क्रशिंग में बढ़ोतरी से सोयाबीन के बकाया स्टॉक में कमी का अनुमान

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इंदौर। वर्तमान मार्केटिंग सीजन के शुरूआती 11 महीनों में यानी अक्टूबर 2023 से अगस्त 2024 के दौरान देश में सोयाबीन की कुल क्रशिंग बढ़कर 113 लाख टन पर पहुंच गई जो 2022-23 सीजन की समान अवधि की मात्रा 107.50 लाख टन से 5.50 लाख टन अधिक रही।

सोया उद्योग की शीर्ष संस्था सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) की नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि 2023-24 सीजन के दौरान 118.74 लाख टन के उत्पादन 6 लाख टन के आयात तथा पिछले बकाया स्टॉक को मिलाकर सोयाबीन की कुल उपलब्धता (क्रशिंग के लिए) 135.81 लाख टन पर पहुंची जबकि 2022-23 के सीजन में यह 143.29 लाख टन पर पहुंच गई थी।

कम उपलब्धता एवं अधिक क्रशिंग के कारण 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के लिए सोयाबीन का बकाया स्टॉक घटकर 11.16 लाख टन के करीब रह जाने का अनुमान है जो 2023-24 के आरंभ में 24 लाख टन रहा था।

सोयाबीन की अधिक क्रशिंग होने से 2023-24 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन में सोयामील का घरेलू उत्पादन भी बढ़कर 89.17 लाख टन पर पहुंच गया जो 2022-23 के सीजन में 85.80 लाख टन तक ही पहुंचा था।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान भारत से सोयमील का निर्यात भी 17.30 लाख टन से बढ़कर 20.77 लाख टन पर पहुंचा। भारतीय सोयामील का भाव अन्य देशों की तुलना में 100-150 डॉलर प्रति टन ऊंचा होने के बावजूद निर्यात में इजाफा हुआ। ईरान तथा बांग्ला देश सहित कुछ अन्य देशों में इसकी मांग काफी मजबूत बनी रही।

अक्टूबर 2023 से अगस्त 2024 के बीच पशु आहार निर्माण में 61 लाख टन सोयामील की खपत होने का अनुमान है जो पिछले सीजन से कुछ कम है। इसी तरह खाद्य उद्देश्य में भी इसकी खपत मामूली गिरावट के साथ 7.40 लाख टन पर अटक गई।

अक्टूबर-अगस्त के दौरान भारत से ईरान को 4.12 लाख टन, बांग्ला देश को 3.03 लाख टन, नेपाल को 1.91 लाख टन तथा जर्मनी को 1.07 लाख टन सोयामील का निर्यात किया गया।

सितम्बर 2023-24 सीजन का अंतिम महीना है और इसका आंकड़ा सामने आने पर पता चलेगा कि पूरे मार्केटिंग सीजन में सोयाबीन तथा सोयामील के उत्पादन, प्रसंस्करण तथा निर्यात की स्थिति कैसी रही।