किसानों को एमएसपी के स्थान पर अधिकतम मूल्य की अवधारणा पर चलना चाहिए: त्यागी

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केशवराय पाटन शुगर मिल को चालू करने का प्रयास होगा

कोटा। किसान नेता एवं बिहार से जनता दल यू के सांसद रहे केसी त्यागी ने कहा है कि किसानों को अपनी उन्नति चाहिए तो बोलना और दुश्मनों को पहचानना सीखना पड़ेगा। अन्नदाता का पेट खाली है और वह कर्जदार है। संभवतया इसीलिए देश में किसान की आत्महत्या कर रहा है।

त्यागी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा की 28वीं पुण्यतिथि पर शुक्रवार को हाडोती की किसान यूनियन द्वारा गुजराती समाज भवन में ग्राम स्वराज पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा ने अपने चरित्र से देश की राजनीति और समाज में स्थान बनाया। किसान नेता ने कहा कि देश में आज अनाज उत्पादन गेहूं और चावल का निर्यात किया जाता है। उसके बावजूद अन्नदाता की स्थिति खराब होना देश के लिए चिंता जनक है।

त्यागी ने कहा कि सत्ता के केंद्रीयकरण एवं पूंजीवाद के निर्माण स्वरूप से आर्थिक विषमताएं पैदा हुई हैं। राजनीतिक सत्ता और आर्थिक सत्ता कुछ लोगों के हाथों में केंद्रित हो गई है, जो देश के लिए खतरे की घंटी है। संगठित जनशक्ति ही इसे तोड़ सकती है। उन्होंने कहा कि केशवराय पाटन के किसानों से मुलाकात कर कहा कि लंबे समय से बंद पड़ी शुगर मिल को चालू करने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह से बात की जाएगी।

त्यागी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के स्थान पर अधिकतम समर्थन मूल्य की अवधारणा पर किसानों को चलना चाहिए। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि हमारे लिए गर्व की बात होगी कि सहकारिता के क्षेत्र में बंद पड़ी केशव राय पाटन शुगर मिल पुनः संचालित हो। किसानों की उन्नति से ही देश की उन्नति है।

उद्योगपति प्रेम भाटिया ने कहा कि केशोरायपाटन क्षेत्र में गन्ने का उत्पादन होता है, फिर क्यों शुगर मिल को चालू करने का निर्णय नहीं लिया जाता। जबकि पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है। उन्होंने गांव के हालात पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि कोई नौजवान गांव में नहीं रहना चाहता। यह एक दुखद स्थिति है।

प्रारंभ में हाडोती की किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने ग्राम स्वराज पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गांधी जी ने देश की स्थिति को समझते हुए गांव के मजबूती की बात कही जो आज भी प्रासंगिक हैं। देश को मजबूत बनाना है तो ग्राम व्यवस्था को फिर से खड़ा करना होगा। दशरथ कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम में कोटा विकास प्राधिकरण से कोटा एवं बूंदी जिले के गांव को मुक्त किया जाए। शुगर मिल का संचालन शीघ्र से शीघ्र हो।

इस अवसर पर हाडोती किसान यूनियन की नई कार्यकारिणी का गठन करने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि इसी के साथ धान उत्पादन श्रेष्ठ होने के बावजूद निर्यात नीति की किसान विरोधी है, जो भविष्य में भी किसानों को संतोषजनक मूल्य प्रदान करने की संभावना को नकारती है। गांधीवादी नेता सवाई सिंह ने बताया कि आर्थिक समानता पर कॉरपोरेट जगत काफी चोट कर रहा है और तीन प्रतिशत लोगों के लिए विकास की इबारत लिखी जा रही है।

नाथूराम मिर्धा को श्रद्धांजलि कार्यक्रम में समाजसेवी जीडी पटेल ने कहा कि किसान को अपनी मांग मनवानी है तो उन्हें संगठित होना पड़ेगा। खेत की मेड़ पर पेड़ लगाने एवं गोवंश के पालन पर ध्यान देना पड़ेगा, तभी उनकी स्थिति ठीक हो सकती है।

इस कार्यक्रम में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के विजय पालीवाल, पर्यावरणविद् बृजेश विजयवर्गीय, किसान नेता गिरिराज गौतम, नंदलाल मेघवाल, जगदीश कुमार आदि प्रमुख लोगों ने विचार व्यक्त किए।