी बनाने के लिए ठाकुर जी के समक्ष एक क्विंटल फूलों से सांझी सजाई गई। जिसमें चंपा, चमेली, गैंदा, गुलाब, मोगरा समेत विभिन्न रंगों के फूलों से विविध रंग भरे गए। फूलों की महक और ठाकुर जी के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज रहा था। सांझी में गिरिराज प्रभु की तरहटी को सिद्ध किया गया था। ठाकुर जी का कमल और छापे वाली फूलों की डिजाइन अद्भुत लग रही थी।

प्रथम पीठ युवराज गोस्वामी मिलन बावा ने बताया कि यह उत्सव श्रीप्रिया जी से संबंधित है। जिसमें सांझी के रूप में श्री राधेरानी संध्या देवी का पूजन करती हैं। वर्षाकाल में संध्या के समय आकाश में रंग बिरंगे बादल छाए रहते हैं, इसलिए सांझी भी अनेक रंगों से बनाई गई। इस सुंदर सांझी को देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। प्रथम पीठ युवराज गोस्वामी मिलन कुमार बावा ने बताया कि गुरुवार से नौ दिनों तक ठाकुर जी का नव विलास उत्सव होगा।